एक्जिट पोल सच होगा या फिर नहीं |||

Shashikant kumar
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एक्जिट पोल

विभिन्न एजेंसियों ने अपना एक्जिट पोल का आंकड़ा को प्रकाशित कर दिया वहीं दुसरे तरफ़ इंडिया गठबंधन ने इन एक्जिट पोलो का बॉयकॉट कर दिया। इंडिया गठबंधन तरफ़ स्पष्ट तौर कहा गया है कि गोदी मिडिया का एक तरह से जनता को गुमराह कर रहा है, ये बातें विपक्ष का तरफ़ से कहा जा रहा है।

एक्जिट पोल
एक्जिट पोल

एक्जिट पोल

 

 

  कई मौके पर एग्जिट पोल

 

जब बात EXIT poll की आती है तो कई ऐसे मौके आए हैं ,जब एक्जिट पोल के आंकड़े  में बताएं गये उस से विपरीत नतीजा आपको देखने को मिला है। जरूरी नहीं है कि हर बार एक्जिट पोल सही ही हो, जब बात विश्वसनियता आती हैं तो इसमें कुछ ही एक्जिट पोल खड़े उतर पाए हैं।उदाहरण तौर ये लिजिए कि , अंतिम पेज़ क़रीब 57  सीटों पर वोटिंग चल रहा था,उसके कुछ देर बाद ही एक्जिट पोल के नतीजे प्रकाशित किया जाना लगा। ज़रा आप सोचिए जब इतनी जल्दबाजी में आंकड़े प्रकाशित होगा उसमें कितना उम्मीद सच साबित हो जाएगा। 

 

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EXIT Poll सबसे बड़ा कमी 

 

एक्जिट पोल करने वाले ज्यादातर एजेंसी काफी छोटा सैंपल साइज रखते हैं इसका बड़ा कारण ये है कि ये एजेंसी ज्यादा बड़ी सैंपल साइज लेती तो उसमें खर्च ज्यादा होता है, इसलिए ज्यादातर एजेंसी काफी कम लोगों से राय लेती उसी आधार पर ये लोग सभी 543 सीटों का सीटों आंकलन बता देता है।

 

2024 की रणभूमि एक्जिट पोल कितना सही होगा 

 

जब बात 2024 की रणभूमि में एक्जिट पोल का करें तो ये बात स्पष्ट है कि इस बार भी कांग्रेस 100 आंकड़ा तक नहीं पहुंच पाएगा और इंडिया गठबंधन एनडीए के मुकाबले जरूर मजबूत है लेकिन वो युग समाप्त हो चुका है,जब जाति आधार वोट पड़ते थें लेकिन वर्तमान वो समय नहीं।इस बार वोट जाति आधार नहीं पड़ रहा है बल्कि कि धर्म का फेक्टर महत्वपूर्ण रहा है।

 

हिन्दू मुस्लिम का सियासत खुब चला 

 

इस बार भी ग्राउंड पर हिन्दू मुस्लिम का सियासत कुछ खुब चला है, भले ही राम मंदिर उस तरह से मुद्दा नहीं बन सका जैसा कि 2019 में राष्ट्रवाद चुनावी मुद्दा बन गया था,शायद बीजेपी के रणनीतिकारों से एक ग़लती भी हो गया जैसे कि राम मंदिर स्थान पर पीओके को अगर चुनावी मुद्दा बनाएं होता तो आज परिस्थितियां हिन्दी पट्टी के राज्यों में कुछ और ही होता है तब शाय़द जो नुकसान हिन्दी पट्टी के राज्यों में हुआ है, वो नहीं होता।

 

मैं पहला विश्लेषक था जो कि एक साल पहले से कह रहा था कि 2024 की रणभूमि में बीजेपी दक्षिण राज्यों पिछले बार ज्यादा सीटें जीतेगा आज एक्जिट पोल अनुमान उसी दिशा तरफ़ बढ़ रहा है।जब में पिछले एक साल कह रहा था कि दक्षिण में सीटों की संख्या बढ़ेगा तो उस समय कई ऐसे लोग जो कि मज़ाक बना रहे थे।हालांकि अब जब एक्जिट पोल के अनुमान उसी दिशा तरफ़ बढ़ रहा है तो इस बात कोई इंकार नहीं कर सकता था कि दक्षिण में इस बार भगला लहराएगा।

 

खैर अभी किसी भी नतीजे पर जाना जल्दबाजी होगा क्योंकि अभीतक इवीएम बाक्स नहीं खुला है। चार जुन के बाद ही हम कह सकते हैं कि दक्षिण राज्यों में इस बार बीजेपी जीत पाई या फिर नहीं। 

 

 चार पार या फिर नहीं 

 

संसद के पटल जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस बार वो चार सो पार होने वाले है। पीएम मोदी ऐसा नेगेटिव सेट कर दिया कि लोग बीजेपी के हारने या जीतने बात नहीं कर रहे थें बल्कि कि चार सो पार होगा या फिर नहीं? लोगों ने पहले से ही मान लिया कि बीजेपी सरकार में वापस आ रहीं हैं। पीएम ने बड़ा चालाकी खेला कि जानबूझकर अबकी बार चार सो पार नारा दिया, यूं कहिए कि विपक्ष को पुरी तरह मोदी अपने चक्रव्यूह घेर चुकें थे।

 

विपक्षी नेताओं ने ये कहना शुरू कर दिया कि इस बार एनडीए चार सो पार नहीं कर पाएगा। यूं कहिए कि पीएम मोदी ने चर्चा का विषय ही बदल दिया। पीएम मोदी जनता बीच एक बात स्पष्ट कर दिए थे कि किसी भी सुरत में देश में एक बार फिर से मोदी सरकार आ रहा है। इस कारण से भी इंडिया गठबंधन के पास सबकुछ रहते हुए एक बार फिर वो सत्ता दुर ही रहेंगे, क्योंकि जनता में मोदी मैजिक चल गया है।

 

वैसे कुछ एक्जिट पोल ऐसे भी जो कि स्पष्ट तौर पर कह रहा है कि बीजेपी इस बार चार पार करने जा रहा है। वहीं ज्यादातर एक्जिट पोल बीजेपी को चार सो क़रीब पहुंचा रहा है,हालांकि असल मायने नतीजा कल सुबह को ही आएगा।।

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शशिकांत कुमार युवा लेखक राजनीति, 2024 की रणभूमि पुस्तक के लेखक। पिछले कई चुनावों से लगातार ही सबसे विश्वसनीय विश्लेषक।।।