BSF CRPF CISF ITBP rights: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को एक महत्वपूर्ण खत लिखा है, जिसमें उन्होंने देश के अर्धसैनिक बलों के साथ हो रहे भेदभाव पर गंभीर चिंता जताई है। तेजस्वी यादव ने इस खत में साफ शब्दों में कहा है कि देश की सुरक्षा में योगदान देने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों और उनके परिवारों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने इस भेदभाव को खत्म करने और समान सम्मान देने की मांग की है।

देश की सुरक्षा में अर्धसैनिक बलों का योगदान
भारत की रक्षा प्रणाली में थलसेना (Army), वायुसेना (Air Force), नौसेना (Navy) के साथ-साथ अर्धसैनिक बल जैसे CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, Assam Rifles भी देश की सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते हैं। ये जवान देश की रक्षा के लिए अपने सर्वोच्च बलिदान (Ultimate sacrifice) तक देते हैं, लेकिन उनके शहीद परिवारों को मिलने वाले सम्मान और मुआवजे में बड़ा अंतर पाया जाता है।
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तेजस्वी यादव ने अपने खत में लिखा है कि जहां भारतीय सेना के शहीदों को राज्य और केंद्र सरकार से सम्मान, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा मिलती है, वहीं अर्धसैनिक बलों के शहीदों को समान सुविधाएं नहीं मिल पातीं। यह असमानता देश की रक्षा के लिए समर्पित इन जवानों के परिवारों के साथ अन्याय है।
तेजस्वी यादव की मुख्य मांगें
- तेजस्वी यादव ने इस भेदभाव को खत्म करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री से तीन मुख्य मांगें रखी हैं:
- अर्धसैनिक बलों के शहीदों को ‘Battle Casualty’ घोषित किया जाए
- इससे उन्हें और उनके परिवारों को भारतीय सेना के शहीदों के समान मुआवजा और सम्मान मिलेगा।
- सरकारी नौकरी, पेंशन और अन्य सुविधाओं में समानता
- सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीदों के परिवारों के लिए समान सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- Liberalised Pension Scheme स्वतः लागू हो
- अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए पेंशन स्कीम में समानता लाई जाए ताकि उन्हें वन रैंक वन पेंशन (One Rank One Pension) का लाभ मिले।
क्यों है यह मुद्दा महत्वपूर्ण?
अर्धसैनिक बल देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए दिन-रात काम करते हैं। चाहे सीमा पर तैनाती हो या देश के अंदर कानून व्यवस्था बनाए रखना, इन जवानों का योगदान अनमोल है। लेकिन जब शहीद होते हैं, तो सम्मान और मुआवजे के मामले में भेदभाव देश के लिए शर्म की बात है।
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मातृभूमि की रक्षा एवं देश की एकता व अखंडता की खातिर अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले अर्धसैनिक बलों के वीर जवानों को शहीद का दर्जा देने तथा उनसे संबंधित अन्य चिरलंबित मांगों को लेकर माननीय गृहमंत्री, भारत सरकार को पत्र लिखा है। #india #TejashwiYadav #RJD pic.twitter.com/YS3wMwMUAP
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2025
असमानता को खत्म करके हम एक न्यायसंगत और सम्मानित समाज का निर्माण कर सकते हैं, जो अपने सैनिकों और अर्धसैनिक जवानों दोनों को बराबर का दर्जा देता है।
अर्धसैनिक बलों का महत्व और भूमिका
अर्धसैनिक बल देश की सीमाओं की रक्षा, आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों, और संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। CRPF (Central Reserve Police Force) भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बलों में से एक है, जो नक्सलवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में मुख्य भूमिका निभाता है। इसके अलावा BSF, ITBP, CISF जैसे बल भी देश की सीमाओं और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करते हैं।
Battle Casualty’ क्या है?
Battle Casualty’ का मतलब है वह सैनिक जो युद्ध या ऑपरेशन के दौरान घायल हो या शहीद हो जाता है। भारतीय सेना के शहीदों को यह दर्जा दिया जाता है, जिससे उनके परिवारों को विशेष मुआवजा और सम्मान मिलता है। लेकिन अर्धसैनिक बलों के शहीदों को इस श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता, जिससे उन्हें मिलने वाला सम्मान कम हो जाता है। यही तेजस्वी यादव का मुख्य मुद्दा है।
पेंशन और मुआवजा में अंतर
भारतीय सेना के जवानों को ‘One Rank One Pension’ स्कीम के तहत पेंशन दी जाती है, जिससे सेवा अवधि के आधार पर समान पेंशन मिलती है। वहीं, अर्धसैनिक बलों को अभी तक इस सुविधा का समान लाभ नहीं मिल पाया है। इससे उनके परिवारों की आर्थिक सुरक्षा प्रभावित होती है।
सामाजिक न्याय और सैनिक सम्मान
सैनिक और अर्धसैनिक बलों के जवान दोनों ही मातृभूमि की रक्षा में समान रूप से योगदान देते हैं। समान सम्मान और सुविधाएं देने से न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि समाज में भी सेना और अर्धसैनिक बलों के प्रति सम्मान बढ़ेगा।
राजनीतिक और प्रशासनिक पहल की जरूरत
तेजस्वी यादव की मांगें केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए एक चुनौती हैं कि वे सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के बीच भेदभाव खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं। इससे न केवल सैनिक परिवारों को न्याय मिलेगा, बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।