नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे देवी दुर्गा की आराधना और शक्ति पूजन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व शक्ति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। साल 2025 में नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है और यह 9 दिनों तक चलेगी। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है।
नवरात्रि का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें सकारात्मक ऊर्जा, धैर्य, संयम और मानसिक शक्ति प्रदान करता है। साथ ही यह समय है जब घर में शांति, सौभाग्य और समृद्धि आती है।
नवरात्रि पूजा का सही समय
नवरात्रि पूजा में समय का विशेष महत्व है। पूजा सुबह के समय में करना श्रेष्ठ माना जाता है।
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सुबह का समय (ब्रह्म मुहूर्त): सुबह 4:30 बजे से 6:00 बजे के बीच पूजा करना अत्यंत शुभ है।
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संध्या समय: शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तक देवी की पूजा करना भी लाभकारी होता है।
पूजा के लिए समय निश्चित करने के बाद घर को साफ-सुथरा और पवित्र रखना चाहिए। देवी माँ हमेशा स्वच्छ और शुभ वातावरण में प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि पूजा सामग्री
पूजा करने से पहले निम्नलिखित सामग्री तैयार करें:
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माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर
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लाल रंग का वस्त्र या आसन
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साफ पानी और गंगाजल
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फल और मिठाई
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फूल (कमल, गुलाब या गेंदा)
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दीपक और अगरबत्ती
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नारियल और अक्षत (चावल)
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लाल रंग का वस्त्र पहनने के लिए वस्त्र और कपड़े
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पूजा पाठ के लिए देवी स्तुति, मंत्र और चालीसा
नवरात्रि पूजा विधि
नौ दिन की पूजा को क्रमबद्ध तरीके से करें ताकि माँ का आशीर्वाद पूरी तरह प्राप्त हो।
पहला दिन – शैलपुत्री माता
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शैलपुत्री का ध्यान करते हुए दीपक जलाएँ।
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“ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः” मंत्र का उच्चारण करें।
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नारियल, फूल और अक्षत अर्पित करें।
दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी माता
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माँ ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
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फल और मिठाई अर्पित करें।
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“ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
तीसरा दिन – चंद्रघंटा माता
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चंद्रघंटा माता की प्रतिमा के सामने दीपक, अगरबत्ती और लाल फूल अर्पित करें।
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“ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र पढ़ें।
चौथा दिन – कुष्मांडा माता
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देवी कुष्मांडा के सामने दीपक जलाएँ और फूल चढ़ाएँ।
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मिठाई और फल अर्पित करें।
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मंत्र: “ॐ देवी कुष्मांडायै नमः”
पाँचवाँ दिन – स्कंदमाता
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स्कंदमाता माता की पूजा में उनके चरणों में अक्षत और फल अर्पित करें।
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मंत्र: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः”
छठा दिन – कात्यायनी माता
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देवी कात्यायनी को दीपक, पुष्प और मिठाई अर्पित करें।
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मंत्र: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”
सातवाँ दिन – कालरात्रि माता
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माता कालरात्रि की प्रतिमा के सामने दीपक और फूल चढ़ाएँ।
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मंत्र: “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः”
आठवाँ दिन – महागौरी माता
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महागौरी माता की पूजा में दीपक, अक्षत और फल अर्पित करें।
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मंत्र: “ॐ देवी महागौर्यै नमः”
नौवाँ दिन – सिद्धिदात्री माता
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सिद्धिदात्री माता की पूजा से नौ दिवसीय नवरात्रि समाप्त होती है।
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दीपक जलाएँ, फूल और मिठाई अर्पित करें।
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मंत्र: “ॐ देवी सिद्धिदात्री नमः”
नवरात्रि में विशेष उपाय और मंत्र
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नवरात्रि व्रत: यदि संभव हो तो नौ दिन का व्रत रखें। फलाहारी भोजन करें।
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लाल रंग का महत्व: लाल रंग शक्ति का प्रतीक है। घर में लाल रंग की सामग्री रखें।
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माँ को प्रसन्न करने के उपाय:
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पूजा के समय पूरे मन से ध्यान लगाएँ।
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घर में साफ-सफाई और शुभ वातावरण बनाए रखें।
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दीपक जलाते समय माँ से अपने परिवार की खुशहाली और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
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मंत्र जप: हर दिन संबंधित माता के मंत्र का जप करें। 108 बार जपना सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में ध्यान और भक्ति
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नवरात्रि केवल पूजा और व्रत का पर्व नहीं है। यह आध्यात्मिक सुधार और मानसिक शांति का समय भी है।
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इस समय ध्यान, योग और भक्ति करें।
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माता दुर्गा की आराधना से सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।
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घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
माता को खुश करने के छोटे उपाय
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घर में दीपक हमेशा जलाएँ।
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माँ के चित्र के सामने नियमित पूजा करें, चाहे केवल फल और फूल ही क्यों न अर्पित हों।
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सफाई और सुव्यवस्था: माँ गंदगी पसंद नहीं करतीं।
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भोजन में सात्विक भोजन रखें।
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अच्छे कर्म और दूसरों की मदद भी माँ को खुश करने का तरीका है।
निष्कर्ष
नवरात्रि 2025 केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का उत्सव है। यदि आप पूजा विधि, सही समय और मंत्रों का पालन करेंगे, घर और परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आएगी। नौ दिन की नियमित भक्ति और ध्यान से माँ दुर्गा आपके जीवन की सभी समस्याओं को दूर करेंगी और आपको सफलता और स्वास्थ्य का आशीर्वाद देंगी।
इस नवरात्रि, अपने घर को शुद्ध, शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरें, पूजा विधि का सही पालन करें और माँ दुर्गा को प्रसन्न करें। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशहाली, स्वास्थ्य और सफलता के दरवाजे खुलेंगे।

