Chhath Puja 2024 : बिहार के आन बान शान छठ महापर्व कब हैं और इस छठ पूजा के तारीखों कोई मतभेद ना रहें इसलिए आप इस लेख को अंत तक पढ़े।
Chhath Puja 2024
छठ पूजा कब हैं??
छठ पूजा हर बार दीपावली के छः दिनों के बाद होता है लेकिन इस बार दीपावली 31 और 6 तारीख को ऐसे में ये मतभेद हैं कि इस बार छठ पूजा 6 तारिख मनाएं जाएगा या फिर 7 तारीख को। हम आपके इस कन्फ्यूजन आज दुर करेंगे और बताएंगे कि छठ पूजा की सही तारीख क्या है।
अगर पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 7 नवंबर की देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 8 नवंबर की देर रात 12 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में 7 नवंबर, गुरुवार के दिन ही संध्याकाल का अर्घ्य दिया जाएगा और सुबह का अर्घ्य अगले दिन 8 नवंबर को दिया जाना है।
Chhath Puja 2024 Wishes: छठ पूजा शुभकामनाएं मैसेज
नहाय-खाय कब होगा ( कद्दू भात कब)
नहाय -खाय कब होने जा रहा है जिसे स्थानीय भाषा में कद्दू भात भी कहा जाता है। इस बार कद्दू भात 5 नवंबर को हैं। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं पवित्र नदी में स्नान करके ध्यान के साथ सुर्य की उपासना करती हैं।
खरना कब है??
इस बार खरना छः नवंबर को मनाया जाएगा इसी साथ 36 घंटा का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है और छठी मैया की पूजा में लीन रहती हैं।इस साल खरना 6 नवंबर, बुधवार के दिन पड़ रहा है।
डुबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देना
7 नवंबर के दिन छठ पूजा का तीसरा दिन है। जिसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसकी अगली सुबह 8 नवंबर, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाना है। इसके साथ ही छठ पूजा की समाप्ति हो जाएगी।
छठ पुजा का महत्व
चार दिवसीय छठ पूजा पर्व सूर्य देव और प्रकृति की उपासना का प्रतीक है। इस महापर्व की महत्व इस रुप में समझ सकते हैं कि ये पर्व ये नहीं कहता है कि उगते सूर्य को जल चढ़ाओ बल्कि ये पर्व तो हमें सिखाता है कि जितना महत्व डुबते हुए सुरज का उतना ही महत्व उगते हुए सुरज का है।
छठ पूजा का महत्व: सूर्य देव और प्रकृति की उपासना
छठ पूजा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह चार दिवसीय पर्व सूर्य देव और प्रकृति की उपासना का प्रतीक है।
छठ पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?
सूर्य देव की उपासना: छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव की उपासना करना है।
सूर्य को जीवनदाता माना जाता है और यह माना जाता है कि सूर्य देव के आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
प्रकृति का महत्व: छठ पूजा में प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे पानी, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है। यह हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उसके संरक्षण का संदेश देता है।
स्वास्थ्य लाभ: छठ पूजा के दौरान व्रत रखने से शरीर को आराम मिलता है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
समाजिक एकता: छठ पूजा के दौरान सभी लोग मिलकर पूजा करते हैं, जिससे सामाजिक एकता बढ़ती है।
धार्मिक विश्वास: यह पर्व धार्मिक विश्वास को मजबूत करता है और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।