Ratan Tata networth: इस समय पुरे देश-भर में शोक लहर भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन बुधवार की शाम को हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा 86 साल के थे।पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। रतन टाटा का नाम भारतीय उद्योग जगत में एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ और वे टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। रतन टाटा ने भारतीय व्यापारिक जगत को एक नई दिशा दी है, लेकिन इसके साथ ही वे अपनी विनम्रता और परोपकारी स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। टाटा समूह की कंपनियों में उनकी देखरेख में बड़ी सफलताएँ हासिल की गईं, जिसमें टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी दिग्गज कंपनियाँ शामिल हैं। हालांकि, उनकी व्यक्तिगत संपत्ति उतनी अधिक नहीं मानी जाती जितनी उनकी कंपनियों की है। इसका कारण है कि टाटा की अधिकांश संपत्ति टाटा ट्रस्ट्स के पास है, जो समाज सेवा और परोपकार के कार्यों में लगी रहती है।
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रतन टाटा की नेट वर्थ (Ratan Tata networth)
रतन टाटा की नेट वर्थ व्यक्तिगत रूप से बहुत कम आंकी जाती है, क्योंकि उनके स्वामित्व में टाटा समूह की अधिकांश हिस्सेदारी नहीं है। टाटा ट्रस्ट्स, जो टाटा संस के 66% हिस्से के मालिक हैं, का लक्ष्य समाज की सेवा है। रतन टाटा की व्यक्तिगत संपत्ति लगभग $1 बिलियन (लगभग 8300 करोड़ रुपये) मानी जाती है, लेकिन टाटा समूह की समग्र संपत्ति इससे कहीं अधिक है। वे हमेशा इस बात पर जोर देते रहे हैं कि संपत्ति से अधिक महत्व समाज सेवा और लोगों की भलाई का है। यह उनका दृष्टिकोण ही है जिसने उन्हें एक सफल व्यवसायी से बढ़कर एक समाज सुधारक के रूप में पहचान दिलाई।
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कैसे अधुरी रह गई प्रेम कहानी (Ratan Tata love story)

रतन टाटा का निजी जीवन भी उनके व्यक्तित्व की तरह सादगीपूर्ण और दिलचस्प है। बहुत कम लोग जानते हैं कि रतन टाटा एक बार शादी करने वाले थे, लेकिन कुछ परिस्थितियों के कारण उनकी यह योजना अधूरी रह गई। रतन टाटा लॉस एंजिल्स में काम कर रहे थे जब उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ। वे दोनों शादी करने के करीब थे, लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान लड़की के माता-पिता ने उसे भारत आने की इजाजत नहीं दी। इसी समय रतन टाटा की दादी की तबियत भी खराब थी, जिससे वे भारत लौट आए। इसके बाद उनका यह रिश्ता समाप्त हो गया, और रतन टाटा ने जीवनभर अविवाहित रहने का निर्णय लिया।रतन टाटा का जीवन न केवल व्यापारिक दृष्टि से बल्कि निजी दृष्टिकोण से भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सरलता, परोपकार की भावना, और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी का बोध उन्हें भारत के महानतम व्यक्तियों में शुमार करता है।