Surya Grahan 2025: 29 मार्च 2025 साल का पहला सूर्य ग्रहण और 2025 में कुल कितने ग्रहण होंगे?

Shubhra Sharma
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Surya Grahan 2025
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Surya Grahan 2025: 29 मार्च 2025 साल का पहला सूर्य ग्रहण और 2025 में कुल कितने ग्रहण होंगे?ग्रहण हमेशा से मानवता के लिए जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र रहे हैं। यह खगोलीय घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। 29 मार्च 2025 को, यह दुर्लभ मौका फिर से देखने को मिलेगा जब साल का पहला सूर्य ग्रहण आसमान में अपना अनोखा नजारा पेश करेगा। आइए जानते हैं इस ग्रहण की पूरी जानकारी और 2025 में होने वाले अन्य ग्रहणों के बारे में।

Surya Grahan 2025
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साल का पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च 2025

29 मार्च 2025 को एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा। यह भारत समेत एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इस खगोलीय घटना का समय इस प्रकार है:

  • ग्रहण की शुरुआत: सुबह 10:00 बजे (IST)
  • ग्रहण का मध्यकाल: 11:15 बजे
  • ग्रहण समाप्ति: दोपहर 12:30 बजे

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इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 40% भाग को ढक देगा। यह दृश्य विज्ञान के छात्रों, खगोल प्रेमियों और आम जनता के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगा।

ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये कम।

सूर्य ग्रहण को लेकर सावधानियां

सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ आवश्यक सावधानियां अपनाना बहुत जरूरी है:

  1. नंगी आंखों से ग्रहण न देखें: सूर्य को सीधे देखने से आंखों को गंभीर क्षति हो सकती है।
  2. सोलर फिल्टर का उपयोग करें: ग्रहण को देखने के लिए केवल प्रमाणित सोलर फिल्टर या सोलर व्यूअर का उपयोग करें।
  3. घरेलू उपायों से बचें: साधारण चश्मा, एक्स-रे शीट, या पानी में सूर्य का प्रतिबिंब देखना सुरक्षित नहीं है।

2025 में कुल कितने ग्रहण होंगे?

वर्ष 2025 में कुल 4 ग्रहण होंगे, जिनमें 1 सूर्य ग्रहण और 3 चंद्र ग्रहण शामिल हैं। इन ग्रहणों की पूरी सूची इस प्रकार है:

  1. सूर्य ग्रहण:
  • 29 मार्च 2025: आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)।
  1. चंद्र ग्रहण:
  • 14 मार्च 2025: आंशिक चंद्र ग्रहण।
  • 7 सितंबर 2025: उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)।
  • 3 अक्टूबर 2025: आंशिक चंद्र ग्रहण।

इन ग्रहणों में से प्रत्येक को सुरक्षित रूप से देखने के लिए सही समय और स्थान की जानकारी जरूरी है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं

ग्रहण को लेकर विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में विशेष मान्यताएं प्रचलित हैं। भारत में ग्रहण को शुभ-अशुभ मान्यताओं से जोड़ा जाता है। इस दिन लोग विशेष पूजा-पाठ, दान और ध्यान करते हैं। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण लगने के बाद तक रहता है इसलिए ग्रहण के दौरान भोजन करना और पानी पीने से बचने की परंपरा भी है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण का महत्व

सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान:

  • खगोलविद पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के परस्पर संबंधों का अध्ययन करते हैं।
  • सूर्य के कोरोना (Corona) को बेहतर तरीके से देखा और समझा जा सकता है।
  • यह सौर विकिरण और पृथ्वी के वातावरण पर उसके प्रभाव को समझने का भी अवसर प्रदान करता है।

निष्कर्ष

29 मार्च 2025 का सूर्य ग्रहण न केवल एक खगोलीय घटना है, बल्कि यह हमें ब्रह्मांड की अद्भुत गतिशीलता का अनुभव करने का मौका भी देता है। सुरक्षित तरीकों से इस ग्रहण का आनंद लें और इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरूर साझा करें।

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