8th pay Commission केंद्र सरकार ने बजट 2025 से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को एक महत्वपूर्ण तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले से केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को लंबे समय से चल रही महंगाई राहत मिलने की उम्मीद है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी तक पहुंच चुका है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर भारी असर पड़ा है।
8th pay Commission

8वें वेतन आयोग के गठन का ऐतिहासिक फैसला
गुरुवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया है। यह आयोग 2026 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इस आयोग के गठन के साथ, अब राज्यों और सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) से भी इस मुद्दे पर परामर्श किया जाएगा। इसके बाद ही आयोग के अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य नियुक्त किए जाएंगे।
7वें वेतन आयोग की समयावधि पूरी होने से पहले नया वेतन आयोग
वेतन आयोगों का इतिहास हर दस साल में होता है। 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद अब 8वां वेतन आयोग अगले साल 2026 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। 2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग की अवधि दिसंबर 2025 तक पूरी हो रही है, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग की स्थापना का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
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नई सैलरी संरचना: केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन
सरकार ने नई सैलरी संरचना पर भी विचार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है। इस बार अनुमानित फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो सकता है, जो पिछली बार के मुकाबले काफी अधिक है। अगर ऐसा होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। इसके अलावा, पेंशनभोगियों को भी लाभ मिलेगा और उनकी न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
पिछली बार के वेतन आयोग में क्या हुआ था बदलाव?
जब 6वें वेतन आयोग की जगह 7वें वेतन आयोग को लागू किया गया था, तब कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा फायदा हुआ था। 7वें वेतन आयोग के तहत, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जो कर्मचारियों के मूल वेतन को 2.57 गुना तक बढ़ा देता है। इस फिटमेंट फैक्टर के कारण कर्मचारियों को उनके मूल वेतन में भारी वृद्धि देखने को मिली थी। पिछला वेतन आयोग यानी 6वां वेतन आयोग 1.86 के फिटमेंट फैक्टर के साथ आया था, जिससे कर्मचारियों को केवल 1.86% की वृद्धि प्राप्त हुई थी।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई राहत
केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हर साल बढ़ता है, लेकिन जब तक वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, यह भत्ता उनके लिए राहत का काम करता है। वर्तमान में महंगाई भत्ता 53 फीसदी तक पहुंच चुका है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को बेहद चुनौतीपूर्ण बना रहा है। इस स्थिति में 8वें वेतन आयोग के गठन से उन्हें काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
अंतिम निर्णय: 8वें वेतन आयोग से नया अध्याय शुरू
केंद्र सरकार का यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों के हित में एक बड़ा निर्णय है। नई सैलरी संरचना के साथ, कर्मचारियों को न केवल वित्तीय राहत मिलेगी, बल्कि उनकी पुरानी समस्याओं का समाधान भी होगा। इसके अलावा, पेंशनभोगियों को भी उनके हक के मुताबिक उचित लाभ दिया जाएगा, जिससे उनकी जीवनयात्रा और अधिक आरामदायक होगी।
निष्कर्ष। Conclusion
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हित में 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह निर्णय कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लिया गया है। अब सभी की नजर इस आयोग की रिपोर्ट और नए वेतन ढांचे पर टिकी है, जिससे उनकी वेतन और पेंशन में बंपर वृद्धि हो सके।