Eletions:अमित शाह ने एक दावा किया जिसमें वो बोलें कि बीजेपी पहले पांच पेज़ में तीन सो पार कर चुका है। आखिरी दो पेजों चार सो पार पहुंच जाएगा परंतु सवाल यहीं है कि क्या सच में बीजेपी चार सो पार पहुंचने वाला है या फिर नहीं।
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कौन से राज्यों से बढ़ने जा रहा सीटें
अगर सच में होने जा रहा है तो वो कौन से राज्य जहां से बीजेपी के सीटों संख्या पिछली बार से बढ़ने वाला है,क्योंकि हिन्दी पट्टी राज्य या फिर जिसे आप cow belt कह सकते हैं उन राज्यों में बीजेपी सबकुछ जीत चुका है। हिन्दी पट्टी के सभी राज्यों बीजेपी अपने सबसे बेहतर प्रदर्शन कर चुका है। तो फिर ये नारा बीजेपी कैसे दे रहा है अबकी बार चार सो पार।
भाजपा चार सो पार का नारा दे रहा है इसके पिछे बड़ा कारण है कि 2019 में जब मोदी चुनाव जीते तभी से बीजेपी का पुरा फ़ोकस है उन राज्यों होने लगा जिन राज्यों में बीजेपी अबतक कमजोर स्थिति रहीं हैं जैसे कि दक्षिण भारत यहां पर 129 सीटों में से बीजेपी केवल 29 सीट जीत पाई है वो सीटें पांच दक्षिण राज्यों में से केवल दो राज्य तेलंगाना और कर्नाटक से आया था लेकिन अक्सर ही जो राजनीति के विश्लेषक होते हैं वो यही गलती कर जातें हैं कि बीजेपी को उस नजरिए देखते हैं कि ये पार्टी हिंदी पट्टी तक सीमित राजनीति दल है, लेकिन अब ऐसा नहीं बीजेपी लगातार ही अपना विस्तार कर रहा है जिस प्रकार से पिछले बार बीजेपी युपी से नुकसान के भरपाई बंगाल से कर लिया था ठीक उसी प्रकार इस बार जो हिन्दी पट्टी के राज्यों में जो नुकसान बीजेपी होने वाला उसकी भरपाई दक्षिण और नॉर्थ ईस्ट राज्यों से बीजेपी कर लेगा।
इस बार बीजेपी के दक्षिण के पांचों राज्यों में सीटें बढ़ने जा रहा है वो सीटें जो बढ़ने जा रहा है उसकी संख्या करीब 30-40 है। पिछले बार दक्षिण केवल दो राज्यों से ही बीजेपी को 29 सीटें आ गया था, लेकिन इस बार कर्नाटक में कुछ सीटें कम होने जा रहा है और जो सीटें कम होने जा रहा उसकी संख्या चार या पांच है। हालांकि बीजेपी के लिए एक अच्छी बात है कि इस बार बीजेपी दक्षिण के उन राज्यों में सीटें मिलने जा रहा जहां पर बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था,जैसे कि आंध्रप्रदेश , तमिलनाडु और केरल इन तीन राज्यों से इस बार बीजेपी को 8-15 सीटें मिलने जा रहा है, अगर एनडीए को मिला दें तो सीटों संख्या कुछ हद तक बढ़ भी सकता है।
नार्थ ईस्ट बीजेपी के स्थिति
जब बात हम नार्थ ईस्ट करते हैं तो इस बात में कोई दोराय नहीं है कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनें के बाद इस क्षेत्र में विकास का जो रफ्तार है वो तेज़ी बढ़ा है और इस बात को नार्थ ईस्ट के लोग बखूबी जानते हैं पिछले बार इस क्षेत्र से 25 मे से 19 सीटें आया था। लेकिन इस बार ये संख्या 22 से 23 भी हो सकता है खासकर असम में बीजेपी अपने सीटों के साथ सहयोगी दलों के सीटें जीतने जा रहा और ये संख्या 14 में 14 भी हो सकता है।
अगर कोई ये सोच रहा है कि बीजेपी अपनी चुनावी तैयारी चुनाव के एक या दो साल के पहले करता तो शायद वो ग़लत क्योंकि बीजेपी चुनाव लड़ने का एक मशीन जो कि 2019 में चुनाव जीतने के बाद फ़ौरन बाद कमजोर सीटों को पहचान करके उन सीटों पर चुनाव जीतने का तैयारी शुरू कर देता है।
जिस प्रकार से 2019 में बंगाल नतीजा देखकर सब हैरान हो चुकें उसी तरह से दक्षिण राज्यों में बीजेपी के बढ़ती शक्ति देखकर सब लोग हैरान हो जाएंगे और इस बार दक्षिण राज्यों बड़ा खेल बीजेपी खेलने जा रहा जो कि आप सभी ने अबतक कल्पना भी नहीं किए होंगे वो चार जुन होने जा रहा है।
ये एकमात्र ऐसा चुनाव जब कोई भी राजनीति दल चाहें वो सत्ता रहें या फिर विपक्ष में ऐसा कोई भी राष्ट्रीय नेगेटिव सेट नहीं कर सका जो कि पुरे देश के जनता को पोलिंग बूथ आने के लिए मजबुर कर दें,लेकिन फिर भी स्पष्ट बहुमत के सरकार बने जा रहा है और इस बार शाय़द देश के जनता एक चौंकाने वाला नतीजा दे तो आप हैरान मत होइए गा जो बातें अब न्यूज़ चैनलों डिबेट देखा उससे भी चौंकाने वाले नतीजे के लिए तैयार रहिए।