बिहार के 40,000 शिक्षकों के लिए खुशखबरी: त्योहार से पहले मिलेगा लंबित वेतन

Shubhra Sharma
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बिहार के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से वेतन न मिलने के कारण परेशान लगभग 40,000 शिक्षक और प्रधानाध्यापक अब राहत की सांस ले सकेंगे। विभाग ने आदेश जारी कर दिया है कि दशहरा, दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों से पहले सभी प्रभावित शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया जाएगा। यह आदेश सीधे तौर पर उन हजारों परिवारों के लिए खुशखबरी है, जो वेतन के इंतजार में आर्थिक तंगी झेल रहे थे।


मुजफ्फरपुर के 1,300 शिक्षक भी होंगे लाभान्वित

इस आदेश से मुजफ्फरपुर जिले के करीब 1,300 शिक्षक भी लाभान्वित होंगे। यह सभी शिक्षक TRE-3 भर्ती प्रक्रिया या नवनियुक्त प्रधानाध्यापक की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी अब तक वेतन नहीं मिला था। शिक्षा सचिव दिनेश कुमार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर तकनीकी और प्रक्रियागत खामियों को दूर करके भुगतान सुनिश्चित किया जाए।


वेतन रोकने की असली वजह क्या थी?

शिक्षकों के वेतन में देरी की सबसे बड़ी वजह अधूरी तकनीकी प्रक्रिया और दस्तावेजों की कमी बताई जा रही है।

  1. कई शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, BPSC चयन पत्र, आधार कार्ड और बैंक विवरण अब तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए।

  2. जन्मतिथि और मोबाइल नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी में विसंगतियां सामने आईं।

  3. HRMS पोर्टल पर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

  4. जिला स्तर पर निगरानी की कमी और कंप्यूटर ऑपरेटरों की कमी ने स्थिति और भी खराब कर दी।

इन सभी कारणों की वजह से, हजारों शिक्षक नियुक्ति मिलने के बावजूद वेतन से वंचित रह गए।


शिक्षा विभाग का आदेश और सख्ती

शिक्षा सचिव ने अपने आदेश में साफ कहा है कि –

  • नवनियुक्त शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की तैनाती की जानकारी HRMS पोर्टल पर अपडेट की जाए।

  • जिनका PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) अब तक नहीं बना है, उसे तुरंत जनरेट किया जाए।

  • सभी जरूरी दस्तावेज़ एक सप्ताह के भीतर अपलोड कर दिए जाएं।

  • अगर कहीं तकनीकी या प्रक्रियागत लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

इस आदेश का सीधा मकसद यह है कि शिक्षकों को त्योहारों से पहले वेतन मिले, ताकि वे भी अपने परिवारों के साथ खुशियां मना सकें।


संगठन और शिक्षकों की प्रतिक्रिया

परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के संभागीय पदाधिकारी लखन लाल निषाद ने पुष्टि की कि मुजफ्फरपुर के करीब 1,300 शिक्षक वेतन का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि –
“हम जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर लगातार काम कर रहे हैं। तकनीकी दिक्कतें ज़रूर हैं, लेकिन उम्मीद है कि त्योहारों से पहले भुगतान हो जाएगा।”

उन्होंने यह भी बताया कि कई बार प्रक्रिया धीमी हो जाती है, क्योंकि जिले में कंप्यूटर ऑपरेटरों की भारी कमी है। बावजूद इसके, विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास हो रहे हैं।


क्यों जरूरी था यह फैसला?

शिक्षकों का वेतन महीनों तक रोकना न सिर्फ उन्हें आर्थिक परेशानी में डालता है, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति और मनोबल पर भी असर डालता है। त्योहारों के समय यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि उस दौरान खर्चे बढ़ जाते हैं।

लंबे समय से लंबित वेतन की समस्या को देखते हुए विभाग ने यह सख्त कदम उठाया है। अगर यह आदेश समय पर लागू हो गया, तो हजारों शिक्षकों के चेहरे पर खुशी लौट आएगी और वे भी त्योहारों को परिवार के साथ अच्छे से मना सकेंगे।


त्योहार से पहले बड़ी राहत

शिक्षा विभाग का यह निर्णय शिक्षकों के लिए किसी त्योहारी तोहफे से कम नहीं है। आने वाले दशहरा, दिवाली और छठ जैसे पर्व अब उनके लिए और भी खास होंगे। लंबे समय से इंतजार कर रहे वेतन की राशि मिलने से न केवल शिक्षकों को राहत मिलेगी बल्कि स्थानीय बाज़ारों में भी खरीदारी बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।


नतीजा

कुल मिलाकर, बिहार के लगभग 40,000 शिक्षक, जिनमें से अकेले मुजफ्फरपुर के 1,300 शिक्षक शामिल हैं, इस आदेश से सीधा लाभ पाएंगे। विभागीय सख्ती और तय समयसीमा से अब उम्मीद की जा रही है कि इस बार कोई भी शिक्षक वेतन से वंचित नहीं रहेगा।

यह कदम न केवल शिक्षकों को आर्थिक सुरक्षा देगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि राज्य सरकार त्योहारों से पहले अपने कर्मचारियों की परेशानियों को दूर करने के लिए गंभीर है।

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