Budget 2025: हर साल देश की प्रगति और विकास की दिशा को तय करने के लिए बजट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। भारत जैसे विकासशील देश में शिक्षा, रक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बजट आवंटन देश के भविष्य के लिए बेहद अहम है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भारत सरकार ने इन तीनों क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की है। हालांकि, विश्व के अन्य प्रमुख देशों की तुलना में भारत का बजट किस स्थिति में है, यह जानना भी आवश्यक है। इस लेख में भारत के शिक्षा, रक्षा और स्वास्थ्य बजट की विस्तार से चर्चा की गई है और उनकी तुलना वैश्विक संदर्भ में की गई है।
Budget 2025
भारत का रक्षा बजट
वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 4.79% अधिक है। यह बजट सेना, नौसेना और वायुसेना को सशक्त बनाने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा और सीमा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस बजट के साथ भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। अमेरिका का रक्षा बजट लगभग 831 बिलियन अमेरिकी डॉलर, चीन का 231 बिलियन डॉलर और रूस का 109 बिलियन डॉलर है।
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भारत का शिक्षा बजट
शिक्षा क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 1.12 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% की वृद्धि दर्शाता है। यह बजट स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने के लिए आवंटित किया गया है। हालांकि, विश्व स्तर पर तुलना करें तो ब्रिटेन ने शिक्षा के लिए 116 बिलियन पाउंड (लगभग 11.6 लाख करोड़ रुपये) का बजट तय किया है, जो भारत के बजट से कई गुना अधिक है।
भारत का स्वास्थ्य बजट
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भारत सरकार ने 89,155 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह बजट प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं, आयुष्मान भारत योजना, और चिकित्सा अनुसंधान के लिए आवंटित किया गया है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इसमें 13% की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, ब्रिटेन जैसे विकसित देश ने स्वास्थ्य के लिए 187 बिलियन पाउंड (लगभग 18.7 लाख करोड़ रुपये) का बजट आवंटित किया है, जो भारत के स्वास्थ्य बजट की तुलना में काफी अधिक है।
भारत के बजट की चुनौतियां और सुधार की आवश्यकता
भारत का रक्षा बजट वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति में है, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में बजट आवंटन अभी भी विकसित देशों की तुलना में कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में अधिक निवेश करना जरूरी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं न केवल मानव संसाधनों को मजबूत बनाती हैं बल्कि देश की उत्पादकता भी बढ़ाती हैं।
सरकार को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस नीतियां लागू करनी होंगी। स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं के विकास, चिकित्सा अनुसंधान को बढ़ावा देने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत ने रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बजट आवंटन किया है, जिससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी। हालांकि, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अधिक धनराशि की आवश्यकता है। यदि इन क्षेत्रों में उचित निवेश किया जाए तो यह भारत की समग्र विकास यात्रा को गति प्रदान करेगा।