Basant Panchami 2025:बसंत पंचमी न केवल मां सरस्वती की आराधना का पर्व है, बल्कि यह बसंत ऋतु के शुभारंभ का प्रतीक भी है। इस दिन ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। विद्यार्थी, कलाकार और बुद्धिजीवी इस अवसर पर विशेष रूप से मां सरस्वती से ज्ञान, विद्या और सृजन का आशीर्वाद मांगते हैं।
Basant Panchami 2025
प्रकृति भी इस पर्व का स्वागत करती है। पेड़ों पर नई कोंपलें आने लगती हैं, खेतों में सरसों की पीली चादर बिछ जाती है, और चारों ओर हरियाली व उल्लास का वातावरण बन जाता है। लेकिन ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इस पावन दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान न रखना आपके जीवन और करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
basant panchami 2025 kab hai बसंत पंचमी 2025 तिथि और महत्व
बसंत पंचमी कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि का वरदान मिलता है।
इन 5 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान
- काले वस्त्र पहनने से बचें
बसंत पंचमी पर काले कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। इस दिन पीले या सफेद वस्त्र धारण करना शुभ होता है, क्योंकि पीला रंग बसंत ऋतु का प्रतीक है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- पूजा से पहले भोजन न करें
पूजा संपन्न होने से पहले भोजन ग्रहण न करें। यह धार्मिक दृष्टि से अनुचित माना जाता है और इससे मां सरस्वती अप्रसन्न हो सकती हैं।
- तामसिक भोजन से करें परहेज
इस दिन मांसाहार, शराब और अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित है। शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- सरस्वती मंत्र का जाप करें
मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए पूजा के बाद “सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और ज्ञान का संचार करेगा।
- पेड़ों की कटाई-छंटाई न करें
बसंत पंचमी से बसंत ऋतु का आगमन होता है। इस दिन पेड़ों को काटना या छांटना प्रकृति के संतुलन के लिए अशुभ माना जाता है।
उपसंहार
बसंत पंचमी एक पावन पर्व है जो जीवन में सकारात्मकता, उल्लास और ज्ञान का संचार करता है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना के साथ उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर अपने जीवन और करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लें।