diwali kab hai 2024: दीपावली कब है? खुशी और उमंग से भरे इस त्यौहार के बारे में जाने सभी महत्वपूर्ण जानकारी!

Subhra kanta
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diwali kab hai 2024

diwali kab hai 2024:दीपावली कब है? आज हम आपको बता रहे रोशनी से जगमग दीपावली के इस त्यौहार के बारे जुड़ी सारी बातें जो आपको जरूर पता होना चाहिए। खुशियों और उल्लास से मनाया जाने वाला यह पर्व दीपावली सूख और समृद्धि लेकर आता है। दीपावली का पर्व अंधकार पर विजय प्राप्ति, बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने के लिए मनाया जाता है।

diwali kab hai 2024

diwali kab hai 2024

दीपावली का दूसरा नाम दिवाली है जिसका अर्थ दीपो की कतार या दीपो की पंक्ति होता है। भारत देश में सबसे महत्वपूर्व त्यौहारों में से एक दीपावली का त्यौहार है। इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान प्राप्त करना है। इस त्यौहार को मनाने से दिलों में प्रेम, भक्ति और एकता की भावना का आगमन होता है। 

दीपावली का पर्व मनाने के पीछे क्या कारण है?

दीपावली का पर्व प्रकाश का पर्व माना गया है। इस दिन श्री राम रावण का वध करके पुनः अयोध्या नगरी आए थे। 14 साल वनवास पूरा करके जब श्री राम अपनी अयोध्या वापस आते है तो नगरवासी उनके स्वागत के लिए पूरी नगरी दीपो से प्रज्ज्वलित कर देते है। 

पूर्वी भारत के अनुसार दीपावली का पर्व देवी काली माता को समर्पित है, वही दूसरी ओर ब्रज के कुछ क्षेत्रों एवं दक्षिण भारत में यह पर्व भगवान श्री कृष्ण द्वारा नरकासुर नामक राक्षस को हराने से सम्बन्धित है। यह भी माना गया है कि गुजरात के कई क्षेत्रों में दीपावली का पर्व नए वर्ष की शुरुआत करने के लिए मनाया जाता है।

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2024 में दीपावली कब मनाई जाएगी? दीपावली कब है? जानिए पूरा कैलेंडर

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि दिपावली 31 और 1 नवंबर दोनों दिन मनाया जाएगा।

दिन

तारीख़ 

त्यौहार का नाम 

मंगलवार

29 अक्टूबर 2024

धनतेरस

गुरुवार

31 अक्टूबर 2024

छोटी दीपावली 

गुरुवार

31 अक्टूबर 2024

बड़ी दीपावली 

शनिवार

2 नवंबर 2024

गोवर्धन पूजा 

रविवार

3 नवंबर 2024

भाई दूज

दीपावली पर्व के पाँच दिनों के बारे में सभी जानकारी

अब हम आपको सभी दिनों के बारे में बता रहे है। इस पर्व सभी पाँच दिनों को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।  

धनतेरस (29 अक्टूबर 2024) 

दीपावली का पहला दिन धनतेरस के नाम से जाना जाता है। इस दिन सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई अच्छे से करते है ताकि लक्ष्मी माँ की कृपा सदैव बनी रहे। इस दिन पर सभी लोग सोना, चांदी और नए बर्तन खरीदते है, ऐसा करने से लक्ष्मी माता का अशीर्वाद मिलता है और हमे धन एवं सौभाग्य प्राप्त होता है। 

छोटी दीपावली (30 अक्टूबर 2024) 

दिवाली के दूसरे दिन को छोटी दीपावली के नाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर पर विजय प्राप्त की थी। तभी से यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। इस दिन पर घरों में मिट्टी के दिये जलाये जाते है, ऐसा करने से आसपास का वातावरण सकारात्मकता से भर जाता है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म हो जाता है। 

दीपावली (31 अक्टूबर 2024)

दीपावली का मुख्य दिन देवी लक्ष्मी माता को समर्पित होता है। इस दिन घरों की सजावट कई झालरो से की जाती है और घर के द्वार पर दिये जलाने के साथ साथ ही बहनो एवं माताओ द्वारा सुन्दर सी रंगोली बनाई जाती है। दीपावली का यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का संदेश प्रदान करता है। 

गोवर्धन पूजा (2 नवंबर 2024) 

दीपावली का चौथा दिन भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इंद्र द्वारा मूसलाधार बारिश की जाने पर भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी सी अंगुली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया था। तभी से लोग गोवर्धन पूजा मनाते आ रहे है।

भाई दूज (3 नवंबर 2024)

दीपावली पर्व का यह पाँचवा एवं अंतिम दिन होता है जिसे भाई दूज के नाम से जाना जाता है। इस शुभ दिन के अवसर पर सभी बहने अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाती है और उनकी लम्बी उम्र, सूख एवं समृद्धि की कामना करती है। 

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 

समय एवं तिथि

आयोजन

31 अक्टूबर 

दीपावली 2024

शाम 05:36 से लेकर 06:16 तक

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त

31 अक्टूबर 2024 को 03:52 बजे 

अमावस्या तिथि आरम्भ 

नवंबर 2024 को शाम 06:16 तक 

अमावस्या तिथि समाप्त

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