भारत-पाक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 से ज़्यादा निर्दोष नागरिकों की जान गई है, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल थे। इस भयावह हमले की ज़िम्मेदारी “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ आतंकी संगठन है। इस घटना के बाद भारत में ग़ुस्से की लहर दौड़ गई है और एक बार फिर पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है।

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने जंग का ऐलान कर दिया है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही यह खबर सुनी, उन्होंने सऊदी अरब से लौटते ही दिल्ली एयरपोर्ट पर ही एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और सेना के प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “हम इस कायराना हमले को कतई नहीं भूलेंगे। जिसने भी ये नापाक हरकत की है, उसे उसकी औकात दिखाकर रहेंगे। भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर ज़रूरी कदम उठाएगा।” इस बयान ने साफ कर दिया कि इस बार जवाब सिर्फ निंदा तक सीमित नहीं रहेगा — इस बार जवाब दुश्मन की धरती पर घुसकर दिया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने खुद पहलगाम का दौरा किया और घटनास्थल का जायज़ा लिया। उन्होंने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की और जांच एजेंसियों को 48 घंटे में प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी सक्रिय हो चुकी है और जांच का दायरा पाकिस्तान समर्थित नेटवर्क तक बढ़ाया जा रहा है। इस बीच, सेना ने कश्मीर के अनंतनाग में जवाबी कार्रवाई करते हुए हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है, जिनमें एक टॉप कमांडर भी शामिल था। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब बचाव की मुद्रा में नहीं, बल्कि आक्रामक कार्रवाई के मूड में है।
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ऐसे हालात में सवाल उठता ये नहीं कि भारत कैसे वार करेगा बल्कि ये है कि कब वार करेगा। क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं? भारत ने भले ही औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा नहीं की है, लेकिन जिस तरह से सरकार और सेना के तेवर दिखाई दे रहे हैं, उससे यह तय माना जा रहा है कि इस बार पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब मिलेगा।
युद्ध में कितनी है भारत की ताकत?
भारत की सैन्य ताकत आज किसी से कम नहीं है। भारतीय सेना में लगभग 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि पाकिस्तान के पास करीब 6.5 लाख सैनिक हैं। परमाणु हथियारों की संख्या दोनों देशों के पास लगभग बराबर है, लेकिन भारत के पास एडवांस टेक्नोलॉजी, सटीक मिसाइल सिस्टम, और लॉजिस्टिक सपोर्ट कहीं अधिक मज़बूत है। भारत के पास राफेल, सुखोई, तेजस जैसे फाइटर जेट्स हैं, वहीं नौसेना में INS विक्रांत जैसा एयरक्राफ्ट कैरियर मौजूद है। भारत की वायुसेना के पास 2100 से ज्यादा एयरक्राफ्ट हैं, जबकि पाकिस्तान के पास ये संख्या लगभग 1300 है। टैंकों की बात करें तो भारत के पास 4500 से ज्यादा टैंक हैं जबकि पाकिस्तान के पास ये संख्या लगभग 2500 है। भारत का रक्षा बजट 75 बिलियन डॉलर से भी ऊपर है, जबकि पाकिस्तान का बजट मात्र 11 बिलियन डॉलर के आसपास है। इन आंकड़ों से साफ है कि अगर युद्ध हुआ, तो भारत तकनीकी, रणनीतिक और सामरिक रूप से पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा।
अगर जंग छिड़ती है तो… कितने दिन में होगा फ़ैसला?
सैन्य विशेषज्ञों की मानें तो अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ता है और उसमें तीसरा देश जैसे चीन हस्तक्षेप नहीं करता, तो भारत इस युद्ध को 7 से 10 दिनों के भीतर निर्णायक रूप से जीत सकता है। भारत की सेना आज सिर्फ मैदान में ही नहीं, बल्कि आसमान और समंदर में भी अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में सक्षम है।
भारत कैसे ले सकता है बदला?
अब बात आती है बदला कैसे लिया जाएगा। भारत के पास कई विकल्प मौजूद हैं। सबसे पहला विकल्प है सर्जिकल स्ट्राइक — पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर एक बार फिर उसी अंदाज़ में हमला किया जाए, जैसा 2016 में हुआ था। दूसरा विकल्प है एयर स्ट्राइक — जैसे बालाकोट में किया गया था, उसी तरह आतंकी अड्डों को तबाह किया जा सकता है। तीसरा तरीका है पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करना, उसे FATF जैसी संस्थाओं में ब्लैकलिस्ट कराने की कोशिशें तेज़ करना। चौथा विकल्प है आर्थिक प्रहार — पानी की आपूर्ति पर रोक, व्यापारिक रिश्तों को सीमित करना, वीज़ा सुविधाएं बंद करना आदि। इसके अलावा भारत साइबर वॉरफेयर के ज़रिये पाकिस्तान के रक्षा और बैंकिंग सिस्टम को भी पंगु बना सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश बहुत स्पष्ट है — अब भारत केवल चेतावनी नहीं देगा, बल्कि एक्शन करेगा। ये नई भारत की नीति है, जो “एक के बदले दस” के सिद्धांत पर चलती है। भारत अब शांति की नहीं, सुरक्षा और सम्मान की बात करता है। और जब-जब किसी ने भारत की तरफ आंख उठाई है, जवाब हमेशा दुगुना दिया गया है।
अब पूरी दुनिया की निगाहें भारत के अगले कदम पर हैं। और भारत की निगाहें उस दुश्मन पर, जिसने इंसानियत पर वार किया है। इस बार गोली, जवाब में गोली नहीं, बल्कि गर्जना होगी — भारत की जीत की गर्जना।