बिहार में दिव्यांगजनों को मिलेगा 10 लाख का सहारा, लौटाने होंगे सिर्फ 5 लाख – जानिए ‘मुख्यमंत्री दिव्यांगजन उद्यमी योजना’ की पूरी जानकारी

Shubhra Sharma
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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में एक नई योजना को मंज़ूरी दी गई है। इस योजना का नाम है – मुख्यमंत्री दिव्यांगजन उद्यमी योजना
इस योजना का मकसद है कि दिव्यांगजन भी समाज और अर्थव्यवस्था में बराबर की भागीदारी निभा सकें और अपनी आजीविका के लिए किसी पर निर्भर न रहें।

योजना के तहत दिव्यांगजन को कुल 10 लाख रुपये का पैकेज दिया जाएगा, लेकिन अच्छी बात यह है कि उन्हें पूरी राशि वापस नहीं करनी होगी। केवल 5 लाख रुपये ही लौटाने होंगे, वो भी पूरी तरह बिना ब्याज। शेष 5 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में सरकार माफ कर देगी। यानी दिव्यांगजन को एक ओर आर्थिक मदद मिलेगी और दूसरी ओर अतिरिक्त बोझ भी नहीं झेलना पड़ेगा।


योजना की पृष्ठभूमि

दरअसल, बिहार सरकार पहले से ही “मुख्यमंत्री उद्यमी योजना” चला रही है। इस योजना में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और अन्य आरक्षित वर्गों को बिज़नेस शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। अब इसी कड़ी में दिव्यांगजनों को भी जोड़ा गया है और उनके लिए अलग श्रेणी बनाई गई है।

सरकार चाहती है कि दिव्यांगजन भी आत्मनिर्भर बनें और खुद का रोजगार खड़ा कर सकें। इसलिए, समाज कल्याण विभाग ने यह नया प्रस्ताव रखा जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।


योजना की मुख्य विशेषताएँ

  1. 10 लाख रुपये की मदद – चयनित दिव्यांगजन को सरकार की ओर से कुल 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

  2. 5 लाख की सब्सिडी – इस रकम में से 5 लाख रुपये माफ कर दिए जाएंगे।

  3. बिना ब्याज ऋण – बाकी 5 लाख रुपये केवल ऋण होंगे, जिन्हें बिना ब्याज लौटाना होगा।

  4. लौटाने की आसान व्यवस्था – अंतिम किस्त मिलने के एक साल बाद से किश्तों में यह राशि लौटाई जाएगी।

  5. 58-60 प्रोजेक्ट्स के लिए लाभ – सरकार की ओर से तय प्रोजेक्ट्स की सूची में से दिव्यांगजन किसी भी व्यवसाय का चुनाव कर सकते हैं।

  6. प्रशिक्षण अनिवार्य – लोन की राशि मिलने से पहले चयनित उम्मीदवार को ट्रेनिंग दी जाएगी।


पात्रता शर्तें

  • आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए।

  • आवेदक के पास मान्य दिव्यांगता प्रमाण पत्र होना ज़रूरी है।

  • शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 12वीं पास रखी गई है। इसके अलावा ITI, पॉलिटेक्निक या अन्य डिप्लोमा धारक भी आवेदन कर सकते हैं।

  • उम्र 18 से 50 साल के बीच होनी चाहिए।

  • आवेदक किसी भी सरकारी नौकरी में न हो।

  • प्राइवेट नौकरी करने वालों की मासिक सैलरी 15,000 रुपये से कम होनी चाहिए।

  • किसी अन्य सरकारी उद्यमिता योजना का लाभ न मिल रहा हो।

  • आवेदक मानसिक रूप से सक्षम हो।

  • आवेदक या उसके परिवार का कोई सदस्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि न हो।

  • परिवार में राशन डीलर या केरोसिन डीलरशिप न हो।

  • 6 महीने या उससे अधिक की जेल की सज़ा प्राप्त व्यक्ति अयोग्य माना जाएगा।


आवेदन प्रक्रिया

  1. ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन – इच्छुक आवेदक को आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा।

  2. लॉगिन सेक्शन से MMUY चुनें – यहाँ MMUY (मुख्यमंत्री उद्यमी योजना) पर क्लिक करना होगा।

  3. आधार से रजिस्ट्रेशन – आवेदक अपना आधार नंबर डालकर रजिस्ट्रेशन कर सकता है।

  4. आवेदन फॉर्म भरें – व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षणिक योग्यता और बिजनेस प्रोजेक्ट का विवरण देना होगा।

  5. दस्तावेज़ अपलोड करें

    • जन्म प्रमाण पत्र

    • आधार कार्ड

    • शैक्षणिक प्रमाण पत्र

    • दिव्यांगता प्रमाण पत्र


लिस्ट में नाम कैसे देखें?

योजना के पहले चरण में 100 दिव्यांगजन को चुना जाएगा। चयनित उम्मीदवारों की सूची आधिकारिक पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। जिनका नाम आएगा उन्हें SMS या मेल से भी सूचना दी जाएगी।


पैसा कैसे मिलेगा?

  • चयनित उम्मीदवार को पहले ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाएगा।

  • ट्रेनिंग पूरी करने के बाद खाते में पहली किस्त आएगी।

  • 90 दिनों के भीतर इस राशि के उपयोग का प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।

  • उसके बाद दूसरी किस्त दी जाएगी और फिर उसी तरह तीसरी किस्त भी दी जाएगी।

  • पूरी राशि मिलने के बाद एक साल का समय दिया जाएगा, उसके बाद से EMI के रूप में लोन की वापसी शुरू होगी।


पैसा कैसे लौटाना होगा?

  • आखिरी किस्त मिलने के एक साल बाद लोन चुकाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

  • बैंक खाते से हर महीने तय EMI कटेगी।

  • क्योंकि इस लोन पर कोई ब्याज नहीं है, इसलिए केवल उतनी ही मूल राशि वापस करनी होगी।


किन प्रोजेक्ट्स में लाभ मिलेगा?

सरकार ने लगभग 58 से 60 प्रकार के प्रोजेक्ट्स तय किए हैं जिनमें लाभार्थी काम शुरू कर सकते हैं। इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • छोटे स्तर का मैन्युफैक्चरिंग

  • सर्विस सेक्टर के बिजनेस

  • कृषि आधारित व्यवसाय

  • रिटेल और शॉपिंग से जुड़े काम

  • कंप्यूटर सेंटर, साइबर कैफे आदि

प्रोजेक्ट का चयन लाभार्थी की योग्यता और रुचि के आधार पर होगा।


योजना का महत्व

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा।

  • पहले दिव्यांगजन अक्सर नौकरी या किसी सहायता पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब वे खुद का बिजनेस शुरू कर पाएंगे।

  • इससे समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच बनेगी और रोजगार सृजन भी होगा।

  • सरकार ने शुरुआती दौर में 100 लोगों को शामिल किया है, लेकिन भविष्य में इस संख्या को बढ़ाया जा सकता है।


हेल्पलाइन नंबर

योजना से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 345 6214 जारी किया गया है।


निष्कर्ष

‘मुख्यमंत्री दिव्यांगजन उद्यमी योजना’ बिहार सरकार का एक सराहनीय कदम है। यह योजना न केवल दिव्यांगजनों को आर्थिक सहारा देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित भी करती है। 10 लाख रुपये की यह सहायता पैकेज, जिसमें आधी राशि माफ और आधी बिना ब्याज लौटानी है, दिव्यांगजनों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।

अगर यह योजना सही तरीके से लागू हुई तो यह बिहार के दिव्यांग समाज के लिए एक नया अध्याय साबित होगी।

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