rajasthan election 2023: इस समय पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है , आज बात करने जा रहें हैं राजस्थान के विषय पर जहां पर कल वोटिंग समाप्त हो गई है। इस समय राजस्थान के सियासी फिजाएं किस तरफ़ जा रहीं हैं लेकिन उस पहले आपको ये बता दे कि राजस्थान में वोटिंग प्रतिशत क्या कहती है?
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वोट प्रतिशत
राजस्थान के वोटिंग प्रतिशत नज़र डालें थे कई विधानसभा सीटों पर बंपर वोटिंग हुईं हैं। पिछले चुनाव क़रीब 0.9 प्रतिशत अधिक वोटिंग इस बार राजस्थान हुईं हैं इसका सीधा अर्थ है कि राजस्थान बदलाव की लहर चल रहीं हैं जो कि अब दिखने लगा है। अगर हम पिछले 20 सालों के वोटिंग ट्रेंड देखें जब भी राजस्थान में वोट प्रतिशत बढ़ा तो उसका सीधा लाभ बीजेपी को हुआ जब घटा तो उसका लाभ कांग्रेस को हुआ है। इस बार राजस्थान के चुनाव में 5.25 वोटर्स थे और 1863 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे।
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पिछले पांच चुनाव के वोट प्रतिशत (1998-2023)
1998 | 63.39% |
2003 | 67.18% |
2008 | 66.25% |
2013 | 75.04% |
2018 | 74.06% |
पिछले चार चुनाव के नतीजे (1998-2018)
साल | बीजेपी | कांग्रेस |
1998 | 33 | 153 |
2003 | 120 | 56 |
2008 | 78 | 96 |
2013 | 163 | 21 |
2018 | 73 | 99 |
सबसे ज्यादा वोटिंग कहां राजस्थान में
इस बार राजस्थान में सबसे ज्यादा जैसलमेर में 82.32 प्रतिशत मतदान हुआ है।उसके बाद प्रतापगढ़ में 82.07%, बांसवाड़ा में 81.36% और हनुमानगढ़ में 81.30 प्रतिशत वोटिंग हुई।राज्य में सबसे कम मतदान पाली में 65.12 प्रतिशत हुआ है। उसके बाद सिरोही में 66.62%, करौली में 68.38%, जालोर में 69.56 % और सवाई माधोपुर में 69.91 % वोटिंग हुई है।
इस बार जिलों में क्या रहा वोटिंग प्रतिशत?
जिला प्रतिशत
अजमेर 72.81
अलवर 74.41
बांसवाड़ा 81.36
बारां 79.92
बाड़मेर 76.88
भरतपुर 71.80
भीलवाड़ा 75.42
बीकानेर 74.13
बूंदी 76.38
चित्तौड़गढ़ 79.86
चूरू 74.78
दौसा 73.49
धौलपुर 77.47
डुंगरपुर 73.59
गंगानगर 78.21
हनुमानगढ़ 81.30
जयपुर 75.16
जैसलमेर 82.32
जालोर 69.56
झालावाड़ 80.24
झुझनूं 72.11
जोधपुर 70.09
करौली 68.38
कोटा 76.00
नागौर 71.89
पाली 65.12
प्रतापगढ़ 82.07
राजसमंद 72.87
सवाई माधोपुर 69.91
सीकर 73.01
सिरोही 66.62
टोंक 72.73
उदयपुर 73.32
वोटिंग पैटन
इस बार भी ऐसा ही लग रहा है कि राजस्थान में सरकार बदलने जा रहा है। अशोक गहलोत ने फ्री स्कीमें खुब लाएं लेकिन भाजपा के महिला सुरक्षा और हिन्दू-मुस्लिम जैसे मुद्दे भाजपा बखूबी उठाएं जिस वजह से बीजेपी को लाभ हुआ। इस बार राजस्थान में लगभग 23 लाख फर्स्ट टाइम्स वोटर थे ये वोटर जो कि गहलोत के मुश्किलें बढ़ा दिए, ऐसा हम इसलिए कह रहे क्योंकि ज्यादातर फर्स्ट टाइम्स वोटर गहलोत सरकार को उतना पसंद नहीं करते है वो बदलाव के लिए वोट कर रहें थे, वहां जो खबरें सामने आ रहीं उसे फर्स्ट टाइम्स वोटर पेपर्स लीक, महिला सुरक्षा, बेरोज़गारी जैसे विषयों वोट किए। गहलोत लाख दावे करें कि उनके सरकार में रोजगार दिए जाएं लेकिन धरातल पर वो नहीं दिखा।
कौन से मुद्दे वोटिंग
वोटिंग दौरान महिलाओं सुरक्षा का मुद्दा सबसे ज्यादा रहा है, इसके अलावा राजस्थान में हिन्दू-मुस्लिम धुव्रीकरण खुब देखने को मिला है, कांग्रेस इस से पहले छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में धुव्रीकरण सियासत रोकने कामयाब रहीं लेकिन वो राजस्थान में ये नहीं कर पाई जिसका नतीजा रहा है कि अब राजस्थान में गहलोत सरकार के विदाई लगभग तय हो गई। कांग्रेस राजस्थान में बस दो मुद्दों से घिर गई वो मुद्दे हिन्दू -मुस्लिम और महिला सुरक्षा का विषय।अब इंतजार तीन दिसंबर करना पड़ेगा जब ये पता चल जाएगा 2024 के सेमीफाइनल का नतीजा क्या होगा।