बिहार चुनाव 2025: राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ – सच या सिर्फ़ सियासी धमाका?

Shubhra Sharma
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बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने बयानों से चुनावी माहौल में सनसनी फैला दी है। उन्होंने हाल ही में दावा किया कि उनके पास बीजेपी और एनडीए की “वोट चोरी” की योजना का सबूत है, जिसे वे ‘हाइड्रोजन बम’ कह रहे हैं। सवाल यह है कि इस ‘हाइड्रोजन बम’ में कितना दम है और क्या यह वाकई फूटेगा, या सिर्फ़ सियासी हवा है?

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान दावा किया कि बिहार ही नहीं बल्कि देशभर में बड़े पैमाने पर चुनावी धोखाधड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग (ECI) और सत्तारूढ़ एनडीए मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर कर रहे हैं। राहुल का आरोप है कि “वोट चोरी” के जरिए जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास सबूत मौजूद हैं और समय आने पर वे “हाइड्रोजन बम” के ज़रिए पूरे देश के सामने यह सच उजागर करेंगे।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बार-बार “वोट चोरी” का आरोप लगाकर पहले ही हार मान चुके हैं। पाल ने तंज कसते हुए कहा – “हाइड्रोजन बम का मतलब विनाश होता है। क्या राहुल गांधी देश का विनाश चाहते हैं?”
बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी चुनाव हारने पर पहले ईवीएम को दोष देते थे, अब पहले से ही चुनाव आयोग और मतदाता सत्यापन प्रक्रिया को निशाना बना रहे हैं।

चुनाव आयोग की सफाई

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। आयोग का कहना है कि बिहार समेत देशभर में Special Intensive Revision (SIR) के ज़रिए सिर्फ़ फर्जी और अयोग्य वोटरों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है। आयोग ने विपक्षी दलों को मौके पर जाकर इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए आमंत्रित भी किया, लेकिन कांग्रेस कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी।

कर्नाटक और महाराष्ट्र का मामला

राहुल गांधी ने दावा किया था कि कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में लाखों फर्जी वोटर जोड़े गए थे। इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भी धांधली होने का आरोप लगाया था। इन दावों पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस से शपथपत्र और सबूत मांगे थे, लेकिन अब तक ठोस प्रमाण सामने नहीं आए।

वाराणसी कनेक्शन

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ का संबंध वाराणसी से है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने संकेत दिया कि राहुल गांधी जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकते हैं। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या राहुल गांधी बिहार चुनाव से ठीक पहले इस “हाइड्रोजन बम” को फोड़कर राजनीतिक माहौल बदलने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष की दुविधा

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी, पीएम मोदी और तेजस्वी यादव तीनों को “एक्सपायर्ड दवाएं” बताया। उन्होंने कहा कि ये नेता भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते। विपक्षी खेमे के भीतर भी इस बात पर संदेह है कि क्या राहुल गांधी का यह दावा सिर्फ़ चुनावी रणनीति है या वाकई उनके पास कुछ ठोस सबूत हैं।

बड़ा सवाल

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ वास्तव में कोई बड़ा खुलासा करेगा या फिर यह सिर्फ़ चुनावी स्टंट बनकर रह जाएगा। बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है, ऐसे में कांग्रेस इस मुद्दे का इस्तेमाल मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए करना चाहती है। लेकिन बिना सबूत के यह आरोप राहुल गांधी और कांग्रेस की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर सकते हैं।

निष्कर्ष

बिहार चुनाव 2025 में मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच होना तय है। लेकिन राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले बयान और ‘हाइड्रोजन बम’ के दावे ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। अब देखना होगा कि यह ‘हाइड्रोजन बम’ सच में धमाका करता है या फिर सिर्फ़ सियासी आतिशबाज़ी साबित होता है।

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