22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी। आज, 22 जनवरी 2025 को, इस ऐतिहासिक घटना की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।

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राम मंदिर का वास्तुशिल्प
श्रीराम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है, जो उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला की एक प्रमुख शैली है। मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। यह तीन मंजिला संरचना है, जिसमें प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार हैं, जो इसकी भव्यता को प्रदर्शित करते हैं।
गर्भगृह और रामलला की प्रतिमा
मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम के बाल रूप ‘रामलला’ की प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा श्याम वर्ण की है और 5 वर्ष के बालक के स्वरूप में कमल पर विराजित है, जिसकी ऊंचाई 8 फीट है। इस प्रतिमा का निर्माण मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया है।
अन्य देवी-देवताओं के मंदिर
मंदिर परिसर में चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव के मंदिर स्थापित किए गए हैं। उत्तरी दीवार पर मां अन्नपूर्णा और दक्षिणी दीवार पर हनुमान जी का मंदिर भी बनाया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
मंदिर की स्थायित्व और सुरक्षा
श्रीराम मंदिर को इस प्रकार से निर्मित किया गया है कि यह आगामी 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहे। इसे प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया है। मंदिर की नींव 21 फीट ऊंची ग्रेनाइट से बनाई गई है, जो इसे जमीन की नमी से बचाती है। यह संरचना 8 तीव्रता वाले भूकंप को भी सहन करने में सक्षम है।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
मंदिर में वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। परिसर में वॉश बेसिन, स्नानागार, शौचालय, ओपन टैप्स आदि की सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, 25,000 लोगों की क्षमता वाला दर्शानार्थी सुविधा केंद्र भी बनाया गया है। भक्तों के लिए लॉकर और आपातकालीन चिकित्सा सहायता की सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।
कैसे पहुंचे अयोध्या राम मंदिर
श्रद्धालु ट्रेन द्वारा अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं, जो राम मंदिर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां से टैक्सी, ऑटो, कैब या बस के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
वर्षगांठ के अवसर पर कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अयोध्या में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिनमें राम कथा, रामायण की झांकियां और भागवत कथा प्रमुख हैं। इन कार्यक्रमों में देशभर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं, जिससे अयोध्या में उत्सव का माहौल है।
निष्कर्ष
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर अयोध्या में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की उत्कृष्टता का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है।