New Continent in World:टूट जाएगा अफ्रीका, 18 साल में पड़ी 56KM लंबी दरार,समंदर में आएगा सैलाब और मच जाएगी तबाही

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New Continent in World

New Continent in World: इस समय विश्व में कई बड़े परिवर्तन के गवाह बन रहा है। उस करी में हम सब के आंखों के सामने जमीन का एक बड़ा टुकड़ा टूट रहा है और विभाजित हो रहा है। विश्व में एक नया महाद्वीप बन रहा है।18 वर्षों में जमीन के इस हिस्से में 56 KM  लंबी दरार पड़ चुकी है और लगातार बढ़ भी रही है। लंबाई में और चौड़ाई में , यह प्राकृतिक घटना तीन टेक्टोनिक प्लेटों के अलग-अलग दिशा में जाने से हो रही है। 

18 साल में 56 किलोमीटर लंबी दरार

पिछले 18 सालों में  56 KM लंबी दरार इसका सीधा अर्थ है कि प्रत्येक साल एक जमीन का टुकड़ा सवा तीन किलोमीटर टूट रहा है। जमीन का यह टुकड़ा विश्व के सबसे बड़े महाद्वीपों (continents) में से अलग होने वाला है और नया महाद्वीप (continents)बनने वाला है। यूं कहिए कि आने वाली पीढ़ी ये कहते नज़र आएंगी मुबारक हो समुंदर हुआ है ख़ैर ये मज़ाक का विषय है लेकिन एक बार फिर से हम अपनी उसी कहानी पर आते है जो कि इथियोपिया (Ethiopia) की जो अफ्रीका से अब अलग होता जा रहा है और इस दरार में नया समुद्र बनने वाला है।‌

यह दरार हर साल लगातार लंबाई और चौड़ाई में बढ़ती जा रही है।  इसका प्रमुख वजह तीन टेक्टोनिक प्लेटों में विपरीत दिशा में हो रहा खिंचाव है। अर्थात तीनों प्लेट्स एकदूसरे से अलग दिशा में जा रही हैं। वैज्ञानिक के मानें तो इस बार समंदर को बनने में 50 लाख से 1 करोड़ साल लग सकते हैं। परंतु ये जरूरी नहीं है कि इतना ही समय लगेगा जलवायु परिवर्तन की कारण से ये जल्दी भी हो सकता है।

साइंटिस्टों की स्टडी का हॉटस्पॉट बनी ये दरार

अफार रीजन में मची हलचल इस समय साइंटिस्टों के लिए प्रयोगशाला बनी हुई है। विश्वभर के विज्ञानिक यहां आकर टेक्टोनिक प्लेटों के अलगाव की स्टडी कर रहे हैं। भूगोल (Geography ) और भूगर्भ साइंटिस्ट जमीन के फटने की प्रक्रिया पर रिसर्च कर रहे हैं। टेक्टोनिक प्लेटों के अलग होने से समंदर के बीच से रिज सिस्टम बनता है अर्थात नई घाटी बन रही है।

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अलग-अलग गति में दूर जा रहीं टेक्टोनिक प्लेट्स

समंदर के बीच नई घाटी बनने से वहां पर समंदर का पानी चला जाएगा। जमीन के दो टुकड़े अलग-अलग दिशा में एकदूसरे से दूर हो जाएंगे। तीनों टेक्टोनिक प्लेट अलग-अलग गति में एकदूसरे से दूर होते जा रहे हैं।अरेबियन प्लेट बाकी दोनों प्लेटों से हर साल एक इंच दूर हो रहा है।नूबियन और सोमाली प्लेट्स एकदूसरे आधा और 0.2 इंच प्रति वर्ष की गति से दूर हो रहे हैं‌।

अचानक अलग होने पर होगा भारी नुकसान

अफ्रीका के हिस्से अलग होंगे लेकिन इस प्राकृतिक प्रक्रिया से जानमाल का अधिक नुकसान होगा। असल में अफ्रीकन प्लेट टूट रही है अर्थात अफ्रीका की जमीन दो अलग-अलग हिस्सों में बंट जाएगी‌। अफ्रीका के मैप में आप देख सकते हैं कि अफ्रीका कहां से टूट रहा है। ये जगह है ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट यह 56 KM लंबी दरार है।

छोटे महाद्वीप पर होंगे ये देश शामिल

इस दरार से युगांडा और जांबिया जैसे देशों को अपने तट मिल जाएंगे,जो कि इस पहले इनके पास नहीं थे। इससे अफ्रीका के बीच में एक नया सागर बनेगा। नए तट बनेंगे।आर्थिक तौर नुकसान उठाना पड़ेगा और 

एक छोटा महाद्वीप भी बनेगा। जिसमें केन्या, इथियोपिया, सोमालिया और तंजानिया के हिस्से शामिल होंगे। दरार जब चौड़ी हो जाएगा तब वहां पर नया समुद्र का निर्माण होगा। 

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