Sawan Monsoon Shayari: सावन बारिश शायरी मानसून भी आ गया और अब श्रावण मास भी आ जाएगा। मानसून और श्रावण का सीज़न प्रेमी युगल के लिए ख़ास होता है आईए इस रोमांटिक मौसम के लिए कुछ ख़ास शायरी आपके लिए लेकर आए जो कि आप अपने प्रेमिका या पत्नी को शेयर कर सकते हैं।

Sawan Monsoon Shayari
मैंने बस तुझे याद किया मुझे कहा मालूम था कि ये आसमां भी रो पड़ेगा तेरी यादों में।
- शशिकांत कुमार
बारिश इस कदर हुईं मेरे शहर में मानों तुम मेरी शहर में हो।
- शशिकांत कुमार
और बाज़ार से क्या ले जाऊँ
पहली बारिश का मज़ा ले जाऊँ
– मोहम्मद अल्वी
भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम किस राज्य में रहते हैं??
आज की शाम गुज़ारेंगे हम छतरी में
बारिश होगी ख़बरें सुन कर आया हूँ
– इलियास बाबर आवान
दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आई
फिर ये बारिश मिरी तन्हाई चुराने आई
– कैफ़ भोपाली
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गई
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गई
मैंने छूकर देखा बूंदों को तो
हर बूंद में आपकी तस्वीर नजर आ गई !
ओस से प्यास कहाँ बुझती है
मूसला-धार बरस मेरी जान
-राजेन्द्र मनचंदा बानी
दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़
अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़
शबाब ललित
कोई कमरे में आग तापता हो
कोई बारिश में भीगता रह जाए
-तहज़ीब हाफ़ी
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।
बारिश की बूंदें जब जमीं पे गिरें,
हर बूँद में सजें, सपनों के घिरे।
इस मौसम की मिठास, दिल को भाए,
हर धड़कन में नई उमंग जगाए।
दिल में हैं कुछ ज़ख़्म पुराने धो लेंगे
– सदार आसिफ़
कल तिरे एहसास की बारिश तले
मेरा सूना-पन नहाया देर तक
– नीना सहर
बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में
– नज़ीर क़ैसर