भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले किसी भी क्रिकेट मैच को लेकर फैन्स में हमेशा जोश और रोमांच देखने को मिलता है। लेकिन इस बार Asia Cup 2025 में होने वाले IND vs PAK मुकाबले को लेकर उत्साह के साथ-साथ विरोध की आवाज़ें भी तेज़ हो गई हैं। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने खुले तौर पर इस मैच का विरोध किया है। उनका कहना है कि जब सीमा पर तनाव बना हुआ है और आतंकवाद जैसी गंभीर समस्याएँ सामने हैं, तब खेल के नाम पर भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सामान्य दिखाना सही संदेश नहीं देता।
विरोध की पृष्ठभूमि
भारत और पाकिस्तान के बीच खेल हमेशा से ही सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि भावनाओं से जुड़ा मामला रहा है। पुलवामा हमले (2019) से लेकर हालिया सीमा विवाद तक, हर घटना के बाद यह बहस तेज़ हुई है कि क्या पाकिस्तान के साथ खेला जाना चाहिए। यही वजह है कि जैसे ही एशिया कप के शेड्यूल में IND vs PAK मैच शामिल हुआ, विरोधी स्वर सामने आने लगे।
प्रदर्शनकारियों की मांग
कई संगठनों ने सख्ती से यह कहा है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना शहीदों का अपमान है। सोशल मीडिया पर #BoycottIndvsPak और #NoMatchWithPakistan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहता है, तब तक खेल का मैदान भी उसके लिए खुला नहीं होना चाहिए।
विरोध के पीछे राजनीतिक संदेश
कई राजनीतिक दलों के नेता भी इस बहस में कूद पड़े हैं। कुछ नेताओं ने कहा है कि यह केवल खेल का मामला नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और गरिमा से जुड़ा सवाल है। उनका कहना है कि सरकार को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और जनता की भावनाओं को देखते हुए पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैचों पर रोक लगानी चाहिए।
सुरक्षा को लेकर चिंता
मैच के आयोजन स्थल पर सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि इतनी संवेदनशील परिस्थिति में पाकिस्तान टीम की मौजूदगी से सुरक्षा एजेंसियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। इससे संसाधनों पर बोझ बढ़ेगा और आम नागरिकों के लिए खतरे की स्थिति भी बन सकती है।
फैन्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहाँ विरोध की आवाज़ें तेज़ हो रही हैं, वहीं क्रिकेट फैन्स का एक बड़ा वर्ग इस मैच का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। उनके लिए IND vs PAK मुकाबला खेल का सबसे बड़ा रोमांच है। फैन्स का कहना है कि राजनीति और खेल को अलग रखना चाहिए और खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने का मौका देना चाहिए। हालांकि, विरोधी संगठनों का मानना है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए भारत को कठोर कदम उठाने होंगे।
सोशल मीडिया पर बहस
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर इस मुद्दे को लेकर गर्मागर्म बहस चल रही है। एक ओर लोग कह रहे हैं कि “खेल को खेल की तरह खेलना चाहिए”, तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में यूज़र्स सरकार से इस मैच को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। #BoycottIndvsPak ट्रेंड के साथ-साथ “No Cricket With Terror Nation” जैसे नारे भी जमकर वायरल हो रहे हैं।
क्रिकेट बोर्ड की स्थिति
BCCI और एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) फिलहाल इस मैच को शेड्यूल के हिसाब से कराने पर अड़े हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि खेल को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। लेकिन विरोध करने वाले लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि जब देश की सुरक्षा और शहीदों की भावनाएँ दांव पर हों, तब खेल को सिर्फ “खेल” मानना कितना सही है।
निष्कर्ष
इंडिया-पाकिस्तान मैच केवल बल्ले और गेंद की टक्कर नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय भावना, राजनीति और कूटनीति से भी गहराई से जुड़ा है। इस बार Asia Cup 2025 का यह मैच शुरू होने से पहले ही विरोध की वजह से चर्चा में है। सवाल यह है कि क्या सरकार और बोर्ड जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर कोई बड़ा फैसला लेंगे, या फिर मैच तय कार्यक्रम के अनुसार ही खेला जाएगा।

