Bharat Bandh 2024 News भारत बंद का देशभर में असर: बिहार, यूपी, राजस्थान समेत कुछ राज्यों में ‘भारत बंद’ का प्रभाव, पटना में दिखा भारी बवाल, देश को हुआ भारी नुकसान

Shubhra Sharma
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Bharat Bandh 2024 News देश को हुआ कितना नुकसान: बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण को लेकर कुछ संगठनों द्वारा आहूत एक दिवसीय ‘भारत बंद’ का देश के विभिन्न हिस्सों में मिलाजुला असर देखा गया। बिहार में ‘भारत बंद’ का प्रभाव काफी व्यापक और तीव्र देखने को मिला। एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुए। राजधानी पटना में स्थिति विशेष रूप से तनावपूर्ण रही, जहां बंद के समर्थन में उतरे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। वहीं असम, पंजाब, और हरियाणा जैसे राज्यों में बंद का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। असम में विद्यालय, कार्यालय, और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा और कर्मियों की पूर्ण उपस्थिति दर्ज की गई। वहीं, पंजाब और हरियाणा में भी आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया, और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं तथा दुकानें सामान्य रूप से संचालित रहीं।

Bharat Bandh 2024 News

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अर्थव्यवस्था पर पड़ा असर:

भारत बंद के चलते कई जगहों पर आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। बिहार, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बाजार बंद रहने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में भी व्यवधान आने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को भी इस बंद का खामियाजा भुगतना पड़ा, क्योंकि दिनभर व्यापार ठप रहा।

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पटना में उग्र प्रदर्शन और पुलिस लाठीचार्ज:

पटना में ‘भारत बंद’ के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। इन प्रदर्शनकारियों में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापस लेने की मांग की।

विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात उस समय बेकाबू हो गए जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई लोग घायल हो गए, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे।

राज्य के अन्य हिस्सों में भी विरोध:

पटना के अलावा, बिहार के अन्य शहरों में भी ‘भारत बंद’ का व्यापक असर देखा गया। गया, भागलपुर, और मुजफ्फरपुर जैसे प्रमुख शहरों में भी लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। बंद के दौरान कई स्थानों पर दुकानों को जबरन बंद कराया गया और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही।

नेताओं की सक्रिय भागीदारी:

भारत बंद के दौरान बिहार के कई प्रमुख नेताओं ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की। उनके अलावा कई अन्य स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी बंद के समर्थन में आगे आए और राज्यभर में रैलियों का आयोजन किया।

हाथरस में भारी विरोध प्रदर्शन:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भारत बंद का प्रभाव काफी ज्यादा देखने को मिला। एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की।

राजस्थान में ‘भारत बंद’ का मिला-जुला असर:

राजस्थान के कई जिलों में भारत बंद का असर देखा गया। राजधानी जयपुर, अजमेर और अन्य प्रमुख शहरों में बाजार बंद रहे और सड़कों पर आवागमन सामान्य से कम रहा। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर जयपुर सहित कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की थी। बंद का आह्वान करने वाले संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न शहरों में रैलियां निकालीं और पुलिस द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया।

लखनऊ में सपा, बसपा का समर्थन:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ‘भारत बंद’ का प्रभाव देखा गया। एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के फैसले के विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), और आजाद पार्टी सहित कई संगठनों ने बंद का समर्थन किया। लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर बसपा कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरक्षण बचाने की मांग की।

गुजरात में मालगाड़ी रोकी गई:

गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के बढ़वान में बंद के दौरान आंदोलनकारियों ने एक मालगाड़ी को रोक दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। स्थानीय नेताओं ने प्रदर्शन कर बंद का समर्थन किया और प्रशासन ने संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया।

भारत बंद की व्यापकता और आर्थिक नुकसान:

एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के 21 संगठनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था। इसका असर विभिन्न राज्यों में देखा गया, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और गुजरात प्रमुख थे। सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए, लेकिन कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।

इसके अलावा, भारत बंद के दौरान सरकारी और निजी संस्थानों में कामकाज बाधित हुआ, जिससे उत्पादन और सेवा क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इस तरह के बंद से अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचता है, जो कि पहले से ही कमजोर हो रही आर्थिक स्थिति को और भी जटिल बना देता है।

भारत बंद के चलते कुछ स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हुआ, वहीं कुछ स्थानों पर इसका विशेष असर नहीं देखा गया। समाज में विभिन्न संगठनों और नेताओं ने इस बंद का समर्थन किया और अपनी आवाज़ बुलंद की। हालांकि, इस बंद से हुई आर्थिक क्षति को देखते हुए, देश में इस तरह के आंदोलनों की समय-समय पर पुनर्विचार की आवश्यकता है, ताकि जनहित और आर्थिक संतुलन को बनाए रखा जा सके।

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