UCC (Union Civil code): हालही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा UCC (Union Civil code) एवं समान नागरिक संहिता को लेकर एक बयान दिया था। जिसको लेकर सभी विपक्षी दाल अपनी अपनी बाते कह रही है और इस बारे में केंद्र सरकार पर कई सारे सवाल उठा रही है। लेकिन ये UCC है क्या और क्यों यह आज कल चर्चा का इतना बड़ा विषय बना हुआ है। चलिए समझते है चलिए UCC एवं सामान नागरिक संहिता के बारे पूरी जानकारी के साथ और साथ ही हम इस मुद्दे की ज़रूरत और ये मुद्दा देश के लिए इतना क्यों ज़रूरी है ये भी जानेंगे तो चलिए शुरू करते है।
इस हफ्ते मंगलवार के दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा UCC एवं सामान नागरिक संहिता के आधार पर एक बयान दिया गया था, और उन्होंने सभी मंत्री और सभी विपक्षी दलों से कहा कि हमारा देश दोहरी व्यवस्था से नहीं चल सकता। संविधान में भारत के सभी नागरिको के लिए सम्मान नियम और कायदे कानून बनाये गए जिसके धार्मिक भेद भाव नहीं किया गया है।
और साथ ही कहते है कि बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) द्वारा यह तय किया गया है कि वह तुष्टिकारन और वोटबैंक को छोड़ सन्तुष्टिकरण के मार्ग पर चलेंगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस बयान से पुरे संविधान में हलचल मच गई है। और सभी के ज़बान में एक बार फिर UCC का मुद्दा उठ गया है।
UCC और सामान नागरिक संहिता क्या है ??
UCC यानि सामान नागरिक संहिता एक कानून है। जिसका अर्थ है कि भारत में रहने वाले सभी नागरिको के लिए एक सामान नियम और कानून रखे जाये। UCC के माध्यम से किसी भी जाती और धर्म के लोगो में बिना किसी अंतर् के सभी के सामान एक से कानून रखे जाते है। जिस वजह से किसी भी प्रकार के लोगो में कोई भी भेद भाव नहीं किया जाएगा सभी के लिए एक सामान नियम और कानून होंगे, और यही UCC और सामान नागरिक संहिता का असली अर्थ है।
आखिर क्यों भारत में UCC और सामान नागरिक संहिता लागू किया जाना चाहिए ??
भारत जैसे देश में कई पारकर के धरम और जाती के लोग रहते है। जहा पर सभी धर्म और जाती के लोगो पर एक सा व्यभार नहीं किया जाता। जिस वजह से नीची जाती के लोगो के लिए देश में जीना और अपने हक़ को पाना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। क्योकि भारत जैसे देश में सभी लोगो को एक सा सम्मान मिलना चाहिए और सभी लोगो के लिए एक से नियम और कानून होने चाहिए, ताकि किसी के साथ भी भेद भाव न किया जाए और किसी भी धर्म और जाती के लोगो को दबाया न जाए.
इसीलिए UCC और सामान नागरिक संहिता के ज़रिये देश में सभी के लिए सम्मानता लाया जा सकता है, और इसीलिए UCC और सामान नागरिक संहिता को देश के सभी राज्यों में ज़रूर लागू किया जाना चाहिए।
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आखिर क्यों क्या जा रहा है UCC और सामान नागरिक संहिता का विरोध ??
जहा कई लोग UCC और सामान नागरिक संहिता जैसे कानून को देश में लागू करने के लिए अपनी इक्छुकता जगा रहे है, वही कई लोग ऐसे भी है जो इस पर अपना विरोध भी दिखा रहे है। क्योकि इस कानून के विरोधियो का मन्ना है कि सभी अलग अलग धर्मो कि अपनी एक मान्यता होती है और यह कानून इनके धर्म और आस्था के विरोध जा रहा है, इसीलिए विरोधी लोग चाहते है की इस कानून को लागू न किया जाए।
और इस कानून के विरोधी ज्यादातर हिन्दू धर्म के विरोधी ही है क्योकि इनका कहना यही है कि इस कानून को लागू करना पुरे भारत देश में हिन्दू धर्मो के कानूनों को लागू करने जैसा है।
सुप्रीम कोर्ट ने का क्या है जजमेंट -:
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को लेकर फ़िलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया है। कई अलग अलग लोगो के तर्क कोर्ट में शामिल किये गए और उनका विवरण भी किया गया। साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कुछ टिपडी भी दी थी। लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतिम फैसला नहीं दिया है।
इन देशो में लागू किया गया है UCC और सामान नागरिक संहिता
वैसे तो भारत में UCC और सामान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए बहस चल रही है। लेकिन इस देशो में इस कानून को लागू कर दिया गया है और उन देशो ने नाम है -: पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेश्या, सूडान, और इजिप्ट।