परिचय
net worth प्रशांत किशोर भारतीय राजनीति के प्रमुख चुनावी रणनीतिकारों में से एक हैं, जिन्होंने कई बड़े नेताओं को चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका नाम आज हर बड़े राजनीतिक अभियान के साथ जुड़ा हुआ है। वह अपने कुशल चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक विश्लेषण के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रशांत किशोर का प्रमुख योगदान नरेंद्र मोदी, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार जैसे नेताओं के चुनावी अभियानों में रहा है।

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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
प्रशांत किशोर का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। हालाँकि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं की, जैसा कि कुछ लोग दावा करते हैं, उन्होंने पब्लिक हेल्थ में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में काम करने के बाद, उन्होंने भारत में राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान बनाई।
पत्नी और परिवार
प्रशांत किशोर की पत्नी का नाम जाह्नवी दास है, जो पेशे से डॉक्टर हैं। जाह्नवी दास का प्रोफेशनल करियर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जबकि प्रशांत किशोर राजनीति में व्यस्त रहते हैं। उनके परिवार में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि वह अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को निजी रखना पसंद करते हैं। उनके पिता श्रीकांत पांडे भी एक डॉक्टर थे, जिन्होंने बिहार सरकार में काम किया था।
राजनीतिक सफर
प्रशांत किशोर का राजनीतिक करियर 2012 में शुरू हुआ, जब उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव में रणनीति तैयार की। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी की बड़ी जीत के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सफल रणनीतियों में “चाय पर चर्चा” और “3D रैली” शामिल हैं, जिनसे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। इसके अलावा उन्होंने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, और जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं के लिए भी सफलतापूर्वक चुनावी अभियानों का नेतृत्व किया।
जन सुराज पार्टी की स्थापना
हाल ही में, प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी जन सुराज की स्थापना की है। इस पार्टी की घोषणा उन्होंने 2 साल की लंबी पदयात्रा के बाद गांधी जयंती के अवसर पर की। पार्टी के ध्वज में महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरें होंगी, जो भारतीय संविधान और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को सम्मानित करती हैं। जन सुराज पार्टी का उद्देश्य बिहार में नई राजनीति की दिशा देना है, जो जन-प्रतिनिधित्व पर आधारित हो। इस पार्टी की खास बात यह है कि इसमें “राइट टू रिकॉल” (अधिकार को वापस लेने का अधिकार) का प्रावधान होगा, जिससे जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को असंतोषजनक प्रदर्शन पर वापस बुला सकेगी।
नेट वर्थ और संपत्ति
प्रशांत किशोर की अनुमानित नेट वर्थ लगभग 37 करोड़ रुपये है। उनका प्रमुख आय स्रोत उनका संगठन I-PAC (Indian Political Action Committee) है, जो विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए रणनीतिक परामर्श प्रदान करता है। उन्होंने भारतीय चुनावी अभियानों में आधुनिक तकनीकों और डाटा एनालिटिक्स का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, जिससे उनकी सेवाओं की मांग बढ़ी है।
प्रमुख रणनीतियाँ और योगदान
प्रशांत किशोर की सबसे बड़ी रणनीतिक सफलता 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के अभियान के साथ आई। उनकी योजना “चाय पर चर्चा” और “परीक्षा पर चर्चा” जैसी थी, जिसने देश भर में बीजेपी की लोकप्रियता को बढ़ाया। इसके अलावा, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने महागठबंधन की सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रशांत किशोर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी चुनावी रणनीतियाँ और राजनीतिक विश्लेषण ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिलाया है। उनका जीवन यह साबित करता है कि आधुनिक सोच और कुशल रणनीति के साथ कोई भी व्यक्ति राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। प्रशांत किशोर का योगदान भारतीय राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।