Colonel Sophia Qureshi: भारतीय सेना की पहली महिला कंटिंजेंट कमांडर

Shubhra Sharma
4 Min Read

Colonel Sophia Qureshi: The Inspiring Journeys of Colonel Sophia Qureshi and Wing Commander Vyomika Singh कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में वडोदरा, गुजरात में हुआ था। उनका परिवार सैन्य परंपरा से जुड़ा है; उनके दादा और पिता दोनों भारतीय सेना में सेवा कर चुके हैं। उनके पिता सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। सोफिया की शादी मेकनाइज्ड इन्फैंट्री के मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है, और उनके एक पुत्र, समीर कुरैशी हैं।

शिक्षा और प्रारंभिक करियर

सोफिया ने महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा से बायोकैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई से प्रशिक्षण लेकर 17 वर्ष की आयु में भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत लेफ्टिनेंट के रूप में सेवा शुरू की।

सैन्य सेवा और उपलब्धियाँ

सोफिया भारतीय सेना के सिग्नल कोर में कार्यरत हैं।

2006 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में सेवा दी, जहाँ उन्होंने संघर्ष क्षेत्रों में मानवीय सहायता और संघर्षविराम की निगरानी की।

2016 में, वह ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय सेना की पहली महिला कंटिंजेंट कमांडर बनीं, जो भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास था।

ऑपरेशन सिंदूर: अब्दुल रऊफ की मौत और पाकिस्तान का एयर डिफेंस तबाह, भारत का एक और प्रचंड प्रहार

उन्हें ऑपरेशन पराक्रम और पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के लिए प्रशंसा पत्र मिले हैं।

वेतन और भत्ते

कर्नल रैंक के अधिकारियों का मूल वेतन ₹1,21,200 से ₹2,12,400 प्रति माह होता है, साथ ही उन्हें विभिन्न भत्ते जैसे सैन्य सेवा वेतन, महंगाई भत्ता, आवास भत्ता, फील्ड एरिया भत्ता, परिवहन भत्ता, विशेष बल भत्ता और गणवेश भत्ता प्राप्त होते हैं।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह: भारतीय वायु सेना की उत्कृष्ट हेलीकॉप्टर पायलट

शिक्षा और प्रारंभिक करियर

व्योमिका सिंह ने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायु सेना के 21वें शॉर्ट सर्विस कमीशन (महिला) फ्लाइंग पायलट कोर्स के तहत सेवा शुरू की। उन्होंने ‘चेतक’ और ‘चित्ता’ जैसे हल्के हेलीकॉप्टरों को उड़ाया है, जो कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में सहायता और बचाव कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

उड़ान अनुभव और उपलब्धियाँ

व्योमिका ने अब तक 2,500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं।

2017 में उन्हें विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया, जो वायु सेना में एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पद है।

उन्होंने ऊँचे पर्वतों, घने जंगलों और गर्म रेगिस्तानों जैसे विभिन्न चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में उड़ान भरी है।

वेतन और सुविधाएँ

विंग कमांडर रैंक के अधिकारियों का मासिक वेतन ₹90,000 से ₹1,20,000 के बीच होता है। उन्हें सरकारी आवास, वाहन और चालक की सुविधा, स्वयं और परिवार के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ, क्लब और कैंटीन सुविधाएँ, और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सहित अन्य लाभ प्राप्त होते हैं।

ये दोनों महिलाएँ भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका और योगदान का प्रतीक हैं। उनकी उपलब्धियाँ न केवल सैन्य क्षेत्र में बल्कि समाज में भी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

TAGGED:
Share This Article