बिहार चुनाव 2025: टिकट की मारामारी, छुटभैये से बड़े दावेदार तक सब मैदान में; भागलपुर की सीटों पर सबसे ज्यादा हलचल

Shubhra Sharma
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, प्रदेश का सियासी माहौल और गरमाता जा रहा है। इस बार का चुनाव केवल महागठबंधन बनाम एनडीए की टक्कर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि टिकट बंटवारे की राजनीति भी चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गई है। छुटभैये नेताओं से लेकर दिग्गज दावेदार तक हर कोई यही कह रहा है – अगर पार्टी ने टिकट दिया, तो जीत पक्की है।

विशेषकर भागलपुर जिले की सात विधानसभा सीटों पर टिकट के लिए दावेदारों की लंबी कतारें लग गई हैं। इनमें सुल्तानगंज, नाथनगर और कहलगांव सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं।


नाथनगर: जदयू के सबसे ज्यादा दावेदार

नाथनगर विधानसभा सीट पर इस बार जदयू खेमे में सबसे ज्यादा दावेदार नजर आ रहे हैं।

  • महेश यादव, जो लंबे समय से इलाके में सक्रिय हैं और जिला परिषद सदस्य भी रह चुके हैं, अपनी दावेदारी को मजबूत मानते हैं।

  • उनके अलावा पप्पू मंडल, अजय राय, कल्याणी साह, शिशुपाल यादव, धनंजय मंडल और पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत मंडल भी टिकट की दौड़ में हैं।

हर दावेदार का मानना है कि उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया है और जनता का समर्थन उनके साथ है। इस वजह से पार्टी अगर उन्हें मौका देती है, तो जीत निश्चित है।


कहलगांव: जदयू और कांग्रेस दोनों में दावेदारों की भीड़

कहलगांव विधानसभा क्षेत्र टिकट की राजनीति का हॉटस्पॉट बन चुका है।

  • जदयू से शुभानंद मुकेश, जेपी सेनानी सकलदेव मंडल और संजीव चंद्रवंशी दावेदारी में सक्रिय हैं।

  • कांग्रेस में तो टिकट चाहने वालों की लंबी फेहरिस्त है। ई. परवेज जमाल, नगेंद्र कुमार मंडल (नवीन), शारिक खान, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, प्रवीण सिंह कुशवाहा, बिपिन बिहारी यादव, ई. भानु प्रताप यादव, शिवदानी पटेल, प्रवीण राणा, शिबली मंजूर, प्रीतम कुमार और कमाल उद्दीन समेत कई नेता कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हैं।

यहां कांग्रेस खेमे में इतनी भीड़ यह दिखाती है कि स्थानीय नेता अपने सामाजिक समीकरण और कामकाज के दम पर टिकट पाने की जुगत में हैं।


भागलपुर: कांग्रेस विधायक के रहते नए चेहरों की कतार

भागलपुर सीट पर फिलहाल कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा सक्रिय हैं। बावजूद इसके, टिकट पाने के लिए नए चेहरों की लंबी कतार बन गई है।

  • ज्योति कुमार सिंह, डॉ. प्रवीण झा, अनामिका शर्मा, कुणाल सिंह, डॉ. जनार्दन प्रसाद साह, प्रमोद मंडल, अमित आनंद, रौशनी कुमारी गुप्ता और सौरभ पारिख भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

इससे साफ है कि कांग्रेस के भीतर भी नए चेहरों को आजमाने की मांग तेज है।


सुल्तानगंज: मौजूदा विधायक बनाम दावेदारों की भिड़ंत

सुल्तानगंज की तस्वीर और दिलचस्प है। यहां जदयू के मौजूदा विधायक प्रो. ललित मंडल पहले से मौजूद हैं, लेकिन जिलाध्यक्ष विपिन बिहारी सिंह और संजीव कुमार भी टिकट की चाह में ताल ठोक रहे हैं।

  • कांग्रेस खेमे से आनंद माधव, राजेश कुमार मिश्रा, पंकज मिश्रा, ललन यादव, राजेश रंजन राजू, कुमार अमरेंद्र और अशोक सिंह मैदान में उतरे हैं।

कांग्रेस के टिकटार्थी आनंद माधव ने तो अपने कामकाज की पूरी सूची गिनाई है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इलाके में 160 स्कूलों और 50 मदरसों में स्वच्छता अभियान चलाया, 25 हजार महिलाओं का निबंधन कराया, 60 से ज्यादा सामुदायिक बैठकें कीं और राहुल गांधी की यात्रा के दौरान चार जगह स्वागत भी किया। इसके अलावा 250 मोटरसाइकिल रैलियां, सैकड़ों पोस्टर-बैनर और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर उन्होंने कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने का काम किया है।


गोपालपुर और अन्य सीटों पर भी सियासी हलचल

गोपालपुर में जदयू विधायक गोपाल मंडल ने खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए पूर्व सांसद बुलो मंडल पर तीखे हमले किए हैं। हालांकि बुलो मंडल ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं कहलगांव में राजद खेमे ने पोस्टर फाड़े जाने के मुद्दे को उठाकर माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश शुरू कर दी है।


नतीजा: टिकट से पहले ही चुनावी रंगत तेज

बिहार चुनाव 2025 में इस बार टिकट के लिए जबरदस्त मारामारी है। हर दावेदार अपने जातीय समीकरण, संगठनात्मक पकड़ और व्यक्तिगत छवि को जीत का पासपोर्ट मान रहा है। टिकट की घोषणा से पहले ही दावेदारी का शोर चुनावी माहौल को और गर्मा रहा है।

यह साफ है कि इस बार बिहार का चुनाव टिकट की लड़ाई से शुरू होकर सीट की लड़ाई तक जाएगा, और इसमें छुटभैये से लेकर बड़े दिग्गज तक सब एक ही लाइन में खड़े दिखाई देंगे।

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