caste survey report: भाजपा के राहें कठिन जातिगत जनगणना ने बिगाड़ा खेल

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caste survey report
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हिन्दू-मुस्लिम और मंडल कमंडल के सियासत

caste survey report: जब बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े सामने आएं तो एक बार फिर से कमंडल और मंडल की राजनीति शुरू हो गई , अब राजनीति के जानकार ये कहने लगें कि जातिगत जनगणना के बाद अब देश के राजनीति मंडल O.2 शुरू हो चुका है और चाहें आप इसे जो नाम दे लेकिन ये नरेंद्र मोदी के सरकार के हिन्दू – मुस्लिम राजनीति के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है जहां पहले एकतरफा ही हिन्दू वोटरों को बीजेपी एकजुट कर लेती वहीं अब इस जातिगत जनगणना बहाने हिन्दूओं वोटरों को फुट डालने के नीति तौर पर विपक्ष कार्य कर रहीं हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि 2013 के बाद से जब बीजेपी को हिन्दू-मुस्लिम धुव्रीकरण करके लगातार ही राजनीति सफलता मिल रही थी| अब विपक्ष ने भी इस फॉर्मूले ढुंढ लिया बीजेपी के उस राजनीति को समाप्त करने के लिए कमंडल और मंडल के उसी राजनीति को एक बार फिर से विपक्ष लेकर आया है।

ऐसे रिश्ते से फ़ौरन कर लें ब्रेकअप

Caste Survey Report

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2019 के लोकसभा चुनाव में किस जाति कितना प्रतिशत वोट मिला बीजेपी

2019 के लोकसभा चुनाव डाटा को देखें तो इस चुनाव में बीजेपी सभी जातियों के वोट मिले खासकर हिन्दू मुस्लिम धुव्रीकरण असर देखने को मिला जहां सभी हिन्दू जाति एकजुट होकर भाजपा को वोट किया।

  भाजपा + कांग्रेस+ अन्य +
अनुसूचित जनजाति 49% 30% 21%
अनुसूचित जाति 41% 28 % 31%
मुस्लिम 10% 51% 39%
अन्य पिछड़ा वर्ग 58% 18% 24%
अन्य 35% 33% 32%
Source: India Today-Axis My India Survey

इन आंकड़ों देखने के बाद आप ये समझ सकते हैं कि बीजेपी के लिए अभी काफी कठिन है वो किस पक्ष में जाएं या फिर ना जाएं क्योंकि बीजेपी को सामान्य जाति से भी वोट मिलता और ओबीसी के वोट मिलता है। पिछले चुनाव में सवर्णों के बाद सबसे ज्यादा ओबीसी समाज का वोट मिला है।चाचा भतीजे के खेल में भाजपा फंस गई है क्योंकि बीजेपी को सभी जातियों का बराबर वोट मिलता है अगर बीजेपी जातिगत जनगणना का विरोध करतीं हैं तो बीजेपी को ओबीसी वोटर वोट नहीं करेंगा और वहीं अगर बीजेपी को जातिय जनगणना का विरोध नहीं करता तब सवर्ण जातियां बीजेपी का विरोध करेंगा। बिहार में जो हुआ उसे हम जातिगत जनगणना नहीं कह सकते हैं बल्कि कि हाईकोर्ट तरफ़ से बिहार सरकार को जातिगत सर्वे करवाने का अनुमति मिला था।बिहार में जातिगत जनगणना के बाद जिस प्रकार खबरें सामने आ रही है उस यहीं लगता है कि इस बार अगर 63 प्रतिशत ओबीसी समाज एकजुट हो जाती तब बीजेपी के लिए राहें कठिन हो जाएगा। यूं कहिए कि तेजस्वी और नितीश के जोड़ी ने बीजेपी को गेम्स प्लान में फंसा लिया है। हिन्दू -मुस्लिम राजनीति को जातिगत सर्वे से समाप्त करने के चाल चली।।

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