Bihar NDA: NDA में छिड़ा जंग , जाने सीट शेयरिंग कबतक तय हो जाएगा

Shashikant kumar
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Bihar NDA

Bihar NDA: बिहार में एनडीए में जंग छिड़ा हुआ है। जहां पर पीएम के रैली में कुशवाहा और चिराग नहीं पहुंचे लेकिन इसके बाद बीजेपी तरफ़ से सफ़ाई आया कि सरकारी कार्यक्रम था इसलिए नहीं आएं हालांकि इसके पीछे जो भी कारण रहें होंगे लेकिन इस समय एनडीए में जो छोटी दल शामिल वो जदयू के आने के बाद नाराज़ चल रहे हैं। खासकर चिराग पासवान जो कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी अलग चुनाव लड़ चुके हैं। 

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एनडीए में सीट शेयरिंग

 एनडीए में सीट शेयरिंग लगभग अब तय हो चुका है जो खबरें पटना और दिल्ली दरबारो से सामने आ रहा उसे मानें तो इस बार बीजेपी के मुकाबले जदयू को कम सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। जदयू इस बार 9 – 13 सीटों पर चुनाव लड़ सकता जबकि बीजेपी सीटों की संख्या 20 से ज्यादा रहेगा। इस समय एनडीए में एक और खास फॉर्मुला पर चर्चा जिसमें छोटी पार्टी के उम्मीदवार भी  जदयू -बीजेपी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है वहीं इस फॉर्मूले से छोटे दल के नेता नाराज़ चल रहे हैं इसलिए पीएम के रैली से एनडीए के कुछ सहयोगी दल के नेता दुर हो गये। असल मायने में जदयू कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहता है इसलिए ऐसा फॉर्मुला लाया गया इससे बीजेपी -जदयू के सीटों संख्या बढ़ जाएगा लेकिन इसे छोटे दलों ने माने से इंकार कर दिया।

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बीजेपी जुड़े सुत्र का बड़ा दावा 

 बीजेपी से जुड़े एक सुत्र ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहा है उस सुत्र यहां तक कहा है कि जदयू – बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग पर कोई विवाद नहीं है बल्कि कि असल विवाद का जड़ है कि जदयू विधानसभा भंग करवाना चाहता है जबकि बीजेपी ये नहीं चाहता है। 

हम ने जब ये जानने कोशिश किया कि अगर जदयू नहीं मानता तो क्या विधानसभा भंग करवा दिया जाएगा इस पर स्पष्ट तौर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि आगे कैसी परिस्थिति बनेंगी कोई नहीं जानता है और अगर ऐसी परिस्थिति बनती तो बीजेपी महागठबंधन के सरकार स्थान पर विधानसभा भंग करवाना चाहेंगी क्योंकि नीतीश कुमार जब एनडीए में आए तभी ये शर्त रखें थें कि विधानसभा भंग करवाने का जिसे भाजपा के दिल्ली के बड़े नेता ने हां भी कहां था लेकिन जब हमने ये पुछा कि लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा का चुनाव हो सकता है तो इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला बस इतना कहा कि ऐसा नहीं होगा लेकिन अभी कहना कठिन है। खैर ये सुत्र कौन थें उनके बारे हम इसलिए नहीं बता रहे क्योंकि वो अपना पहचान जाहिर नहीं करना चाहते हैं।

लेकिन इंड टॉक के यूयूट्यूब चैनल पर मैंने आपसे ये कहा था कि अमित शाह ने नीतीश कुमार ऐसा कहा है कि लोकसभा के तीन महीने के बाद हम विधानसभा चुनाव करवा सकते हैं।लेकिन जदयू ये चाहता है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ में हो इसकी बड़ा वजह है कि विधानसभा तय समय पर होता तो ऐसी परिस्थिति में जदयू को तोड़ कर बीजेपी सरकार बना सकता है। हम ऐसी खबरें इंड टॉक पर सबसे पहले चलाएं था कि मई 2024 के बाद जदयू समाप्त हो जाएगा अगर नीतीश ऐसा नहीं चाहते हैं तो उनके पास दो विकल्प हैं पहला विधानसभा भंग करवाने का और दुसरा विकल्प है कि फिर से पलटी मारने का अगर इन दोनों विकल्प में किसी विकल्प को नीतीश नहीं चुनते हैं तो इसका सीधा अर्थ होगा कि नीतीश कुमार का पार्टी का बिहार में अंत तय हो जाएगा। 

मैंने एक और बात इंड टॉक यूयूट्यूब चैनल के विश्लेषण के दौरान कहा था कि नीतीश कुमार के लिए एक तरफ़ कुआं है और दुसरे तरफ़ खाड़ी अब नीतीश कुमार इन दोनों विकल्प से बचने के लिए विधानसभा भंग करवाना चाहते हैं जिससे नीतीश कुमार को इन मजदूरी मुक्ति मिल जाए। लेकिन जो परिस्थिति नजर आ रहा उस यही लग रहा है कि आगे विधानसभा भंग होने के खबर किसी भी समय आ सकता है। 

कैबिनेट विस्तार ना होना बड़े संदेश दे रहा 

https://youtu.be/gC6r870kfhI?si=qkNYWxMSpp5v3aVR

कैबिनेट का विस्तार ना होना भी एक बड़े संदेश दे रहा जिसे आप इस रूप में समझ सकते हैं कि बिहार विधानसभा किसी भी समय भंग हो सकता है ऐसी भी खबर है कि लोकसभा चुनाव के ऐलान होने से एकदम पहले ही विधानसभा को भंग करवाया जा सकता है, बातें यहां तक कहा जा रहा है कि विधानसभा भंग करते के विषय पर अब बीजेपी भी मान गया और बहुत जल्द ही ये होने जा रहा है इसलिए नीतीश कैबिनेट का विस्तार नही हो रहा है। लेकिन हमें ऐसा लग रहा है कि बीजेपी किसी भी कीमत पर विधानसभा चुनाव लोकसभा साथ नहीं करवाएं ये हो सकता है कि विधानसभा भंग करवा दिया जाएगा और चुनाव महाराष्ट्र झारखंड और हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ हो सकता या फिर जुलाई अगस्त में भी बिहार में चुनाव हो सकता है। अब देखना है कि आगे क्या होता है और नीतीश कैबिनेट का विस्तार होता भी या फिर नहीं‌।।

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शशिकांत कुमार युवा लेखक राजनीति, 2024 की रणभूमि पुस्तक के लेखक। पिछले कई चुनावों से लगातार ही सबसे विश्वसनीय विश्लेषक।।।
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