नवरात्रि 2025: माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए क्या करें और किन बातों का रखें ध्यान

Shubhra Sharma
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नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर (सोमवार) से हो रही है और इसका समापन 2 अक्टूबर (गुरुवार) को विजयादशमी या दशहरा के रूप में होगा। इन 9 दिनों तक माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और दसवें दिन असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा मनाया जाता है।


नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि का अर्थ है ‘नौ रातें’, जो शक्ति की साधना और आत्मिक शुद्धि का समय होता है।

  • यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  • ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं और भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं।

  • नवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास, धैर्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


माँ दुर्गा के नौ रूप

नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है:

  1. शैलपुत्री – शक्ति और धैर्य का प्रतीक।

  2. ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम की देवी।

  3. चंद्रघंटा – शांति और साहस प्रदान करने वाली।

  4. कुष्मांडा – सृष्टि की आदिशक्ति।

  5. स्कंदमाता – मातृत्व और करुणा का स्वरूप।

  6. कात्यायनी – शत्रुओं का संहार करने वाली।

  7. कालरात्रि – भय और नकारात्मकता को दूर करने वाली।

  8. महागौरी – शांति और ज्ञान की देवी।

  9. सिद्धिदात्री – सिद्धि और मोक्ष प्रदान करने वाली।


नवरात्रि की पूजा विधि

  • प्रातःकाल स्नान के बाद माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।

  • कलश स्थापना कर उसमें जल, सुपारी, आम्रपल्लव और नारियल रखें।

  • माँ दुर्गा को लाल वस्त्र, फूल और चुनरी अर्पित करें।

  • घी का दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

  • नौ दिनों तक उपवास करें और सात्विक भोजन करें।


उपवास का महत्व

नवरात्रि के व्रत में शरीर शुद्ध होता है और मन में सात्विकता आती है।

  • लोग इस दौरान फलाहार, दूध और हल्का भोजन करते हैं।

  • मांसाहार, मदिरा और नकारात्मक कार्यों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।


सांस्कृतिक महत्व

नवरात्रि केवल पूजा का पर्व ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक उत्सव भी है।

  • गुजरात और महाराष्ट्र में गरबा और डांडिया का विशेष आयोजन होता है।

  • बंगाल और पूर्वी भारत में दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं।

  • उत्तर भारत में रामलीला और दशहरा का आयोजन होता है।


नवरात्रि और शक्ति साधना

यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, आत्मबल और विश्वास से उनका सामना किया जा सकता है। माँ दुर्गा शक्ति का वह रूप हैं जो हमें साहस, विवेक और धैर्य से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।


नवरात्रि पर विशेष शुभकामना संदेश

शुभकामनाएँ

  1. “माँ दुर्गा की ज्योति से आपका जीवन आलोकित हो, नवरात्रि के इस पावन पर्व पर आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो।”

  2. “शक्ति की साधना और भक्ति का यह पर्व आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।”

  3. “माँ के नौ स्वरूप आपको नौ वरदान दें – साहस, शांति, स्वास्थ्य, धन, विवेक, प्रेम, सफलता, भक्ति और मोक्ष।”

  4. “नवरात्रि की शुभ बेला पर माँ दुर्गा आपको शक्ति, भक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद दें।”


निष्कर्ष

नवरात्रि केवल एक त्योहार नहीं बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में नकारात्मकता और कठिनाइयों को परास्त कर हम सत्य, प्रेम और शक्ति के मार्ग पर चल सकते हैं। माँ दुर्गा के नौ रूप हमें यह संदेश देते हैं कि स्त्री शक्ति ही सृष्टि की आधारशिला है और हमें सदैव उसका सम्मान करना चाहिए।

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