Lok Sabha elections in India 2024:अबतक 2024 की रणभूमि चार पेज़ समाप्त हो चुका है सीटों देखें तो अबतक करीब 380 सीटों वोटिंग समाप्त हो चुका है यानी कुल लोकसभा सीटों में से करीब 70 प्रतिशत मतदान संपन्न हो चुका है। इसमें ऐसी कई खबरें सामने आ रहा है जो इस समय सत्ता परिवर्तन के तरफ़ इशारा कर रहीं हैं। जैसे कि गृह मंत्रालय दफ्तर में आग लगा फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में भी आग लगने की खबरें सामने आ रही उधर वोटिंग प्रतिशत भी घट रहीं जो कि इसी ओर इशारा दे रहीं हैं कि सत्ता परिवर्तन हो सकता है।
Lok Sabha elections in India 2024: सत्ता बदलने की आहट हुई तेज
भाजपा के कोर वोटर कमी
इस समय भाजपा का वोट का प्रतिशत और भजपा के कोर वोट बैंक की उदासीनता ने बीजेपी की नींद उड़ा कर रख दी है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और बीजेपी के लिए जो सबसे सुरक्षित राज्य में देश में सबसे कम वोटिंग ने बता दिया है कि अब केंद्र में सत्ता परिवर्तन होगा या फिर गठबंधन की सरकार बनी बनेंगी ऐसे दो परिस्थितियों नुकसान गुजरात लॉबी का होगा जो कि अबतक एकतरफा अपने मर्जी फैंसला ले रहे थे लेकिन जैसे ही गठबंधन के सरकार बनेगी तब ये परिस्थिति बन जाएगा जहां पर सभी पक्षों के साथ लेकर ही फैसला ले सकते हैं।
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क्या भाजपा के सत्ता से दूर होने की भनक पहले ही अधिकारियों को और अब मीडिया को भी लग चुकी है, यही कारण है कि अधिकारियों ने जहां भाजपा नेताओं से दूरी बनाना शुरू कर दी है, वहीं मीडिया का सुर भी अचानक बदलने शुरू कर चुके हैं।
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन के जो इनपुट और अन्य ग्राउंड रिपोर्ट से सरकार के पास पहुँचते हैं, वे सब अधिकारियों के बीच चर्चा और चिंता दोनों का विषय बन गये हैं। डेपुटेशन पर दिल्ली में तैनात कुछ अफसरों ने डेपुटेशन समाप्त कर वापस अपने गृहराज्य में जाने का आवेदन दे दिया है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से गुजरात के अफसरों का भी अचानक से मोहभंग हो गया है। अपने गृहराज्य गुजरात वापस जाने का आवेदन देने वाले अफसरों की सबसे लंबीकतार है। सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर है कि केन्द्रीय गृहमंत्रालय की दूसरी मंजिल पर 16 अप्रैल 2024 को लगी आग और उसके बाद 14 मई को लगी आग को भी
कोई सामान्य घटना नहीं है। इसके पीछे भी सत्ता परिवर्तन की ही कहानी है। मध्यप्रदेश के वल्लभ भवन मंत्रालय में 9 मार्च 2024 को लगी भीषण आग से केन्द्र सरकार की कई योजनाओं के दस्तावेज जलकर खाक हो गये। यह भी सबूत जलाओ कार्यक्रम ही प्रतीत होता है।
जी न्यूज के मालिक सुभाष
मीडिया के सुर भी अब बदले बदले नज़र आने लगे हैं। पिछले तीन महीनों में किसी भी न्यूज़ चैनल ने नरेंद्र मोदी को विश्वगुरू या इस प्रकार खबरें नहीं चला रहे हैं।जी न्यूज के मालिक सुभाष चन्द्रा ने वीडियो जारी कर भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को ख़तरे में बताया और सार्वजनिक तौर पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इंडिया टुडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के मैनिफेस्टो के बारे में परोसे झूठ का पर्दाफाश कर परिवर्तन के स्पष्ट संकेत दे दिये हैं। जो चैनल और अखबार कांग्रेस का विज्ञापन छापने से घबराने लगें थे वो अब कांग्रेस का विज्ञापन छाप रहें हैं। धीरे धीरे मिडिया भाजपा सरकार की गोदी से नीचे उत्तरकर अपने पाँव पर खड़ा होने की केशिश करने लगा है। बदलाव की ये आहट तीसरे चरण के मतदान के बाद तब और पक्की हो गई जब भाजपा के कोर वोट बैंक वाले बूथों पर मतदान के प्रति कोई उत्साह नज़र नहीं आया। यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों मे भाजपा के पोलिंग एजेंट मतदान की समाप्ति के पहले ही पोलिंग बूथ से नदारद मिले।
भाजपा ने इस बार अबकी बारी 400 सीटों का नारा दिया है जो कि अब असफल नजर आ रहा है। हालांकि अभी हमें चार जुन का इंतजार करना चाहिए क्योंकि 164 सीटों वोटिंग बचा है।