Global warming: Global warming पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है और इससे निपटना अत्यधिक जरूरी है। पर यह है क्या और क्यों होता है और इससे निपटने के लिए दुनिया भर के देश क्या कदम उठा रहे हैं, आइए आज सब कुछ विस्तार में समझते हैं।
क्या है यह Global warming
इसका अर्थ इसके नाम में ही छिपा है, Global यानी पूरी दुनिया का, और warming यानि गरम होना या तापमान बढ़ना। तो इसका मतलब हुआ कि पूरी दुनिया में जो धीरे-धीरे गर्मी बड़ रही है इसी को Global warming कहते हैं। आपने शायद नोटिस भी किया हो कि कैसे गर्मी का मौसम बढ़ता जा रहा है और सर्दी का मौसम घटता जा रहा है, यह Global warming के ही कारण हो रहा है।
Global warming के कारण
Global warming का मुख्य कारण greenhouse gases होती हैं। पर यह greenhouse gases हैं क्या? greenhouse gases वो गैसे हैं जो सूरज की रोशनी को absorb करती हैं और फिर उस energy को release करके वातावरण को गरम कर देती हैं। यह गैसे उस energy को धरती के वातावरण से बाहर नहीं जाने देती और उससे पैदा हुई गर्मी को अंदर ही trap कर लेती हैं। इस तरह greenhouse gases Global warming का कारण बनती हैं। सबसे प्रमुख greenhouse gases carbon dioxide और Methane हैं। यह गैसे वैसे तो natural process से ही बनती हैं पर कुछ human activities भी हैं जो इनके बढ़ने का कारण हैं। जैसे fossil fuels को जलाना, बहुत बड़ी मात्रा में पेड़ों का कटना या ऐसी industries लगाना जो वायु प्रदूषण फैलाती हैं।
Global warming से होने वाले नुकसान
Global warming climate change का सबसे बड़ा कारण है। इसकी वजह से मौसमों में अनिश्चित बदलाव होते हैं। कहीं बहुत ज्यादा गर्मी होती है तो कहीं बहुत ज्यादा ठंड, कहीं बहुत ज्यादा बारिश होती है तो कहीं सूखा पड़ जाता है। 1880 के बाद से average global temperature में लगभग एक degree Celsius की बढ़ोतरी हुई है और वैज्ञानिकों का मानना है कि 2035 तक average global temperature 0.3 से 0.7 degree Celsius तक और बढ़ सकता है। इसी कारण glacier पिघल रहे हैं और रेगिस्तान पसरते जा रहे हैं। कई जानवरों की प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं और जाने कितनी Global warming के चलते विलुप्त होने की कगार पर हैं।
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क्या Global warming और climate change एक ही बात है?
नहीं, Global warming और climate change एक बात नहीं है पर हां यह एक दूसरे से संबंधित हैं। Global warming दुनिया में बढ़ते तापमान को बताता है, और यह climate change का ही एक हिस्सा है। वहीं climate change में वायुमंडल में मौजूद गैसों का उत्सर्जन, समुद्र स्तर का बढ़ना, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बदलाव, और बहुत ज्यादा बर्फबारी जैसी चीजें आती हैं। आसान भाषा में यह कहा जा सकता है कि climate change किसी भी प्रकार का प्राकृतिक बदलाव है और Global warming उसी का एक प्रमुख हिस्सा है।
Global warming को रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं।
अगर आप सोच रहे हैं कि क्या आप इसको control करने में कोई मदद कर सकते हैं तो हा बिल्कुल, बूंद बूंद से ही सागर बनता है। हम अपनी तरफ से कुछ कदम उठा सकते हैं जैसे किसी भी प्रकार का प्रदूषण होने से रोकना, जिसके लिए आप पर्सनल गाड़ी की जगह public transport का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर साईकिल चला सकते हैं, कचरा न फैलाएं, नदियों और नहरों को साफ रखें। इसके अलावा बिजली, पानी या किसी भी संसाधन को बर्बाद होने से बचाना और पेड़ लगाना भी Global warming को कन्ट्रोल करने में मदद कर सकता है।
राजनेताओं की आवाज़!
दुनिया भर के राजनेता भी Global warming और climate change पर अपनी चिंता जता चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “जलवायु परिवर्तन से केवल सम्मेलन की मेज़ों से नहीं लड़ा जा सकता। इसे हर घर में खाने की मेज से लड़ना होगा।” इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडन का बयान है कि “global warming के खिलाफ हमें समृद्धि से नहीं, साझेदारी से निबटना होगा। हमें अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग करना होगा।Global warming के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
Global warming से लड़ने के लिए कई देश अब solar energy, wind energy, और hydro energy का प्रयोग अधिक से अधिक कर रहे हैं। Earth day और environment day मनाना Global warming को कम करने का ही एक तरीका है। इन दिनों पर एक बहुत बड़ी मात्रा में पेड़ लगाए जाते हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इसके अलावा Global warming को कंट्रोल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई समझौते भी किए गए हैं। जैसे 1997 का क्योटा समझौता, 2015 का पेरिस समझौता। इसके अलावा Intergovernmental panel on climate change नाम का संगठन भी बनाया गया है जिसकी रिपोर्ट्स Global warming की समस्या को समझाने और समाधान निकालने में मदद कर रही हैं।
अगर हमें ग्लोबल वॉर्मिंग को कंट्रोल करना है तो इसके बारे में बात होते रहना और लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। जैसे गुलजार ने लिखा था कि “जलवायु परिवर्तन से है सवाल, प्रकृति को है खतरा, है संकट का हाल। कहो न कहो, पर सुनो तो सही, धरा के हिस्से हैं हम सभी।” और इनके अलावा अमेरिका की फेमस एक्ट्रेस और ऑथर Marlee Matlin ने भी लिखा था। “Earth does not belong to us: we belong to Earth.” जिसका अर्थ है कि “ये धरती हमारी नहीं है, हम इस धरती के हैं।