BRICS: BRICS Full Form, इसकी पूरी जानकारी

Shubhra Sharma
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BRICS
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BRICS संगठन उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक ऐसा मंच है, जो वैश्विक राजनीति और आर्थिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। भारत के लिए यह संगठन न केवल आर्थिक विकास में सहायक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी स्थिति को और मजबूत करने में भी मदद करता है। BRICS के माध्यम से भारत ने अपनी वैश्विक छवि को नए आयाम दिए हैं।

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BRICS का फुल फॉर्म

BRICS का फुल फॉर्म है Brazil, Russia, India, China, South Africa। यह पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है, जिसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में विकासशील देशों की भूमिका को मजबूत करने के लिए बनाया गया है।

BRICS क्या है?

BRICS एक बहुपक्षीय संगठन (multilateral organization) है, जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी। शुरुआत में इसे BRIC कहा जाता था, जिसमें ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। 2010 में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के शामिल होने के बाद इसे BRICS नाम दिया गया। यह संगठन आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

BRICS का मुख्य उद्देश्य

BRICS के गठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना और विकासशील देशों की जरूरतों को वैश्विक मंच पर प्रमुखता देना है। इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:

  1. Economic Growth: व्यापार और निवेश (trade and investment) के अवसर बढ़ाना।
  2. Global Financial Reforms: IMF और World Bank जैसे संस्थानों में सुधार की वकालत करना।
  3. Representation for Developing Nations: विकासशील देशों की आवाज को ग्लोबल गवर्नेंस (global governance) में मजबूत करना।
  4. Technological and Cultural Exchange: विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाना।
  5. Poverty Reduction: गरीबी और असमानता (inequality) को कम करने के लिए काम करना।

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BRICS में भारत की भूमिका और शामिल होने की तारीख

भारत BRICS का संस्थापक सदस्य (founding member) है। यह संगठन 2006 में स्थापित हुआ, और भारत ने इसकी शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत BRICS का उपयोग न केवल अपनी आर्थिक ताकत को बढ़ाने के लिए करता है, बल्कि वैश्विक राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भी।

BRICS का मुख्यालय कहां है?

BRICS का कोई स्थायी मुख्यालय (permanent headquarters) नहीं है। इसका सचिवालय (secretariat) हर साल उस देश में होता है, जो उस वर्ष BRICS की अध्यक्षता करता है।

विस्तार की संभावनाएं

ब्रिक्स (BRICS) का विस्तार तब होगा जब यह दुनिया की प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाए। इस विस्तार में नए देश जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान, इथियोपिया, अर्जेंटीना, और मॉरीशस को शामिल किया जा सकता है। यह विस्तार ब्रिक्स को एक अधिक लोकतांत्रिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त संगठन बनाएगा, और इसके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव को बढ़ाने की संभावना रहती है।

BRICS का महत्व

  1. वैश्विक GDP में योगदान: BRICS देश वैश्विक GDP का लगभग 31% हिस्सा बनाते हैं।
  2. Population Representation: यह संगठन वैश्विक आबादी (global population) के 41% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
  3. Trade and Investment: BRICS देश आपसी व्यापार और निवेश के नए अवसर उत्पन्न करते हैं।
  4. Global Influence: यह संगठन विकासशील देशों को वैश्विक मुद्दों पर अधिक प्रभाव डालने का अवसर देता है।

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