Telangana Election 2023: तेलंगाना में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसके मतदान की तिथि 30 नवंबर और मतगणना का दिन 3 दिसंबर तय हुआ है। तो चलिए मतदान होने से पहले तेलंगाना की राजनीति और उसके इतिहास पर एक नज़र डाल लेते हैं और इसके भूत भविष्य और वर्तमान को समझते हैं।
Telangana Election 2023
तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति
तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति यानि BRS, कांग्रेस, AIMIM और भाजपा चार मुख्य पार्टियां हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद से आज तक तेलंगाना की बागडोर BRS के ही हाथ में है।
2018 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में BRS जिसका नाम उस समय TRS यानि तेलंगाना राष्ट्र समिति था, उसने 119 में से 88 सीट हासिल करके बहुमत की सरकार बनाई थी। इस चुनाव में दूसरे नंबर पर 19 सीटों के साथ कांग्रेस ने जगह बनाई थी पर यह BRS से एक बहुत बड़ा फासला था और बाकी पार्टियां तो इससे भी कहीं नीचे थी।
BRS की जीत का श्रेय एक ही व्यक्ति को जाता है जिनका नाम के. चंद्रशेखर राव है। यह वही शख्स हैं जिन्होंने तेलंगाना राज्य को बनाने के लिए बहुत जतन किए, यहां तक की यह आमरण अनशन तक पर बैठे और इसीलिए तेलंगाना की जनता इनको वोट देने से पहले ज्यादा नहीं सोचती। जिसका यह परिणाम है कि पिछले दो बार से के चंद्रशेखर राव ही तेलंगाना की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं। और कोई पार्टी इनके टक्कर तो दूर की बात आस-पास तक नहीं आ पाई है।
BRS की जीत का श्रेय एक ही व्यक्ति को जाता है जिनका नाम के. चंद्रशेखर राव है
इस बार क्या होगा बदलेगी तस्वीर
अब बात करते हैं कि वर्तमान में क्या हाल हैं और क्या इस बार तस्वीर बदलेगी या फिर से इतिहास दोहराया जाएगा। सबसे पहले बात AIMIM की करें तो, AIMIM को पूरे देश में असदुद्दीन ओवैसी के कारण जाना जाता है क्योंकि वह आए दिन अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। AIMIM हैदराबाद की 8 सीट पर चुनाव लड़ती है जिनमें से उसने पिछले विधान सभा चुनाव में 7 सीटे हासिल की थी और opinion pole के मुताबिक इस बार भी इस पार्टी को 7 सीट ही मिलने की उम्मीद है आपको बताते चलें कि इस जीत का एक मुख्य कारण धर्म है, क्योंकि AIMIM एक मुस्लिम पार्टी के रूप में जानी जाती हैं और हैदराबाद में इस्लाम को मानने वाले एक बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
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भाजपा – कांग्रेस के लड़ाई
अब अगर बात करे कांग्रेस और भाजपा की तो इन दोनों पार्टियों की लड़ाई बहुत पुरानी है। तेलंगाना में भी बाकी देश की तरह समान परिस्थिति है, हां बस फर्क इतना है कि फिलहाल यहां कांग्रेस भाजपा से बेहतर हालत में है। हालांकि भाजपा हर बार पिछली बार से बेहतर कर रही है और opinion pole की माने तो इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच फासला घटता नजर आएगा।
तेलंगाना में BRS
पर यह भी सच है कि तेलंगाना में BRS को हराना अभी किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। BRS ने महिलाओं के लिए सौभाग्य योजना और गरीबों के लिए अन्नपूर्णा जैसी कई योजनाएं चला कर कांग्रेस जैसी पार्टियों के जीतने के रास्ते बंद कर रखे हैं जो लोगों को लालच देकर अपनी तरफ करना जानती हैं। और इसके अलावा आजपा जो कि एक हिंदू पार्टी के रूप में जानी जाती हैं वो यहां धर्म की राजनीति भी नहीं कर सकती क्योंकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 2016 में यदादी मंदिर का काम शुरू करवाया था
जो पिछले साल ही बनकर तैयार हुआ है पर ज्यादा बड़ी बात यह है कि भाजपा की पकड़ दक्षिण भारत में वैसी नहीं है जैसी उत्तर भारत में है इसलिए भाजपा के लिए तेलंगाना एक टेडी खीर है।
तो अंत में यह कहा जा सकता है कि तेलंगाना में होने जा रहे तीसरे विधान सभा चुनाव में BRS का हाथ फिलहाल तो कोई नहीं पकड़ सकता।आप इस बारे में क्या सोचते हैं हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।