Love Jihad : “लव जिहाद” आजकल काफ़ी सुर्खियों में हैं,ऐसा न हैं कि ये शब्द अभी का जन्मा हो,ये बहुत दिनों से बहुसंख्यकों के द्वारा बीच बीच में लव जिहाद जैसे मुद्दे को उठाया जाता रहा हैं रह रह कर ये मुद्दे अचानक सुर्खियां बन जाते हैं लेकिन “लव जिहाद” हैं क्या इसे पहले समझा जाएं…..!!
लव का अर्थ प्यार होता हैं ये तो सबों को पता हैं
लेकिन ये “जिहाद” एक उर्दू लब्ज हैं जिसका जिक्र कुरान-ए-पाक में कुल 41 बार किया गया हैं ये इस्लाम को जोड़ने का प्रतिक हैं लेकिन आज “जिहाद” का नाम सुनते हीं दुनियाँ कांप उठती हैं !!
क्योंकि कुछ ईस्लामी धर्म गुरु “जिहाद” के अर्थ को गैरईस्लामी बता कर शैतान का दर्जा दें दिया गया उनके कहें अनुसार हर काफ़िर के गर्दन के ऊपर ईस्लामी शमसिर होनी चाहिए (गैर इस्लामियों का खात्मा) मुस्लिमों को छोड़ कर इस दुनियाँ में किसी को जीवित न छोड़ा जाएं !!
धर्मगुरु सिखलाते हैं कि ईस्लाम खतरे में हैं जिसके लिए जिहाद करना पड़ेगा जिससे ऊपर वाला उन्हें सीधे जन्नत अता फरमाएंगे….जिहाद जैसे शब्द को इस तरह ईस्लामी कट्टरपंथी धर्मगुरु बताते हैं कि जिससे एक “कट्टर जिहादी” पैदा हो जाता हैं !!
इसमें “Love Jihad” भी शामिल हैं गैरईस्लामी लड़कियों से निकाह कर उसे मुस्लिम बनाना भारत के बहुसंख्यक समुदाय ने इसे “लव जिहाद” Love Jihad का नाम दें डाला उनके अनुसार मुस्लिम लड़के हिंदु लड़कियों को प्यार का झांसा देकर ईस्लाम कबूल करवा निकाह करते हैं,,लेकिन क्या ये एक तरफा आरोप न होगा…..चर्चा का विषय हैं और सोचना भी चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा हैं ??
सैमसंग गैलेक्सी s24 सीरीज लांच होने से काफी पहले जानें इस फ़ोन ख़ास फीचर्स और कीमत
दरअसल आज कि लड़कियाँ बॉयफ्रेंड बनाती हैं फिर ब्रेकप कर दुसरा बॉयफ्रेंड बना डालती हैं इसमें तो सरासर लड़कियों का भी दोष हैं वो खुद के माँ बाप के खिलाफ जाकर बॉयफ्रेंड बना डालती फिर ब्रेकप करती हिंदु लड़कें तो इस ब्रेकप से गमगीन होकर चुप बैठ जाते हैं लेकिन कट्टरपंथी गैरहिंदु ब्रेकप कि बात सुन खुद कि कट्टरता दिखाते हुए बदले कि भावना बना कर लड़की को जान से हीं मार डालतें हैं या फिर लड़की मान गईं तो निकाह कबूल करवाया जाता हैं !! Love Jihad
घरवालों को पता भी चल गया कि गैरहिंदु के साथ बेटी Relation में हैं तो वें बेटी को डांटते और कड़ी नाराजगी दिखाते हैं समाज कि दुहाई तक दें डालते हैं लेकिन लड़की खुद के सगे बाप से भी लड़ जाती हैं या फिर माँ बाप कि बातों को इस प्रकार अनदेखा कर रिश्ते को कायम रखती हैं जिससे खुद को “आजाद” पंछी बन खुले आसमान में पँख फैलाये उड़ रहीं हो !!
अब बेटी ने खुद के फैंसलें खुद लेने शुरु कर दिये घर वालों के विरोध जाकर सबसे पहले उसने ईस्लाम कबूला फिर अब्दुल से निकाह कर ली !!
यें खबर ज़ब घर वालों को पता चला तो सबों के आँख भर आयें भाई गुस्से में भर खुद से बातें करने लगता हैं फिर रोती हुई माँ बेटे को शांत रहने को बोलती हैं लेकिन भाई गुस्से पानी से भरे ग्लास को जमीन पे पटकते हुए घर से बाहर कि ओर निकल जाता हैं माँ और भी व्याकुल हो रोने लगती हैं “बाप कुछ न कहता बिल्कुल शांत लकड़ी के बने पिताजी वाली कुर्सी पे चुपचाप घंटो बैठा रहता हैं !!”
Love Jihad
ज़ब बाप घर से बाहर निकलता हैं तो उन्हें अचानक एहसास होता हैं कि आज शर्माजी ने मुझे देख कर अनदेखा कर डाला मेरे टोकने पर भी,बिना कुछ बोलें मुंह फेर आगे बढ़ चले….यादव जी ने भी मेरी ओर देखा तक नहीं 20 वर्षों कि मित्रता एक क्षण में तोड़ डाली !!
अब तो पान कि दुकान पे बैठा चौरसिया भी आज आवाज न लगाया पहले तो दुर से आते देख हीं मेरी पान बनाकर तैयार कर देता था “दबें मन से लज्जा वस बाप खुद के सर को झुकायें घर कि ओर झुके नजरों से हृदय से रोता हूआ घर लौटता हैं और सोचता हैं कि हमनें कौन सी गलती कि,,,,बेटी कि सजा वें और उनके परिवार वाले क्यों भुगत रहें हैं सोच कर आँखों से नीर टपकने लगता हैं !!
बेटी को निकाह किये अब महीना भर बीत चुका हैं वो हिजाब पहन पाँच वक्त नमाज पढ़ती हैं अब उसे लगने लगता हैं कि ईस्लाम काफी कठोर हैं अब अब्दुल भी पहले जैसा न रह गया उसकी बोलीं बदली बदली लग रहीं हैं घंटों किसी से फोन पे बात करता रहता हैं बाद में पता चलता हैं कि अब्दुल तो किसी और दुसरी लड़की से बात कर रहा हैं पूछे जाने पे “अब्दुल चिल्लाता हूआ कह डालता हैं कि ईस्लाम में चार निकाह जायज हैं,और तुमसे पहले वाली बीवी का नाम शादिया हैं” अब लड़की को समझ आता हैं कि यें तो एक “जिहाद” का शिकार बन चुकी हैं फिर विरोध करती हैं तो अंत में अब्दुल के भीतर का “कट्टर जिहाद” जागता हैं फिर अंत में अब्दुल के हाथों लड़की दर्दनाक मौत का शिकार बन जाती हैं !!
‘इसमें दोषी कौन” अब्दुल जिसका मकसद साफ हैं “जिहाद” !!
वो लड़की जो खुले विचारों से भरी खुद के फैंसलें खुद लेने वाली या फिर वो माँ बाप जिसनें बचपन से बेटी के हर ख्वाब को पुरा किया अच्छा पढ़ाया और खुद के हैसियत से बढ़कर सुविधा दी फ़ैसला आपके ऊपर छोड़ता हुँ, क्योंकि हर घर में बेटियां हैं और हर गली मोहल्ले में “अब्दुल” घुम रहा हैं……