Heart Attack: आपने बहुत बार सुना होगा कि किसी को हार्ट अटैक पड़ गया, या हार्ट अटैक आ गया, तो यह हार्ट अटैक होता क्या है और किसको और क्यों पड़ता है, आइए आज हार्ट अटैक के बारे में सब कुछ जानते हैं।

Heart Attack
क्या है हार्ट अटैक ?
हार्ट अटैक को हिंदी में हृदयाघात और आम बोलचाल की भाषा में दिल का दौरा भी कहते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें दिल की मांसपेशियों को खून पहुंचाने वाली धमनियों में किसी तरह की कोई रुकावट आ जाती है और दिल को आक्सीजन मिलना बंद हो जाती है जिससे सीने में ज़ोर का दर्द होता है और फिर दिल काम करना बंद कर देता है। यह अचानक होता है और आमतौर पर चेतावनी के कोई संकेत नहीं होते हैं। अगर फौरन उपचार न मिले तो इससे इंसान की मौत भी हो सकती है।
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आपने आमतौर पर फिल्मों में हार्ट अटैक कुछ इस तरह का देखा होगा कि एक इंसान अपने सीने पर हाथ रखता है, उसे बहुत पसीना आ रहा होता है और वह दर्द से जमीन पर गिर पड़ता है। पर आपको बता दें कि यह एक प्रकार का हार्ट अटैक है जिसे डॉक्टर टिपीकल हार्ट अटैक कहते हैं। इसके अलावा साइलेंट हार्ट अटैक भी होता है, उसमें मरीज़ को वैसा दर्द नहीं होता जैसा आमतौर पर फिल्मों में दिखाया जाता है बल्कि सीने में एक अजीब सी बेचैनी होती है। और एक खास बात यह भी है कि हार्ट अटैक में सिर्फ सीने में नहीं बल्कि पीठ से लेकर हाथों तक दर्द हो सकता है।
क्यों होता है हार्ट अटैक ?
अब सवाल यह है कि हार्ट अटैक किसे और क्यों होता है, तो पहले अगर क्यों की बात करें तो हार्ट अटैक होने के कुछ मुख्य कारण ज्यादा वजन यानी मोटापा, बहुत ज्यादा धूम्रपान, हाई ब्लडप्रेशर, क्षमता से ज्यादा काम, हाई ब्लड शुगर लेवल आदि होते हैं।
इससे बचाव कैसे करें?
हार्ट अटैक से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली होना बहुत जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली से मतलब यह है कि आप रोज़ एक्सरसाइज करें, यह एक्सरसाइज भले ही टहलना मात्र क्यों न हो पर रोज़ होना चाहिए जिससे आपका शरीर सुस्त न हो, दूसरा बैलेंस्ड डाइट लें, बैलेंस्ड डाइट से मतलब यह है कि ऐसा खाना खाएं जिसमें आपको हर न्यूट्रियंट मिले सिर्फ प्रोटीन या सिर्फ फैट नहीं। तीसरा सिगरेट और शराब से बचें, नशा तो वैसे भी हज़ार बीमारियाँ अपने साथ लाता है जिसमें से यह हार्ट अटैक एक है। और जीवन में ज्यादा टेंशन न लें। टेंशन लेने से सिर्फ बीपी बढ़ता है समस्या हल नहीं होती।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
अगर आपको लगे कि आपको हार्ट अटैक आ रहा है तो आपको चेस्ट पेन, सांस की तकलीफ, हाथ या कंधों में दर्द, छाती में बहुत ज्यादा भारीपन जैसे लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। इस स्थिति में तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करना चाहिए और अकेले नहीं रहना चाहिए। और अगर आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आया है तो उस व्यक्ति को लिटा दें, उसकी सांस लेने में मदद करें और उन्हें आराम दें। यदि उनके पास डॉक्टर की सुझाई कोई दवाई है, तो वो उन्हें दें। उस व्यक्ति को सहानुभूति और समर्थन दें, न खुद पैनिक हों न उसे पैनिक होने दें और जल्द से जल्द अस्पताल लेकर पहुंचे।
जवानों में हार्ट अटैक
आज कल जवानों में भी हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि बाहर का खानपान, बिज़ी लाईफ, बुरी आदतें, और कम शारीरिक गतिविधि। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली का पालन और रेगुलर चेकअप बहुत जरूरी हैं। बहुत से लोगों को ऐसा भ्रम होता है कि कोरोना की महामारी के बाद से जो कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक और ज्यादा बढ़ गए हैं वह कोरोना की वैक्सीन की वजह से हुआ है, पर ऐसा नहीं है। हार्ट अटैक का सबसे अहम कारण हमारी गलत जीवनशैली ही होती है, इसलिए हमें उसको सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
स्वस्थ मंत्री मनसुख मांडविया बयान
वैसे पिछले साल ही देश के देश के स्वस्थ मंत्री मनसुख मांडविया ने अक्टूबर 2023 में दिए एक बयान में बढ़ते हार्ट अटैक के पिछे जो कारण बताया वो ये था कि हृदयाघात के मामले की वजह कोविड को कहा है। उनका कहना है कि जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, उनमें हृदय रोग और कार्डियक अरेस्ट का रिस्क ज्यादा रहता हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट में भी इस बात का पुष्टि किया गया है कि जो लोग गंभीर रूप कोराना वायरस के शिकार हो चुके हैं उन्हीं लोगों में उनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक है। ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए एक या दो साल तक अधिक मेहनत या कसरत न करें। ऐसी कोई कसरत बिल्कुल नहीं करनी चाहिए जो पहले नहीं की।
कोरोना वायरस के बाद क्यों बढ़ रहा हार्ट अटैक के मामले
आखिर कोविड के बाद से ही हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहें हैं। इसकी वजह जानें के लिए जब रिसर्च हुई तब पता चला कि 100 से ज्यादा मरीजों की जांच की गई, जिनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।जांच रिपोर्ट के अनुसार, ये लोग कोरोना काल के दौरान संक्रमित हुए थे।कोविड सीधे दिल को प्रभावित कर सकता है।
कोरोना के कारण उनके हार्ट में क्लॉट बनने की बात सामने आई। हार्ट अटैक वाले मरीजों की जांच से मालूम चला कि कोविड के कारण दिल की आर्टरीज में खून के थक्के बन गए थे। क्लॉट के कारण उनके हार्ट को ब्लड पंप करने में समस्या होती है। इसी कारण से कोविड के बाद हार्ट अटैक हो रहा था।
क्या कोविड से पहले हार्ट अटैक युवाओं को नहीं आता
क्या कोविड से पहले युवाओं में हार्ट अटैक के मामले में ना के बराबर होता था। इस विषय पर हमें नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ ओपी यादव ने विदेशी। मिडिया बीबीसी से बात करते हुए कहा कि दो या तीन दशक पहले 40 से कम उम्र के सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों में ही हार्ट अटैक के मामले देखने को मिलते थे। डॉ ओपी का कहना है कि युवाओं को पहले भी हार्ट अटैक आता था। हालांकि कुछ सेलिब्रिटी की हार्ट अटैक से मौत की खबर आने के बाद इसकी चर्चा काफी बढ़ गई।ये कहा जाने लगा कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं।
हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है, जिससे बचाव में सतर्कता और संवेदनशीलता की आवश्यकता है। इसके बारे में खुद भी जानकारी रखें और दूसरों को भी दें ताकि हार्ट अटैक जैसी जानलेवा समस्या से लोग बच सकें।