Navratri 2025: वर्ष 2025 में चैत्र नवरात्रि और चैती छठ के पर्व शुभ योग में मनाए जाएंगे। यह साल विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नवरात्रि इस बार केवल आठ दिन की होगी, जबकि छठ पूजा तीन दिन तक ही चलेगी। आइए जानते हैं इन पावन पर्वों की तिथियां, अनुष्ठान और धार्मिक महत्व।
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चैत्र नवरात्रि 2025: शुभारंभ और तिथियां
हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का प्रारंभ 30 मार्च 2025 से होगा, और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होगी। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का अवसर होता है, लेकिन इस वर्ष एक तिथि के क्षय के कारण नवरात्रि केवल आठ दिन की होगी।
नवरात्रि का दिनवार कैलेंडर
30 मार्च – प्रतिपदा तिथि, कलश स्थापना एवं मां शैलपुत्री की पूजा
31 मार्च – द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
01 अप्रैल – तृतीया तिथि, मां चंद्रघंटा की पूजा
02 अप्रैल – चतुर्थी एवं पंचमी तिथि (एक ही दिन), मां कुष्मांडा एवं मां स्कंदमाता की पूजा
03 अप्रैल – षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी की पूजा
04 अप्रैल – सप्तमी तिथि, मां कालरात्रि की पूजा, इस दिन मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होंगे
05 अप्रैल – महा-अष्टमी तिथि, मां महागौरी की पूजा, निशा पूजन, हवन और रात्रि जागरण
06 अप्रैल – नवमी तिथि, मां सिद्धिदात्री की पूजा, कन्या पूजन एवं हवन
राम नवमी: नवरात्रि का समापन 06 अप्रैल को राम नवमी के दिन होगा, जब भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस बार 30 मार्च को कलश स्थापना के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा, लेकिन सुबह 12 बजे से पहले का समय सर्वोत्तम माना जा रहा है। इस दिन घरों और मंदिरों में भक्तजन घटस्थापना कर मां दुर्गा की साधना प्रारंभ करेंगे।
चैती छठ 2025: तिथियां और अनुष्ठान
चैत्र मास में मनाई जाने वाली छठ पूजा को चैती छठ कहा जाता है। इस बार छठ पूजा केवल तीन दिनों तक ही चलेगी। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है, जिसमें भक्त उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
छठ पूजा का दिनवार कैलेंडर
02 अप्रैल – नहाय-खाय एवं खरना, इस दिन व्रतधारी स्नान करके शुद्ध आहार ग्रहण करते हैं।
03 अप्रैल – संध्या अर्घ्य, डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया जाएगा।
04 अप्रैल – उषा अर्घ्य, उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होगा।
इस वर्ष छठ पूजा की अवधि तीन दिन की ही होगी, क्योंकि पंचमी तिथि के साथ चतुर्थी तिथि का संयोग बन रहा है।
नवरात्रि और छठ पूजा का महत्व
चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष का शुभारंभ होता है और यह आध्यात्मिक साधना का विशेष समय होता है।
मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करने से शक्ति, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है।
छठ पूजा में सूर्य उपासना का विशेष महत्व है, जो स्वास्थ्य और ऊर्जा प्रदान करता है।
दोनों ही पर्व सात्त्विकता, उपवास, संयम और भक्ति को बढ़ावा देते हैं।
समाप्ति
2025 का चैत्र नवरात्रि और छठ पूजा भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी रहने वाली है। ये पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भक्तजन इन पावन अवसरों पर पूजा-पाठ, दान-पुण्य और भक्ति-भाव से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।