मौनी अमावस्या 2025 कब है? जानें क्या करें और क्या न करें इस शुभ दिन पर

Shubhra Sharma
3 Min Read
मौनी अमावस्या 2025 कब है?
मौनी अमावस्या 2025 कब है?

मौनी अमावस्या 2025 कब है? Mauni Amavasya Ke Din Kya Karna Chahiye: माघ मास के कृष्णपक्ष की अंतिम तिथि को मनाई जाने वाली मौनी अमावस्या सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इस दिन गंगा स्नान, भगवान शिव की पूजा और मौन व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है, जो कई शुभ योगों के साथ आएगी। आइए जानें, इस दिन के महत्व, शुभ योग, मुहूर्त और क्या करें और क्या न करें।

मौनी अमावस्या 2025 कब है?
मौनी अमावस्या 2025 कब है?

मौनी अमावस्या 2025 कब है?

मौनी अमावस्या 2025: शुभ योग

  1. शिववास योग
  • इस मौनी अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है।
  • 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे तक शिववास योग रहेगा।
  • मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव कैलाश पर्वत पर मां गौरी के साथ विराजमान रहते हैं।
  1. सिद्धि योग
  • सिद्धि योग रात 9:22 बजे तक रहेगा।
  • इस योग में भगवान शिव की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है।
  • इसके साथ श्रवण और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र भी शुभ फलदायी होंगे।

Vi रिचार्ज प्लान गाइड 2025: हर जरूरत के लिए एक प्लान

मौनी अमावस्या 2025: शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जनवरी, शाम 7:35 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 29 जनवरी, शाम 6:05 बजे
  • उदयातिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी।

मौनी अमावस्या पर क्या करें?

  1. गंगा स्नान: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान जरूर करें।
  2. भगवान की पूजा: भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और मां गंगा की पूजा करें।
  3. मौन व्रत या उपवास: मौन रहना या व्रत रखना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
  4. तुलसी पूजा: शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं।
  5. दान-पुण्य: अन्न, धन, वस्त्र, और जरूरतमंदों को दान करें।
  6. सूर्य अर्घ्य: सुबह सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
  7. मंत्र जाप: “ॐ पितृ देवतायै नम:” मंत्र का 11 बार जाप करें।

मौनी अमावस्या पर क्या न करें?

  1. तामसिक भोजन से बचें: मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन न करें।
  2. वाद-विवाद से दूर रहें: किसी से झगड़ा या बहस न करें।
  3. सुबह देर तक न सोएं: सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करें।
  4. झूठ न बोलें: इस दिन सत्य और शांति का पालन करें।
  5. बाल या नाखून न काटें: धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करना अशुभ होता है।
  6. तुलसी पर जल न चढ़ाएं: तुलसी को जल अर्पण करना इस दिन वर्जित है।

निष्कर्ष

मौनी अमावस्या आत्मशुद्धि और भगवान शिव की कृपा पाने का एक पवित्र अवसर है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, ध्यान और दान-पुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शुभ योगों का लाभ उठाने के लिए धार्मिक नियमों का पालन करें और जीवन में सकारात्मकता लाएं।

Share This Article