Sensex nifty stock market भारतीय शेयर बाजार देश की अर्थव्यवस्था का आईना है। सेंसेक्स और निफ्टी इसके दो प्रमुख सूचकांक हैं, जो निवेशकों के लिए बाजार की दिशा का संकेत देते हैं। हाल के दिनों में इन दोनों सूचकांकों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है।

सेंसेक्स और निफ्टी का हालिया प्रदर्शन (Recent Performance)
- 3 फरवरी 2025:
वैश्विक बाजारों की कमजोरी के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट आई। सेंसेक्स 0.81% गिरकर 76,874.54 पर और निफ्टी 0.93% गिरकर 23,265.1 पर बंद हुआ। - जनवरी 2025:
इस महीने सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले 23 सालों की सबसे लंबी गिरावट दर्ज की। दोनों में लगभग 3% की कमी आई।
गिरावट के कारण (Reasons for Decline)
- विदेशी निवेश की निकासी (Withdrawal of Foreign Investments):
अक्टूबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से $10 बिलियन से ज्यादा की निकासी की। - आर्थिक मंदी की चिंता (Economic Slowdown Concerns):
कंपनियों की कमजोर कमाई और आर्थिक अनिश्चितता ने बाजार पर दबाव डाला। - वैश्विक बाजारों का प्रभाव (Impact of Global Markets):
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की कमजोरी भारतीय बाजार को भी प्रभावित कर गई।
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आर्थिक सर्वेक्षण और बजट की उम्मीदें (Economic Survey and Budget Expectations)
31 जनवरी 2025 को पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण के बाद बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला। सेंसेक्स 741 अंक बढ़कर 77,500.57 पर बंद हुआ। निवेशक अब बजट 2025 से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
भविष्य की संभावनाएं (Future Prospects)
- वैश्विक घटनाएं (Global Events): अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियां और युद्ध की स्थिति बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।
- घरेलू नीतियां (Domestic Policies): बजट और सरकारी फैसले निवेशकों के भरोसे को बढ़ा सकते हैं।
- कंपनियों की कमाई (Corporate Earnings): कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन से बाजार में मजबूती आ सकती है।
निवेशकों के लिए सुझाव (Tips for Investors)
- सतर्क रहें (Stay Cautious): बाजार की अस्थिरता में सोच-समझकर निवेश करें।
- विश्लेषण करें (Do Analysis): बाजार की खबरों और विशेषज्ञों की राय पर ध्यान दें।
- दीर्घकालिक निवेश (Long-Term Investment): छोटी अवधि की गिरावट से घबराने के बजाय लंबी अवधि का नजरिया रखें।
भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है। सूझबूझ और सही रणनीति के साथ निवेशक अच्छे रिटर्न हासिल कर सकते हैं।