भारत के संविधान की मूल प्रति कहां रखी है? दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान और उससे जुड़े रोचक तथ्य।

Shubhra Sharma
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संविधान
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Republic day 2025: 26 जनवरी 1950, भारत का स्वर्णिम दिन, जब हमारा संविधान लागू हुआ और गणतंत्र भारत की शुरुआत हुई। आज दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह संविधान कैसे तैयार हुआ और इसकी मूल प्रति कहां और कैसे रखी गई है? यह कहानी केवल संविधान की नहीं, बल्कि भारत की विविधता और आत्मा की गाथा है। आइए इसे विस्तार से जानें।

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संविधान निर्माण की शुरुआत: क्या थी इसकी पृष्ठभूमि?

भारतीय संविधान कोई साधारण दस्तावेज़ नहीं है। इसे बनाने की नींव ब्रिटिश शासन के दौरान पड़ी, जब भारतीय नेता स्वराज की मांग कर रहे थे। 1940 में, ब्रिटिश सरकार ने पहली बार संविधान सभा की जरूरत को स्वीकार किया। इसके बाद 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ। यह सभा विविधताओं का प्रतीक थी—प्रांत, धर्म, जाति और विचारधाराओं का अद्भुत संगम। 29 अगस्त 1947 को ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन हुआ, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। इनके साथ समिति के अन्य सदस्य भी इस महती कार्य में लगे रहे। कितने दिनों में तैयार हुआ संविधान?भारतीय संविधान का निर्माण रातों-रात नहीं हुआ। इसे तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान सभा ने 11 सत्रों में 167 दिनों तक गहन चर्चा की। दुनिया के अलग-अलग संविधानों से प्रेरणा लेकर इसे तैयार किया गया। भारत शासन अधिनियम 1935 से लगभग 250 अनुच्छेद लिए गए।

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संविधान की मूल प्रति: हाथों का जादू

क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान की मूल प्रति हाथ से लिखी गई थी? इसे लिखा था प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने। यह कोई साधारण लेखन नहीं था। अंग्रेजी के इटैलिक शैली में लिखे गए इस संविधान को शांति निकेतन के कलाकारों ने अद्भुत कलाकृतियों से सजाया।

– हर अध्याय के पहले पृष्ठ पर एक अनोखी कलाकृति है।

– सोने की पत्तियों का फ्रेम इसे अद्वितीय बनाता है।

कहां और कैसे रखा गया है संविधान?

संविधान की मूल प्रति को संसद भवन की सेंट्रल लाइब्रेरी में रखा गया है। यह कोई साधारण कांच के बॉक्स में नहीं है। इसे एक नाइट्रोजन गैस चैंबर में संरक्षित किया गया है।

– यह चैंबर संविधान को नमी, तापमान और कीटों से बचाने के लिए बनाया गया है।

– नाइट्रोजन गैस ऑक्सीकरण और रासायनिक प्रतिक्रियाओं को रोकती है, ताकि यह अमूल्य दस्तावेज हमेशा सुरक्षित रहे।

संविधान निर्माण की दिलचस्प बातें

1. पहला मसौदा: संविधान का पहला मसौदा फरवरी 1948 में प्रकाशित हुआ। इसके बाद सुझाव और आलोचनाएं लेकर दूसरा मसौदा तैयार हुआ।

2. अंतिम मसौदा: डॉ. अंबेडकर ने 4 नवंबर 1948 को संविधान सभा में अंतिम मसौदा प्रस्तुत किया।

3. पारित और लागू: 26 नवंबर 1949 को संविधान पारित हुआ और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

4. भाषा का अनुवाद: संविधान का हिंदी अनुवाद 1950 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में पूरा हुआ।

संविधान की पहली छपाई

संविधान की पहली छपाई देहरादून के सर्वे ऑफ इंडिया की प्रेस में हुई।

– 1,000 प्रतियां छापी गईं।

– इनमें से कुछ आज भी संग्रहालयों में सुरक्षित हैं।

भारत का संविधान: विशेषताएं

1. दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान: जब इसे अपनाया गया था, इसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं।

2. लोकतंत्र का स्तंभ: यह न केवल कानूनी दस्तावेज है, बल्कि भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है।

3. कलात्मकता का संगम: हर पृष्ठ की सजावट इसे कला और विधि का संगम बनाती है।

संविधान का महत्व: एक अनमोल धरोहर

भारतीय संविधान केवल कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र, हमारी पहचान और हमारे मूल्यों का आधार है। इसकी मूल प्रति का संरक्षण हमारे इतिहास और भविष्य की सुरक्षा का प्रतीक है। आधुनिक वैज्ञानिक विधियां यह सुनिश्चित करती हैं कि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे। अब जब भी आप 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाएं, तो इस महान संविधान और इसे बनाने वालों के प्रति गर्व और सम्मान महसूस करें।

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