Bihar politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने 20 सीटों की मांग की है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि सीटों का बंटवारा और फॉर्मूला पहले ही तय हो चुका है, जिसमें बदलाव संभव नहीं है।
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सूत्रों के हवाले से बड़ा खुलासा
सूत्रों के हवाले से खबर है कि भाजपा अपने 40 प्रतिशत से अधिक मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की योजना बना रही है, जिसमें दो पूर्व उपमुख्यमंत्री यानी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के नाम शामिल हैं। हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है। आंतरिक सर्वेक्षणों और फीडबैक के आधार पर यह निर्णय लिया गया है, ताकि नए चेहरों को मौका मिल सके और चुनावी प्रदर्शन में सुधार हो।
झारखंड में भी लागू हुई थी यह रणनीति
इससे पहले, झारखंड में भी भाजपा ने अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए उम्मीदवारों को मौका दिया था। झारखंड के अनुभव को देखते हुए पार्टी बिहार में भी यह फार्मूला लागू करने की कोशिश कर सकती है।
गठबंधन में बढ़ा असंतोष
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर समन्वय की कमी के संकेत मिल रहे हैं। मांझी की मांग और भाजपा की प्रतिक्रिया से गठबंधन के भीतर असंतोष की अटकलें लगाई जा रही हैं। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एनडीए में शामिल होने से सीट बंटवारे का समीकरण और जटिल हो गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का यह कदम राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। पार्टी नेतृत्व आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, और टिकट वितरण में यह बदलाव उसी रणनीति का हिस्सा है।
हालांकि, अंतिम निर्णय क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन सूत्रों के हवाले से मिल रही इन खबरों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।