दुर्गा पूजा 2025: क्यों कहा जाता है इसे अच्छाई की सबसे बड़ी जीत?

Shubhra Sharma
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भारत त्योहारों की धरती है। हर पर्व अपने साथ अलग संदेश और ऊर्जा लेकर आता है। इन्हीं में से सबसे भव्य और लोकप्रिय त्योहार है Durga Puja। यह सिर्फ़ पूजा-पाठ का समय नहीं बल्कि समाज में शक्ति, उत्साह और सांस्कृतिक एकजुटता का प्रतीक है। दुर्गा पूजा का नाम सुनते ही मन में पंडालों की भव्यता, ढाक की धुन, सिंदूर खेला और भीड़ से भरे मेले की तस्वीर उभर आती है। लेकिन इस पर्व का असली संदेश क्या है?

दुर्गा पूजा का धार्मिक महत्व

मान्यता है कि असुर महिषासुर ने देवताओं को पराजित कर तीनों लोकों में आतंक फैला दिया था। तब देवताओं की शक्तियों के मिलन से माँ दुर्गा का अवतार हुआ और उन्होंने महिषासुर का वध कर सत्य और धर्म की रक्षा की। यही वजह है कि दुर्गा पूजा को Victory of Good over Evil का पर्व कहा जाता है। यह सिर्फ़ पौराणिक कथा नहीं बल्कि जीवन के हर संघर्ष में हमें सही रास्ता चुनने की प्रेरणा देता है।

नवरात्र और दुर्गा पूजा का संबंध

दुर्गा पूजा का आयोजन मुख्य रूप से Navratri के दौरान होता है। नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन अलग स्वरूप की आराधना होती है – शक्ति, ज्ञान, धन, समृद्धि और विजय की कामना के साथ। दसवें दिन Dussehra मनाया जाता है जो बुराई पर अच्छाई की अंतिम जीत का प्रतीक है। इस तरह यह पर्व केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं बल्कि गहरी आध्यात्मिक यात्रा भी है।

समाज और संस्कृति में दुर्गा पूजा

Durga Puja सिर्फ़ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि एक विशाल सांस्कृतिक उत्सव है। पंडालों में अलग-अलग theme की सजावट, मूर्तियों की भव्यता और कला का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। कलाकार महीनों पहले से मूर्तियों की तैयारी करते हैं। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटक, संगीत और नृत्य लोगों को जोड़ते हैं। यह पर्व समाज में unity और brotherhood की भावना को गहरा करता है।

आस्था और विश्वास की शक्ति

लाखों लोग इस दौरान व्रत रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और माँ दुर्गा के दरबार में अपनी समस्याएँ और इच्छाएँ लेकर पहुँचते हैं। लोग मानते हैं कि माँ की कृपा से जीवन की मुश्किलें आसान हो जाती हैं। Faith और Devotion का यह संगम ही दुर्गा पूजा को इतना खास बनाता है।

शुभकामनाओं का आदान-प्रदान

इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। कुछ प्रचलित शुभकामनाएँ इस प्रकार हैं:

  • माँ दुर्गा आपके जीवन से अंधकार मिटाकर उजाला भर दें।

  • इस Durga Puja आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि आए।

  • माँ की शक्ति आपको हर कठिनाई से लड़ने की हिम्मत दे।

इन शुभकामनाओं के जरिए समाज में सकारात्मकता और आपसी संबंध मज़बूत होते हैं।

दुर्गा पूजा से मिलने वाला संदेश

माँ दुर्गा की आराधना हमें कई सीख देती है। पहला, जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर हम Truth और Courage के साथ खड़े हों तो विजय निश्चित है। दूसरा, हमें अपने अंदर की नकारात्मकता को खत्म कर सकारात्मकता अपनानी चाहिए। तीसरा, यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि Inner Strength ही असली शक्ति है जो हर लड़ाई में हमें सफल बनाती है।

आज के दौर में प्रासंगिकता

भ्रष्टाचार, अपराध, और असमानता जैसे मुद्दों से जूझ रहे समाज में दुर्गा पूजा का संदेश और भी अहम हो जाता है। यह पर्व हमें बताता है कि सामूहिक शक्ति और सही नेतृत्व से किसी भी बुराई पर विजय पाई जा सकती है। साथ ही, यह त्योहार महिलाओं की शक्ति और सम्मान का भी प्रतीक है।

निष्कर्ष

दुर्गा पूजा केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि जीवन जीने का एक दर्शन है। यह हमें अच्छाई चुनने, साहस रखने और समाज में एकता बनाए रखने की प्रेरणा देता है। इस पर्व के दौरान लोग भक्ति, संस्कृति और उत्साह के रंग में डूब जाते हैं।

इस दुर्गा पूजा पर यही संदेश हर किसी तक पहुँचना चाहिए कि –
Good always triumphs over Evil, Faith brings Strength, and Unity builds a better society.

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