BPSC 70 वीं परीक्षा विवाद: मुख्य मुद्दे और अभ्यर्थियों की मांगें

Shubhra Sharma
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BPSC 70

BPSC 70 बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा, जो 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी, वर्तमान में विवादों के केंद्र में है। परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणामों तक, कई मुद्दों ने अभ्यर्थियों और प्रशासन के बीच तनाव उत्पन्न किया है। आइए, इस विवाद के प्रमुख पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।

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BPSC 70

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परीक्षा के आयोजन में अनियमितताएं

13 दिसंबर 2024 को आयोजित 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा में प्रदेश के 925 केंद्रों पर लगभग 3,25,000 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। परीक्षा से पूर्व ही नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष था, जो बाद में विरोध प्रदर्शनों में परिवर्तित हो गया।

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नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध

नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षाओं के कठिनाई स्तर को संतुलित करने के लिए अंकों का समायोजन किया जाता है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि BPSC ने इस प्रक्रिया को लागू करने में पारदर्शिता नहीं बरती, जिससे उनके परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। इस मुद्दे पर अभ्यर्थियों ने पटना में व्यापक प्रदर्शन किए, जिनमें पुलिस लाठीचार्ज भी शामिल था।

पेपर लीक के आरोप

परीक्षा के दिन, विशेषकर पटना के बापू सभागार केंद्र में, प्रश्न पत्र वितरण में देरी और अव्यवस्था की खबरें सामने आईं। कुछ अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप लगाए, जिससे परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठे। हालांकि, BPSC ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पेपर लीक के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।

पुनर्परीक्षा की मांग

अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोपों के मद्देनजर 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाए। उन्होंने इस संबंध में सरकार और आयोग को 48 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया। हालांकि, BPSC के चेयरमैन रवि मनु भाई परमार ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी और पुनर्परीक्षा का कोई प्रश्न नहीं उठता।

राजनीतिक हस्तक्षेप

इस विवाद में राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। प्रशांत किशोर ने अभ्यर्थियों के समर्थन में बयान दिए, जिससे विवाद और गहरा गया। उन पर छात्रों को उकसाने के आरोप में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। प्रशांत किशोर ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ अधिकारी हीरो बनने की कोशिश कर रहे हैं।

सरकार और आयोग की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि सरकार अभ्यर्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अभ्यर्थियों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करें। वहीं, BPSC ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है और परिणाम समय पर घोषित किए जाएंगे।

अभ्यर्थियों का सत्याग्रह

पटना के गर्दनीबाग में अभ्यर्थियों का सत्याग्रह जारी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद वे अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने गांधी मैदान में एकत्रित होने और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई है।

BPSC की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर उपजे विवाद ने बिहार में शिक्षा प्रणाली और भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अभ्यर्थियों की मांगें और उनके विरोध प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। सरकार और आयोग की जिम्मेदारी है कि वे इस मामले का संवेदनशीलता से समाधान करें, ताकि अभ्यर्थियों का विश्वास बहाल हो सके और भविष्य में ऐसी परिस्थितियों की पुनरावृत्ति न हो।

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