बिहार की राजनीति में नया विवाद: राजबल्लभ यादव की टिप्पणी पर भड़के तेज प्रताप, परिवार के साथ दिखे खड़े

Shubhra Sharma
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बिहार की राजनीति हमेशा से ही विवादों, आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाज़ी की वजह से सुर्खियों में रही है। ताज़ा मामला राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के विवादित बयान से जुड़ा है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इसके बाद प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है और आरजेडी खेमे में गुस्से का माहौल है।

विवाद की शुरुआत

विवाद तब भड़का जब राजबल्लभ यादव ने राजश्री की तुलना जर्सी गाय से कर डाली। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा – “हरियाणा और पंजाब से शादी करने की क्या ज़रूरत थी? बीवी लाए या जर्सी गाय?” यह बयान न केवल तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लिए अपमानजनक था बल्कि इसे समाज के बड़े वर्ग ने महिलाओं का अपमान और सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ माना।

इस बयान के बाद आरजेडी नेताओं ने एक सुर में राजबल्लभ पर हमला बोला और उनकी टिप्पणी को शर्मनाक करार दिया।

तेज प्रताप का तीखा हमला

इस विवाद पर सबसे बड़ी प्रतिक्रिया आई तेज प्रताप यादव की ओर से। तेजस्वी यादव के बड़े भाई और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि “राजबल्लभ यादव अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। इन्हीं कारणों से उन्हें पार्टी ने पहले ही बाहर कर दिया था। उनका राजनीतिक और नैतिक पतन निश्चित है।”

तेज प्रताप ने यह भी कहा कि किसी महिला के बारे में इस तरह की टिप्पणी करना न सिर्फ नैतिक पतन को दर्शाता है, बल्कि यह एक तरह से अपराध भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे बयानों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि तेज प्रताप इस समय खुद पार्टी से बाहर हैं और अपनी नई राजनीतिक राह तलाश रहे हैं। बावजूद इसके, उन्होंने इस विवाद में खुलकर अपने भाई और परिवार का साथ दिया। इस कदम से यह साफ हो गया कि राजनीतिक मतभेद भले हों, लेकिन परिवार की इज्ज़त और सम्मान के मामले में वह अब भी एकजुट खड़े हैं।

मंदिर में पूजा न हो पाना और बयानबाज़ी

तेज प्रताप यादव रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे थे, जहाँ वे बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर में पूजा करना चाहते थे। लेकिन चंद्रग्रहण के कारण सूतक लगने से मंदिर के द्वार बंद थे और वे पूजा नहीं कर सके। इस दौरान मीडिया से बातचीत में ही उन्होंने राजबल्लभ यादव पर हमला बोला और कहा कि राजद ऐसे लोगों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा जिनकी छवि दागदार हो।

आरजेडी नेताओं की नाराज़गी

तेज प्रताप के अलावा, आरजेडी के कई अन्य नेताओं ने भी राजबल्लभ की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी जिला अध्यक्ष रेनू देवी ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह टिप्पणी सिर्फ तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी का अपमान नहीं है, बल्कि पूरे पिछड़े और दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली है। उन्होंने राजबल्लभ को “आस्तीन का सांप” बताते हुए कहा कि ऐसे लोग लालू प्रसाद यादव की छाया में पले-बढ़े और अब उसी परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

राजबल्लभ यादव का विवादित अतीत

यह पहली बार नहीं है जब राजबल्लभ यादव विवादों में आए हों। साल 2016 में उनका नाम एक नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सामने आया था। इस मामले में उन्हें जेल भी हुई थी। हाल ही में हाईकोर्ट से बरी होने के बावजूद उनकी छवि साफ नहीं हो सकी। अब उनकी इस विवादित टिप्पणी ने एक बार फिर उनके अतीत की याद दिला दी है और बिहार की राजनीति को हिला कर रख दिया है।

राजनीतिक असर

इस पूरे घटनाक्रम का असर आने वाले समय में बिहार की राजनीति पर भी पड़ सकता है। महागठबंधन पहले से ही सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर खींचतान से जूझ रहा है। ऐसे में राजबल्लभ की टिप्पणी ने न केवल माहौल बिगाड़ा है बल्कि विपक्ष को भी सरकार और गठबंधन पर हमला करने का मौका दे दिया है।

तेज प्रताप की इस प्रतिक्रिया से यह भी साफ होता है कि परिवार की गरिमा और महिलाओं के सम्मान जैसे मुद्दों पर राजनीतिक मतभेद पीछे छूट जाते हैं। अब देखना यह होगा कि राजद इस विवाद पर आगे क्या कार्रवाई करता है और राजबल्लभ यादव के खिलाफ सख्ती दिखाता है या नहीं।

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