Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी उपस्थिति ने अटकलों को और बढ़ा दिया है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि निशांत कुमार बहुत जल्द बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

बख्तियारपुर समारोह में दिखे निशांत कुमार
17 जनवरी 2025 को बख्तियारपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार के साथ उपस्थित थे। इस समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। निशांत कुमार ने मीडिया से बातचीत में अपने पिता के नेतृत्व की सराहना की और आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू को फिर से सत्ता में लाने की अपील की।
सीएम नीतीश कुमार की विरासत को आगे बढ़ाने की उम्मीद
पिछले कुछ वर्षों में, नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर कई बार चर्चा हुई है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह संभावना है कि नीतीश कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में आखिरी बार मुख्यमंत्री के रूप में मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में उनकी राजनीतिक विरासत को लेकर उनके बेटे निशांत कुमार को तैयार किया जा सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: मुख्य मुद्दों से भटके दिल्ली के चुनावी मुद्दे
निशांत कुमार की राजनीति में संभावित भूमिका
जब मीडिया ने निशांत कुमार से राजनीति में शामिल होने के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। हालांकि, जनता से उनके पिता को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की अपील ने संकेत दिया कि वह धीरे-धीरे पार्टी में अपने पैर जमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले कई वर्षों में बिहार में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं और उनकी पार्टी आगामी चुनावों में बिहार की जनता के समर्थन के साथ सत्ता में लौटेगी।
जदयू में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना
हाल के महीनों में जनता दल (यूनाइटेड) में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है। पार्टी में विभिन्न धड़ों के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण, निशांत कुमार को प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार के बाद पार्टी का नेतृत्व उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए निशांत कुमार के पास जाना चाहिए।