Amit Shah Bihar plan:अमित शाह का गोपालगंज धमाका! बिहार चुनाव की बिसात बिछ गई!

Shashikant kumar
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Amit Shah Bihar plan
Amit Shah Bihar plan

Amit Shah Bihar plan: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 भले ही अभी पांच महीने दूर हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

Amit Shah Bihar plan

 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गोपालगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया, जिसे बिहार में BJP  के चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है। हम आपको ये नहीं बताएंगे कि इस रैली अमित शाह क्या बोले बल्कि कि अमित शाह के रैली बिहार सियासत में कितना असर पड़ेगा याद है तो आपको लोकसभा चुनाव अमित शाह सीमांचल यात्रा शुरू किए वहां पर एनडीए का सफाया हो गया बस एक सीटें निकाल सकी वो भी वो सीट जहां से भाजपा ख़ुद लड़ी थी। 

 

 

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इस रैली के पीछे क्या खास रणनीति है?

 

 आखिर गोपालगंज को ही क्यों चुना गया? इस क्षेत्र की 45 विधानसभा सीटों का चुनावी गणित क्या कहता है? आइए, जानते हैं इस रैली के राजनीतिक मायने और इसके संभावित असर।

 

गोपालगंज बिहार के सारण प्रमंडल का महत्वपूर्ण जिला है, जो राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली माना जाता है। अमित शाह की इस रैली को केवल एक जनसभा नहीं, बल्कि बिहार चुनाव 2025 की नींव रखने की प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

 

सारण और चंपारण: 45 सीटों का चुनावी गणित

 

बिहार (Bihar) की राजनीति में सारण और चंपारण प्रमंडलों की अहमियत काफी अधिक है। इन क्षेत्रों की कुल 45 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें गोपालगंज, छपरा, सीवान, बेतिया, और मोतिहारी जैसी महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। बीजेपी ने इन सीटों को जीतने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है।

 

2015 और 2020 के चुनावों में इन क्षेत्रों में बीजेपी (BJP) और NDA के प्रदर्शन की तुलना करें तो यह स्पष्ट होता है कि यह इलाका हमेशा से सत्ताधारी दलों के लिए निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। BJP ने पिछली बार यहां अच्छी सफलता हासिल की थी, लेकिन इस बार पार्टी अपने प्रदर्शन को और बेहतर करने के इरादे से मैदान में उतर रही है।

 

  1. जातीय और राजनीतिक समीकरण

 

बिहार में चुनाव जातीय समीकरणों के आधार पर लड़े जाते हैं। गोपालगंज और आसपास के जिलों में राजपूत, भूमिहार, यादव, दलित और मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। 2020 में राजद (RJD) और जेडीयू (JDU) ने इन  सीटों में मजबूत पकड़ बनाई थी हालांकि इस बार इन समीकरणों बदलना चाहती और खुद इस सीटों पर आत्मनिर्भर बना चाह असल में बीजेपी उस परिस्थिति तैयार ख़ुद कर रहीं अगर उसे अकेले लड़ना पड़े तो उसे बड़ा सफलता मिले।

 

 

 

3. अमित शाह का बिहार में मिशन 2025

 

अमित शाह भारतीय राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं। उनकी चुनावी रणनीतियां अक्सर विरोधियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर देती हैं। बिहार में उनकी इस रैली को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी जोश देखा जा रहा है। पार्टी का लक्ष्य 2025 में सत्ता में वापसी करना और जेडीयू के बिना अपने दम पर सरकार बनाना है।

 

4. बीजेपी की रणनीति  विपक्ष को घेरने की तैयारी कुछ प्रमुख पॉइंट 

 

  1. मजबूत जमीनी संगठन बीजेपी ने बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बनाई है। पार्टी का फोकस युवाओं, महिलाओं और किसानों को जोड़ने पर है।
  2. मोदी सरकार की नीतियों का प्रचार केंद्र सरकार की योजनाओं, जैसे उज्ज्वला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, और आयुष्मान भारत को जनता तक पहुंचाना प्राथमिकता है।

 

3.जातीय समीकरणों को साधना  बीजेपी ने स्थानीय नेताओं और गठबंधन सहयोगियों के जरिए जातीय समीकरणों को साधने की योजना बनाई है।

 

4अमित शाह की इस रैली के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों—राजद, जेडीयू और कांग्रेस—के लिए यह चुनावी मौसम की पहली बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

 

5बीजेपी का मिशन साफ है—2025 में बिहार में अपनी सरकार बनाना। इसके लिए पार्टी अपने कोर वोट बैंक को मजबूत करने और विपक्ष के गढ़ों में सेंध लगाने की रणनीति पर काम कर रही है।

 

भाजपा इन रणनीति स्पष्ट कर दिया है कि इस बार भाजपा अकेले दम अपनी सरकार बनाना चाह रहीं है। भाजपा अब किसी बैसाखी सहारे पर बिहार राजनीति नहीं करना चाह रही है और अब भाजपा अकेले दम बिहार में सरकार बनाना चाह रही है।

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शशिकांत कुमार युवा लेखक राजनीति, 2024 की रणभूमि पुस्तक के लेखक। पिछले कई चुनावों से लगातार ही सबसे विश्वसनीय विश्लेषक।।।