प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया जिले में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने रेल, हवाई अड्डा, बिजली और जल जैसी बुनियादी जरूरतों से जुड़ी योजनाओं का लोकार्पण किया और सीमांचल क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया। इसी अवसर पर उन्होंने 40,000 से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर सौंपे, जिससे इन परिवारों के जीवन में स्थायी बदलाव की उम्मीद जगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान मखाना की खेती और मखाना किसानों की उपेक्षा पर भी जोर देते हुए कहा कि बिहार के किसान आय के एक नए साधन के रूप में मखाना की खेती से जुड़े हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “ये जो आजकल यहां आकर चक्कर काटते हैं, उन्होंने मेरे आने से पहले मखाना का नाम भी नहीं सुना होगा।” स्पष्ट था कि यह बयान राहुल गांधी की ओर इशारा करता है।
सीमांचल के विकास पर फोकस
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए पूर्णिया और सीमांचल का विकास अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “देश के विकास के लिए बिहार का विकास जरूरी है। लेकिन पिछली सरकारों के कुशासन और लापरवाही के कारण इस क्षेत्र का विकास रुका रहा। अब एनडीए सरकार ने इसे विकास की दिशा में प्राथमिकता दी है।” उन्होंने यह भी बताया कि उनके नेतृत्व में अब सीमांचल में रेलवे, हवाई अड्डे, बिजली और जल जैसी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं का कार्य तेजी से हो रहा है।
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन
प्रधानमंत्री मोदी ने मखाना किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी भी साझा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले बिहार के लोगों से राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन का वायदा किया था और केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसका उद्देश्य मखाना किसानों को बेहतर मूल्य और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इसके लिए करीब 500 करोड़ रुपये की योजनाएं भी मंजूर की गई हैं। पीएम ने कहा कि इससे मखाना क्षेत्र के किसानों की आमदनी बढ़ेगी और यह क्षेत्र नए निवेश और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस और आरजेडी की पिछली सरकारों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि दशकों तक बिहार का शोषण करने वाले इन दलों को अब बिहार की प्रगति और विकास स्वीकार नहीं हो रहा है। पीएम मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि आज “मेड इन बिहार रेल इंजन अफ्रीका तक जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इसे देखकर भी बिहार की प्रगति को नहीं मान रहे।”
उन्होंने विशेष रूप से कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर बिहार की तुलना बीड़ी से करना उनके बिहार विरोध का प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा कि इन दलों के भ्रष्टाचार और घोटालों ने बिहार की साख को बहुत नुकसान पहुंचाया।
पक्के घरों का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने 40,000 से अधिक परिवारों को पक्के घर सौंपने का भी महत्व बताया। उन्होंने कहा कि यह अवसर उनके लिए बहुत सौभाग्यशाली है कि वे धनतेरस, दीपावली और छठ पूजा से पहले अपने नए घरों में प्रवेश कर रहे हैं। पीएम ने इस अवसर को “बेघर भाई-बहनों को भरोसा देने वाला” करार दिया और कहा कि जब तक हर गरीब को पक्का घर नहीं मिल जाता, उनकी सरकार रुकने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को दिए जा चुके हैं और अब 3 करोड़ नए घर बनाने का काम चल रहा है। उनका यह स्पष्ट संदेश था कि पिछड़ों और गरीबों को प्राथमिकता देना उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य है।
इंजीनियर्स और आधुनिक बुनियादी ढांचा
पीएम मोदी ने इंजीनियर्स की भूमिका को भी सराहा। उन्होंने कहा कि पूर्णिया एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग रिकॉर्ड समय यानी 5 महीने से भी कम में तैयार की गई। वहीं, इस टर्मिनल की पहली कॉमर्शियल फ्लाइट को हरी झंडी दिखाई गई। उन्होंने इस अवसर पर वंदे भारत और अमृत भारत पैसेंजर ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर प्रगति की दिशा का प्रतीक बताया।
एनडीए सरकार द्वारा पूरी सीमांचल क्षेत्र को आधुनिक हाईटेक रेल सेवाओं से जोड़ने की योजना पर भी प्रधानमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब विकास की नई राह पर अग्रसर है और यह बदलाव सीधे बिहार के लोगों के जीवन में सुधार लाएगा।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा केवल परियोजनाओं के उद्घाटन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सीमांचल क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी विकास का प्रतीक बन गया। मखाना किसानों के लिए बोर्ड, पक्के घरों का वितरण, आधुनिक रेलवे और एयरपोर्ट सुविधाएं, ये सभी कदम इस क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में निर्णायक साबित होंगे। साथ ही, राहुल गांधी और कांग्रेस-आरजेडी पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बिहार की प्रगति अब किसी भी विपक्षी दल को रोक नहीं सकती।
पूर्णिया दौरा एक संदेश लेकर आया है: सीमांचल और बिहार का विकास अब न केवल प्राथमिकता है, बल्कि यह नए भारत के निर्माण का हिस्सा भी है।

