IND VS PAK मैच खत्म होने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि देश-विदेश में मच गया बवाल?

Shubhra Sharma
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IND VS PAK
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IND VS PAK भारत और पाकिस्तान का मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं होता, यह हमेशा राजनीति, भावनाओं और इतिहास से जुड़ा होता है। एशिया कप 2025 के ग्रुप-स्टेज मैच में जब भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया, तो लगा कि चर्चा केवल भारतीय बल्लेबाज़ों के दमदार प्रदर्शन और पाकिस्तान की कमजोर रणनीति पर होगी। लेकिन खेल खत्म होते ही कुछ ऐसा हुआ जिसने दुनिया भर में सुर्खियाँ बटोरीं।
लोग हैरान रह गए कि आखिरकार मैदान पर ऐसा कौन सा दृश्य था जिसने जीत की खुशी पर भी परछाई डाल दी और मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह यही मुद्दा छा गया।

IND VS PAK
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मैच के बाद का नज़ारा जिसने चौंका दिया

आम तौर पर क्रिकेट में मैच खत्म होने के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी हाथ मिलाते हैं और खेल भावना का संदेश देते हैं। लेकिन इस बार यह परंपरा टूट गई। भारतीय खिलाड़ी जीत के बाद सीधे ड्रेसिंग रूम की ओर चले गए और पाकिस्तान टीम मैदान पर खड़ी रह गई। पाकिस्तानी खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों से हाथ मिलाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उनकी यह उम्मीद अधूरी रह गई।
कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा गया कि भारतीय टीम ने न केवल विरोधी खिलाड़ियों से बल्कि मैच ऑफिशियल्स से भी हाथ मिलाने से परहेज़ किया। यह घटना कैमरों में कैद हो गई और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।


भारत की तरफ से सफाई

भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि टीम ने यह फैसला सोच-समझकर लिया था। उनके मुताबिक, “कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिनके सामने खेल छोटा पड़ जाता है। हमने यह कदम देश और अपने लोगों के प्रति भावनात्मक संदेश देने के लिए उठाया है।”
दरअसल, हाल ही में भारत में हुई आतंकी घटनाओं और सीमा पर तनाव ने पूरे माहौल को संवेदनशील बना दिया था। ऐसे में भारतीय टीम का यह फैसला सरकार और सुरक्षा बलों के साथ खड़े होने के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।


पाकिस्तान की नाराज़गी और शिकायत

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इस घटना को गंभीरता से लिया। उनका कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों का व्यवहार “स्पोर्ट्समैनशिप” के खिलाफ है। पाकिस्तान टीम के कप्तान सलमान अली आघा और कोच माइक हेसन ने इसे “निराशाजनक” बताया।
PCB ने मैच रेफरी के पास औपचारिक शिकायत भी दर्ज करवाई। उनका आरोप है कि भारतीय टीम ने जानबूझकर अपमानजनक रवैया दिखाया और यह कदम क्रिकेट की आत्मा के खिलाफ है। इसके अलावा, पाकिस्तानी कप्तान ने मैच के बाद होने वाले प्रस्तुति समारोह (Presentation Ceremony) में हिस्सा भी नहीं लिया, जिसे विरोध का संकेत माना गया।


एशियन क्रिकेट काउंसिल और विवाद

एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रमुख मोहसिन नाकवी ने भी भारत की आलोचना की। उनका कहना है कि खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए और इस तरह का व्यवहार सही संदेश नहीं देता। ACC ने इस मामले की समीक्षा करने की बात कही है और संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

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सोशल मीडिया का तूफान

जैसे ही वीडियो और तस्वीरें सामने आईं, ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बहस छिड़ गई।

  • भारतीय फैंस का एक बड़ा वर्ग इसे देशभक्ति और साहसिक कदम मान रहा है। उनका कहना है कि खिलाड़ियों ने सही समय पर सही संदेश दिया।

  • वहीं कुछ लोग मानते हैं कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए। उनका कहना है कि यह रवैया भारत जैसी बड़ी क्रिकेटिंग टीम की गरिमा के खिलाफ है।

  • पाकिस्तान के फैंस ने इस घटना को अपमान बताया और भारतीय टीम की आलोचना की।


क्या सचमुच कोई नियम टूटा?

दिलचस्प बात यह है कि क्रिकेट में हाथ मिलाना कोई आधिकारिक नियम नहीं बल्कि परंपरा है। मैच रेफरी केवल इतना सुनिश्चित करते हैं कि खेल निष्पक्ष तरीके से हो। इसलिए तकनीकी रूप से भारतीय खिलाड़ियों ने कोई नियम नहीं तोड़ा। लेकिन “स्पोर्ट्समैनशिप” यानी खेल भावना के लिहाज़ से यह मामला विवादास्पद हो गया।


राजनीतिक पृष्ठभूमि का असर

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों का असर हमेशा क्रिकेट मैदान पर भी दिखता है। हाल ही में हुए आतंकी हमलों और सीमा पर हुई झड़पों ने हालात और बिगाड़ दिए थे। भारतीय टीम ने इस बार खेल से बड़ा संदेश देने की कोशिश की।
इस घटना ने यह भी दिखा दिया कि क्रिकेट केवल चौके-छक्कों का खेल नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों की नीतियों और भावनाओं का प्रतिबिंब भी बन जाता है।


आगे क्या?

अब बड़ा सवाल यह है कि आगे इसका असर क्या होगा।

  • क्या ACC भारतीय टीम के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा?

  • क्या भविष्य में भारत-पाकिस्तान मैचों के दौरान ऐसे विवाद बढ़ेंगे?

  • या फिर क्रिकेट परिषद नए प्रोटोकॉल बनाएगी ताकि खिलाड़ियों को स्पष्ट निर्देश दिए जा सकें?

फिलहाल इतना तय है कि इस मैच को केवल भारत की जीत के लिए याद नहीं किया जाएगा, बल्कि “हाथ न मिलाने” वाली घटना इसके साथ हमेशा जुड़ी रहेगी।


निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान का मैच हमेशा रोमांच और भावनाओं से भरा होता है, लेकिन इस बार मैदान पर हुई घटना ने खेल भावना पर सवाल खड़े कर दिए। भारतीय टीम ने यह कदम अपने देश और लोगों के प्रति भावनात्मक संदेश के तौर पर उठाया, जबकि पाकिस्तान ने इसे अपमानजनक बताया।
दोनों पक्षों की दलीलों के बीच सच्चाई यही है कि इस मैच ने दुनिया को दिखा दिया कि खेल कभी भी पूरी तरह खेल नहीं रह पाता — वह राजनीति, समाज और भावनाओं से गहराई से जुड़ जाता है।

इसलिए आने वाले दिनों में यह घटना सिर्फ एक विवाद नहीं, बल्कि क्रिकेट इतिहास का ऐसा अध्याय बनकर याद रखी जाएगी जिसने खेल और राजनीति के रिश्ते को फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया।

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