Bihar Caste Survey Economic Report: बिहार में जातिगत जनगणना के बाद अब ग़रीबी के आंकड़े भी सामने आ चुके हैं यानी आर्थिक जनगणना अब सामने आ चुका है किस जाति में कितनी ग़रीबी है ये अब मालूम पड़ चुका इसके अलावा शैक्षणिक आंकड़े भी जारी किए गये है।बिहार में शैक्षणिक आंकड़े सामने आए हैं। इसके अनुसार बिहार में केवल 7 प्रतिशत ही आबादी ग्रेजुएट है। आर्थिक स्थिति की बात करें, तो राज्य में सामान्य वर्ग में 25.9 प्रतिशत परिवार गरीब है। सर्वणों में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार और ब्राह्मण परिवार है।
Bihar Caste Survey Economic Report

नितीश सरकार करवाईं जातिगत जनगणना
जैसा कि आपको पता है कि नीतीश सरकार ने बिहार में जातिगत जनगणना कराई थी। इस साल के अक्टूबर में इसके आंकड़े जारी किए गए थे। अब इसे विधानसभा में पेश किया जा रहा है। इसके साथ ही जातिगत जनगणना के आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े भी जारी किए जा रहे हैं।
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बिहार में क्या कहते हैं शैक्षणिक आंकड़े?
बिहार के 22.67 प्रतिशत बड़ी आबादी ने कक्षा एक से पांच तक के शिक्षा हासिल किए हैं।
14.33 प्रतिशत आबादी कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षा हासिल किए हैं।
14.71 फीसदी आबादी कक्षा 9 से 10 तक की पढ़ाई की है।
9.19 फीसदी जनसंख्या कक्षा 11 से 12 तक पढ़ी है।
ग्रेजुएट धारकों की जनसंख्या सिर्फ 7% है।
आर्थिक जनगणना
सामान्य वर्ग में 25.9 फीसदी परिवार गरीब हैं।
– पिछड़ा वर्ग के 33.16 फीसदी परिवार गरीब हैं।
– अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी गरीब परिवार हैं।
– अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी गरीब परिवार हैं।
– अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी गरीब परिवार हैं।
– अन्य जातियों में 23.72 फीसदी गरीब परिवार हैं।
किस जाति में कितना ग़रीबी
जाति गरीबों की संख्या
दुसाध, धारी, धरही 39%
चमार,मोची 42%
मुसहर 54%
पान, सवासी, पानर 36%
पासी 38%
धोबी, रजक 35%
भुइया 53%
चौपाल 39%
यादव 35%
कुशवाहा, कोइरी 34%
कुर्मी 30%
बनिया 24%
ब्राह्मण 25.32%
भूमिहार 27.58%
राजपूत 24.89%
कायस्थ 13.83%
शेख 25.84%
पठान (खान) 17.61%
तेली 29.87%
मल्लाह 34.56%
कानू 32.99%
धानुक 34.35%
नोनिया 35.88%
चंद्रवंशी (कहार) 34.08%
नाई 38.37%
बढ़ई 27.71%
प्रजापति (कुम्हार) 33.39%
बिहार में किस जाति का कितनी आय
सामान्य वर्ग के ऑलमोस्ट 25 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए ऊपर है और 23 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार हैं । 19 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 10 हजार से 20 हजार है। 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार से 50 हजार तक है। 9 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 50 हजार से अधिक है।
पिछड़ा वर्ग में 33 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है। 29 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार है। 18 प्रतिशत आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार है। पिछड़ा वर्ग में 10 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार है। 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है।
आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े सामने आने के बाद बिहार के सिसायत एक बार फिर से गर्म हो गई है। 2024 के चुनाव पहले लगातार ऐसे आंकड़े सामने आ रहें हैं जो कि बीजेपी के लिए कठिन हो सकता है।