Donald Trump President Oath Ceremony: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी, 2025 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। यह शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक होगा, जिसमें कई वैश्विक नेताओं की भागीदारी देखने को मिलेगी। ट्रंप ने इस बार विभिन्न देशों के नेताओं को व्यक्तिगत निमंत्रण भेजा है, जिनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंध थे, लेकिन अब दूसरी बार शपथ ग्रहण समारोह में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी न्योता भेजा गया है।

ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में वैश्विक नेता लेंगे भाग
अमेरिका के 248 साल के इतिहास में पहली बार एक राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में इतने उच्च-स्तरीय वैश्विक नेताओं की भागीदारी हो रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी ट्रंप ने निजी तौर पर आमंत्रित किया है। हालांकि, शी जिनपिंग ने अभी तक अपनी भागीदारी की पुष्टि नहीं की है। उनके स्थान पर चीन के उप-राष्ट्रपति हान झेंग या विदेश मंत्री वांग यी भी अमेरिका जा सकते हैं। इसके अलावा, अन्य प्रमुख देशों के नेताओं में अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नईब बुकेले, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई को भी आमंत्रित किया गया है।
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भारत की भूमिका और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का प्रतिनिधित्व
भारत का प्रतिनिधित्व इस शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। डॉ. जयशंकर ट्रंप प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिल सके। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के साथ, भारत अमेरिका के साथ अपने मजबूत संबंधों को और भी मजबूती देना चाहता है।
ट्रंप का भव्य समारोह और रिकॉर्ड डोनेशन
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर अमेरिका में जबरदस्त उत्साह है। वीआईपी पास के लिए कई कंपनियों और उद्योगपतियों ने भारी दान दिया है। अब तक 170 मिलियन डॉलर से अधिक राशि इकट्ठा हो चुकी है, और उम्मीद है कि यह राशि 200 मिलियन डॉलर के पार चली जाएगी। बोइंग, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसी कंपनियों ने भारी दान दिया है। हालांकि, वीआईपी पास पहले ही पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं, और कई दानदाताओं को भी शपथ ग्रहण में प्रवेश नहीं मिल पाया है।
परंपराओं से हटकर एक नया दृष्टिकोण
ट्रंप ने राष्ट्रपति शपथ ग्रहण में कई परंपराओं को तोड़ते हुए वैश्विक नेताओं को आमंत्रित किया है। पिछले राष्ट्रपति शपथ ग्रहण में केवल अमेरिकी नेताओं की भागीदारी होती थी, लेकिन इस बार ट्रंप ने एक नया दृष्टिकोण अपनाया है। उनका उद्देश्य विश्व स्तर पर एक भव्य और सहयोगात्मक इवेंट की ओर बढ़ना है, जिससे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा और संवाद को बढ़ावा मिले।