Pappu Yadav Pappu Yadavबिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन, यानी पप्पू यादव ने धार्मिक कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर बड़ा ही तीखा बयान दिया है। कह दिया कि ये सब “लफुआ” लोग हैं, जो असली मुद्दा नहीं उठाते, बस कुछ दिखावा करते हैं। पप्पू यादव के इस बयान ने बिहार के सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया है।।
Pappu Yadav
एक यूट्यूब के पॉडकास्ट में जब पप्पू यादव से सवाल हुआ, तो उन्होंने खुलकर कहा,
“आजकल बहुत सारे लफुआ पैदा हो गए हैं। ये लोग हनुमान जी से बातें करते रहते हैं, ‘हेलो, हेलो, हनुमान जी सुने’, लेकिन ज़मीनी हालत पे ध्यान नहीं देते।”
वो बोले
हमरा सोच है कि इंसान के जीने के काम के बात करे के चाही। जे आदमी के जीने में मदद करे, वही सही बात ह। हम तो present में जीते हैं, भूत-काल के बकवास छोड़ द, आ भविष्य तो कबो आए कि नाही, पता नइखे।”
दरअसल पप्पू यादव का मानना है कि अस्पताल में मरीज का बिल चुकाना हो, बेटी की शादी हो या रोज़मर्रा की जिंदगानी के दुख-दर्द हों, उस पर ध्यान देना ज़रूरी है, न कि बस ढोंग और दिखावा।
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जब लोग पप्पू यादव से इस बयान पर सवाल उठाए, खासकर कि उन्होंने हिन्दू धर्म के कथावाचकों पर तंज कसा, तो उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि वे RSS के खिलाफ मुकदमा करेंगे।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
“मेरा संदर्भ तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। अब हम कोर्ट में जाकर सच का पाठ पढ़ाएंगे।”
मतलब साफ है कि पप्पू यादव अपनी बात पर कायम हैं और किसी के दबाव में नहीं आने वाले।
पप्पू यादव की खास पहचान
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बिहार के वो नेता हैं जिनका बोलने का अंदाज बहुत अलग है। वे सीधे मुद्दे पर आते हैं, ज़मीन से जुड़े सवाल करते हैं और आम जनता के दिल की आवाज़ बनते हैं। राजनीति में इनका नाम अक्सर उस हद तक जुड़ा रहता है जहां बोल्डनेस और बेबाकी चाहिए।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जलवा
पंडित धीरेंद्र शास्त्री धार्मिक कथावाचक हैं जिनका सारा फोकस आध्यात्मिकता और भक्तिभाव पर होता है। सोशल मीडिया पर इनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है, खासकर जो लोग धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा पाना चाहते हैं, वे इनके बताए रास्ते पर चलते हैं।
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यह विवाद इस बात का संकेत है कि बिहार में धर्म और राजनीति का मेल-झोल अब ज्यादा तेज़ हो रहा है। जहां एक तरफ पप्पू यादव जैसे नेता ज़मीनी हकीकत पर जोर देते हैं, वहीं धार्मिक कथावाचक आध्यात्मिक समाधान की बात करते हैं। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए यह बड़ा सवाल बनेगा कि जनता किसका साथ देगी।